सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल जैसा इसका नाम है, ठीक उसी तरह यह अस्पताल पूरे उत्तर बंगाल में विख्यात है, और यहां दूर-दूर से मरीज इलाज करने आते हैं, कुछ मरीज तो ऐसे होते हैं, जिन्हें यहां इलाज के लिए वीजा लेकर आना पड़ता है, लेकिन कुछ दिनों से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सा प्रणाली में बाधाएं आ रही है | देखा जाए तो जब से आरजी कर मेडिकल में महिला जूनियर डॉक्टर हत्याकांड की घटना घटित हुई है , उसके बाद से ही उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चर्चा में बना हुआ है | बता दे कि, बीते कुछ दिनों से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर विभिन्न मांगों को लेकर भूख हड़ताल में बैठे हुए हैं वहीं पूरे राज्य में 14 से 16 अक्टूबर तक सरकारी- बेसरकारी, जूनियर-सीनियर सभी डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं और इन सभी मामलों का असर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पड़ रहा है |
आज फिर मेडिकल का माहौल उत्तेजित हो गया, जब चिकित्सा सेवा न मिलने पर आक्रोशित लोगों ने मेडिकल सुपर के कार्यालय में तोड़फोड़ की और उस दौरान मेडिकल परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया था, वहीं सूचना मिलने के बाद मेडिकल चौकी की पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले को शांत किया |
जानकारी अनुसार मरीज के परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया, उन्होंने ने बताया कि, वे कल भी आए थे और कई घंटे तक कतार में खड़े रहे, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली और आज भी जब वे आए , तो उसी प्रकार की स्थिति बनी हुई थी, और रोजाना मरीजों को लेकर यहां आना संभव नहीं,इस तरह की स्थिति से मरीज के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है | वहीं मेडिकल में भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों का समर्थन करते हुए ,आज सीनियर डॉक्टरों ने भी उनके साथ 12 घंटे का भूख हड़ताल किया | वही अब उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज की चरमराती हुई चिकित्सा प्रणाली को देखते हुए, जलपाईगुड़ी भाजपा सांसद जयंत राय ने भी अपनी प्रतिकिया देते हुए कहा कि, एक के बाद एक राज्य में घटनाएं घटित हो रही है और आरजी कर मामले ने तो पूरे विश्व में ही सुर्खियां बटोरी, लेकिन फिर भी राज्य सरकार की नींद नहीं टूटी | जिस प्रकार से मेडिकल में जूनियर डॉक्टर अनशन पर बैठे हुए हैं और उनका समर्थन करते हुए 12 घंटे के हड़ताल पर अब सीनियर डॉक्टर भी बैठ गए हैं और इसका असर चिकित्सा प्रणाली में पड़ रहा है , साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, राज्य सरकार को डॉक्टरों की मांग पर गौर करना चाहिए, क्योंकि वे भी संतान के समान है |
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