निवेदिता रोड पर दुकानों को तोड़ने आई सिलीगुड़ी नगर निगम और पुलिस प्रशासन की टीम के आगे एक वृद्ध महिला आंचल फैलाकर खड़ी हो गई और बोली, हमें रोजी-रोटी की भीख दे दीजिए. हम कहां जाएंगे.30 सालों से दुकान कर रहे हैं. अगर दुकानों को तोड़ दिया तो हमारे बच्चे मर जाएंगे. हमारी रोजी-रोटी मत छीनो.. वृद्ध महिला की आंखों में दर्द भरे आंसू थे. वह बेतरह रो रही थी. दूसरे छोटे-छोटे व्यापारी भी अपने भविष्य की चिंता को लेकर व्याकुल नजर आ रहे थे.
निवेदिता रोड पर काफी सारे व्यवसाईयों का हजूम था. जब उनकी दुकानों को तोड़ने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम और पुलिस प्रशासन की टीम पहुंची थी. व्यवसाईयों के साथ खड़े थे यहां के तृणमूल पार्षद दिलीप बर्मन जो सिलीगुड़ी नगर निगम में MIC भी हैं. दिलीप वर्मन ने साफ कहा कि जब तक हमारे व्यापारियों की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक यहां से दुकानों को हटाने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि पार्टी मुझे निकाल देगी. मैं हमेशा अपनी जनता के लिए राजनीति करता हूं. पहले प्रशासन व्यापारियों की सुने. अगर व्यापारियों की दुकानों की सेटिंग पहले कर ली जाती है तो मैं वादा करता हूं, 24 घंटे के अंदर यहां से सभी दुकानों को हटा दिया जाएगा. सुनिए दिलीप बर्मन ने और क्या-क्या कहा…
सिलीगुड़ी के निवेदिता रोड पर प्रशासन की गाज गिरी है. यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा हुआ है, जो चंपासारी मोड से गुरुंग बस्ती मोड तक जाता है. इस रोड के दोनों तरफ नाले पर व्यापारियों की कई दुकानें बरसों से चल रही है. कई दुकानें तो 30- 40 सालों से बनी है, जहां इलाके के लोग छोटे-मोटे व्यापार करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं. कुछ दुकानें पक्की हैं, तो कई दुकानें कच्ची हैं. जिन्हें टिन या टाट से घेर कर बनाया गया है. यह सभी दुकानें सरकारी जमीन पर बनी हैं. व्यापारियों का कहना है कि इतने दिनों तक प्रशासन क्या कर रहा था. अब उनकी रोजी-रोटी का एकमात्र सहारा दुकान है तो उसे तोड़ने के लिए क्यों कह रहा है. व्यापारी यह भी कहते हैं कि वह अपनी दुकान हटा लेंगे. परंतु उससे पहले प्रशासन उनकी वैकल्पिक व्यवस्था करे.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश से सिलीगुड़ी निगम प्रशासन इन दुकानों को खाली कराना चाहता है. परंतु समस्या यह है कि यहां के व्यापारी तब तक दुकानों को हटाने के लिए विरोध कर रहे हैं, जब तक कि प्रशासन के द्वारा उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर ली जाती. 46 नंबर वार्ड के तृणमूल पार्षद दिलीप बर्मन व्यापारियों के साथ हैं. वह भी व्यापारियों की मांग का समर्थन करते हैं. जबकि सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन सर्वप्रथम इन दुकानों को गिरा देना चाहता है.
उसके बाद व्यापारियों के मसले पर विचार करना चाहता है. कुछ दिनों पहले सिलीगुड़ी नगर निगम की टीम के द्वारा निवेदिता रोड पर स्थित बाजार को खाली कराया गया था. दुकानदारों को चेतावनी दी गई थी और कहा गया था कि जल्द से जल्द अपनी दुकान खाली कर दें. लेकिन प्रशासन की चेतावनी के बावजूद बाद में व्यापारियों ने फिर से बाजार लगाना शुरू कर दिया. आज एक बार फिर से सिलीगुड़ी नगर निगम और प्रशासन की टीम निवेदिता रोड को खाली कराने आई थी. हालांकि प्रशासनिक टीम को ज्यादा कामयाबी नहीं मिली. इलाके के पार्षद को पता चला तो वे फौरन मौके पर पहुंच गए और प्रशासन की कार्यवाही में बाधक बन गये.
व्यापारियों और वार्ड पार्षद दिलीप बर्मन के विरोध के बाद निवेदिता रोड से दुकानों को हटाने आई सिलीगुड़ी नगर निगम और पुलिस प्रशासन की टीम नाले के ऊपर बनी कच्ची दुकानों को हटाने में सफल रही. परंतु उन दुकानों को हटा नहीं पाई, जो पिछले 30 40 वर्षों से वहां लगती आ रही है. व्यापारियों के साथ दिलीप बर्मन को देखकर व्यापारियों में भी काफी हिम्मत आ गई थी. उनके भारी विरोध के कारण निगम की टीम दुकानों को हाथ लगाए बगैर ही बैरंग लौट गई.
इन दिनों सिलीगुड़ी नगर निगम का अवैध कब्जे के खिलाफ अभियान चल रहा है. सिलीगुड़ी के विभिन्न इलाकों से फुटपाथों को खाली कराया जा रहा है. खासकर नालों पर बनाई गई दुकानों को तोड़ा जा रहा है. इन दिनों सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन के केंद्र में चंपासारी और निवेदिता मार्केट है. आज की घटना के बाद यह देखना होगा कि सिलीगुड़ी नगर निगम क्या चंपासारी के इस महत्वपूर्ण मार्ग को अवैध कब्जे से खाली करा पाती है?
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