May 6, 2025
Sevoke Road, Siliguri
जुर्म उत्तर बंगाल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी के व्यापारी मोहित गोयल और मनोज गोयल फरार, जारी होंगे गिरफ्तारी वारंट!

मोहित गोयल और मनोज गोयल को मिलाकर सिलीगुड़ी से अब तक तीन व्यापारी फरार हो चुके हैं. सवाल यह है कि क्या और भी व्यापारी फरार होने का मौका देख रहे हैं. क्योंकि सीजीएसटी अधिकारी कर चोरी के मामले में लगातार एक्शन में है.

फर्जी बिल से जीएसटी को 100 करोड़ का चूना लगाने का आरोप सिलीगुड़ी के दो व्यापारी बंधुओं पर लगा है. उनके नाम मोहित गोयल और मनोज गोयल है. इन दोनों व्यापारी भाइयों का विस्तृत कारोबार है, जो सिलीगुड़ी से लेकर गुवाहाटी तक फैला हुआ है. पर अब वे फरार हैं. इस मामले की जांच कर रहे सीजीएसटी और केंद्रीय एक्साइज कमिश्नरेट विभाग के अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ समन जारी कर दिया गया है. अगर उन्होंने जल्द ही आत्म समर्पण नहीं किया तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होंगे.

मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले मोहित गोयल और मनोज गोयल आपस में सगे भाई हैं. दोनों भाइयों की टाइल्स, मार्बल्स, सेनेटरी वेयर से संबंधित कई फर्म सिलीगुड़ी में चल रहे हैं. इन प्रतिष्ठानों में रॉयल सेरेमिक्स, मायरा कमर्शियल कॉरपोरेशन व एम पी एल सेरेमिक्स सिलीगुड़ी में विद्यमान है. जबकि मायरा कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड, फॉर्चून ग्रुप, एल यू वी इंटरनेशनल इत्यादि प्रतिष्ठान गुवाहाटी में चल रहे हैं. दोनों भाइयों का समाज में अच्छा रसूख भी है. पर उन्होंने कथित रूप से सरकार को चूना लगाने के लिए जो तरीके अपनाए, वह उन पर भारी पड़ गए हैं.

दोनों भाई फरार हो गए हैं. कहां गए हैं, किसी को पता नहीं. सीजीएसटी ने उन्हें समन जारी किया था. इससे पहले सिलीगुड़ी नगर निगम के 41 नंबर वार्ड के निवासी बृजेश कुमार चौरसिया भी इसी मामले में फरार चल रहे हैं. व्यापारी बृजेश कुमार चौरसिया पर आरोप है कि उन्होंने 44 करोड रुपए का जीएसटी को चूना लगाया था. सीजीएसटी ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. सीजीएसटी व केंद्रीय एक्साइज कमिश्नरेट विभाग इन दिनों फर्जी जीएसटी बिलों से कर चोरी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कडा एक्शन ले रहा है. इससे सिलीगुड़ी से लेकर उत्तर बंगाल और सिक्किम तक के व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है.

व्यापारी बंधु मोहित गोयल और मनोज गोयल के खिलाफ कर चोरी के मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने अपनी जांच में पाया है कि उन दोनों ने फर्जी जीएसटी बिलों के जरिए न केवल सिर्फ कर चोरी की है, बल्कि 200 करोड रुपए तक का कर्ज भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न बैंकों से लिया है. दोनों व्यापारी बंधुओ के खिलाफ अब तक की जांच में अधिकारियों ने पाया है कि उनकी अधिकांश फर्म केवल कागजों पर चलती है. उन सभी फर्मो के अलग-अलग जीएसटी नंबर हैं.

जांच में यह भी पता चला है कि सिलीगुड़ी में जो तीन फर्म चल रही है, वह एक ही मकान अथवा स्थान से संचालित होती थी. छापेमारी में अधिकारियों ने जिन दस्तावेजों को बरामद किया है, उससे पता चलता है कि उन्होंने ना तो किसी सामान की खरीद की है और ना ही बिक्री. वे सामान तो स्टॉक में भी नहीं थे. सामानों को एक फर्म से दूसरी फर्म के नाम पर कृत्रिम बिल बनाकर जारी किया जाता था. फर्जी इ वे बिल की जांच से यह भी पता चला है कि इन बिलों से कोई भी ट्रक कभी भी किसी टोल नाका से नहीं गुजरा. इससे अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि सरकार की आंखों में धूल झोंका जा रहा था.

जांच अधिकारियों ने अपनी जांच में पाया कि दोनों सगे भाइयों ने इतना ही नहीं, इन फर्जी बिलों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का झूठा दावा किया और सरकार को लगभग 100 करोड रुपए का चूना लगाया. इसके बाद ही अधिकारियों ने उनसे पूछताछ के लिए समन भेजा था. सीजीएसटी विभाग के भेजे समन के बाद ही माना जा रहा है कि दोनों व्यापारी बंधु फरार हो गए हैं. सीजीएसटी विभाग के अधिकारी उन दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की तैयारी कर रहे हैं.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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