कहने के लिए तो भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम हो गया है. परंतु सीमा पर गोलीबारी और भारतीय सेना के द्वारा जवाबी कार्रवाई, आतंकियों को मार गिराना और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना यह सब जारी है. जिस तरह की स्थितियां बदल रही है, ऐसे में पूर्वी क्षेत्र में सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
सिलीगुड़ी गलियारा के नजदीक ही बांग्लादेश और चीन की सीमा लगती है. वर्तमान में यह दोनों ही देश भारत के खिलाफ साजिश रच सकते हैं. चीन की नजर तो कब से सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर टिकी है. परंतु सिलीगुड़ी गलियारा कोई हलवा तो है नहीं कि कोई भी इसे हासिल कर सके. यहां सेना का त्रिशक्ति कोर इतना शक्तिशाली है कि सिलीगुड़ी गलियारा का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता.
पिछले दिनों सिलीगुड़ी के निकट तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना के द्वारा युद्धाभ्यास ‘तीस्ता प्रहार’ किया गया, जिसे देखकर चीन और बांग्लादेश भी हैरान रह गए हैं. भारतीय सेना ने युद्धाभ्यास में अपना शौर्य और पराक्रम ऐसा दिखाया कि बांग्लादेश और चीन ने दांतों तले उंगलियां दबा ली.
काफी दिनों से सिलीगुड़ी गलियारा की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे थे. और विविध तरह की आशंकाएं भी व्यक्त की जा रही थी. लेकिन एक दिन में ही भारतीय सेना ने दुश्मन को दिखा दिया कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर की तरफ आंख उठाकर भी देखा तो अंजाम बुरा होगा. इस युद्ध अभ्यास में इन्फेंट्री तोप खाना और अन्य सैनिक विभागों ने भाग लिया था. युद्ध अभ्यास के दौरान आधुनिक हथियार और तकनीक का इस्तेमाल किया गया. इसके साथ ही भारतीय सेना ने दिखा दिया कि विपरीत परिस्थितियों में दुश्मन को कैसे जवाब दिया जाता है.
इस युद्ध अभ्यास को तीस्ता प्रहार नाम दिया गया है. जिस तरह से अभ्यास में भारतीय सेना के सभी विभागों ने भाग लिया, जिनमें बख्तर बंद कोर, आर्मी एविएशन, इन्फेंट्री, तोपखाना, इंजीनियर, सिग्नल इत्यादि और उन्होंने जो करतब दिखाए, उसके बाद दुश्मन देश भी हैरान रह गए हैं. बांग्लादेश और चीन की सीमा तक इसकी दस्तक और गर्जना सुनाई दी है. यह तीन दिनों तक चला.
भारतीय सेना ने दिखाया कि प्रतिकूल मौसम में त्वरित और सटीक समन्वय के साथ दुश्मन को कैसे परास्त किया जाता है, भारतीय सेना के पास यह रणनीति है. इस युद्ध अभ्यास में सभी तरह के आधुनिक हथियारों और तकनीकों का सटीक प्रयोग करके भारतीय सेना ने दिखा दिया कि सिलीगुड़ी गलियारा पूरी तरह सुरक्षित है और अगर जरूरत पड़ी तो भारतीय सेना दुश्मन को खाक में मिलाने के लिए तैयार है.
इस युद्ध अभ्यास के आयोजन का उद्देश्य सेना के विभिन्न विभागों के बीच तालमेल बनाना और तेजी से दुश्मन पर कार्रवाई करने की क्षमता हासिल करना है. एक प्रेस विज्ञप्ति में भारतीय सेना के पूर्वी कमान की ओर से कहा गया है कि भारतीय सेना किसी भी युद्ध स्थिति से निपटने के लिए शत प्रतिशत तैयार है. भारतीय सेना के इस युद्ध अभ्यास के बाद सिलीगुड़ी कॉरिडोर में रहने वाले लोगों का आत्मविश्वास बढा है और वे भारतीय सेना को सैल्यूट कर रहे हैं.
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