सिलीगुड़ी: ‘पग घुँघरू बाँध मीरा नाची, रे, मैं तो मेरे नारायण की, आपहि होगइ दासी, रे’ । सच ही तो है, कृष्ण भक्ति का रस ही ऐसा है, जिसमें डूब कर मीराबाई ने उन्हें पाया था, यह तो 16वीं शताब्दी की बात थी, लेकिन आज इस टेक्नोलॉजी के युग में भी लोग कृष्ण भक्ति में डूब कर उन्हें याद करते हैं | सिलीगुड़ी का बहुचर्चित इस्कॉन मंदिर जहां हमेशा ही कृष्ण भक्तों का तांता लगा रहता है और अब आगामी 17 फरवरी से यहां एक कीर्तन मेला आयोजित होने वाला है, जिसको लेकर तैयारियां जोरों पर है | मंदिर के प्रांगण को सजाया जा रहा है, बालिकाएं रंग बिरंगें रंगों से रंगोलिया बना रही है, तो वही कृष्ण भक्त नृत्य द्वारा कीर्तन मेले की तैयारी में जुटे हुए है | बता दे कि, पहली बार सिलीगुड़ी इस्कॉन मंदिर में कीर्तन मेला बड़ी धूमधाम से 17 फरवरी से 19 फरवरी तक आयोजित होने वाला है | यह मेला काफी अनोखा और भव्य होने वाला है, क्योंकि इस मेले में देश-विदेश से प्रसिद्ध कृष्ण भक्त तीन दिनों तक कीर्तन करेंगे | भगवान चैतन्य महाप्रभु के प्रेम और उल्लेखनीय शब्दों की सफलता प्राप्त करने के लिए, “मेरा हरि नाम दुनिया के सभी शहरों और गांवों में फैल जाएगा | जो कलियुग का युग धर्म है “हरिनाम संकीर्तन”। संकीर्तन इस संसार में कृष्ण नाम यानी हरिराम है जीव की सर्वोच्च गति है परम शांति और मुक्ति का एकमात्र मार्ग…! इस कीर्तन मेला को लेकर इस्कॉन मंदिर में तैयारियां जोरों पर है, साथ ही मेले को लेकर कृष्ण भक्त के अलावा शहर वासी भी काफी उत्साहित है |
उत्तर बंगाल
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सिलीगुड़ी
सिलीगुड़ी इस्कॉन मंदिर ‘कीर्तन मेला’
- by Gayatri Yadav
- February 16, 2024
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- 2 years ago

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