जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास होता जा रहा है, साइबर ठग भी उतने ही ज्यादा शातिर होते जा रहे हैं. ऑनलाइन ठगी के आपने काफी किस्से सुने होंगे, परंतु स्कैनर कोड बदलकर दुकानदारों को ठगने का यह नायाब तरीका पहली बार दुकानदारों के रोंगटे खड़े कर रहा है. हालांकि सिलीगुड़ी में अभी ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. परंतु सिलीगुड़ी के दुकानदारों को सतर्क होकर व्यवसाय करने की जरूरत है. क्योंकि हो सकता है कि आने वाले कुछ दिनों में साइबर ठग यहां भी अनोखी लूट को अंजाम दे सकते हैं. जैसे उन्होंने पंजाब और कुछ अन्य इलाकों में दुकानदारों में दहशत फैला रखी है.
पंजाब के कुछ क्षेत्रों में इस तरह की साइबर ठगी के बाद दुकानदारों और व्यापारियों ने दुकान के बाहर लगाने वाले स्कैनर कोड को हटाना शुरू कर दिया है. पंजाब में वहां की कुछ सब्जी मंडियों में साइबर ठगों ने अनेक दुकानदारों को लूट लिया है. रात में यहां के दुकानदार दुकान बंद करके चले जाते हैं. हर दुकानदार की दुकान के आगे डिजिटल पेमेंट के लिए स्कैनर कोड लगा हुआ है. ग्राहक सामान खरीदने आता है और दुकानदार का क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट करके चला जाता है. लेकिन जब दुकानदार को पेमेंट नहीं मिलती है और ग्राहक द्वारा भुगतान किया गया पेमेंट किसी और के खाते में चला जाता है, तब पता चलता है कि साइबर ठगों ने उनके साथ क्या खेल किया है.
अखबार में प्रकाशित खबरों के अनुसार साइबर ठगों का एक गिरोह मंडी में जाता है और दुकानदार के क्यूआर कोड स्केनर के ऊपर अपन क्यूआर कोड स्कैनर टेंपरिंग कर देता है. क्योंकि दुकानदार अपनी दुकानदारी में लगा रहता है.इसलिए ग्राहक के रूप में आए साइबर ठग के इस खेल को वह समझ नहीं पाता है. समस्या तभी सामने आती है जब ग्राहक द्वारा भुगतान किया गया पैसा दुकानदार के खाते में नहीं जाता है और वह अन्यत्र यानी साइबर ठग के खाते में ट्रांसफर हो जाता है. पंजाब के प्रभात नाभा रोड मंडी में तो साइबर ठग रात में ही दुकानदारों की पेमेंट वालेट क्यूआर कोड स्कैनर से छेड़छाड़ कर चले जाते हैं और वहां हु ब हू अपना qr कोड स्कैनर टेंपरिंग कर देते हैं कि पता ही नहीं चलता. बाजार के कई दुकानदार ऐसी ठगी के शिकार हो चुके हैं.
हालांकि सिलीगुड़ी में कारोबारी, व्यापारी और दुकानदार दुकान के भीतर ही पेमेंट वॉलेट का क्यूआर कोड स्कैनर लगाते हैं, परंतु सभी दुकानदार ऐसा ही करते हैं यह आवश्यक नहीं होता है. अनेक दुकानदार तो अपनी दुकान के आगे ही क्यूआर कोड स्कैनर चिपका देते हैं. ऐसे दुकानदारों के साथ इस तरह का खेल साइबर ठग कर सकते हैं.उन्हें होशियार हो जाना चाहिए. ऐसे मामलों में दुकानदार को पता तभी चलता है जब ग्राहक के द्वारा कोई मोटी रकम दुकानदार के खाते में ट्रांसफर की जाती है. छोटी-मोटी खरीदारी में दुकानदार ज्यादा माथापच्ची करना नहीं चाहता.
सिलीगुड़ी में नया बाजार थोक मंडी है. यहां अनेक व्यापारिक स्थल है. दुकानों की तादाद बहुत ज्यादा है. छोटे बड़े सभी दुकानदार अपनी दुकान के आगे डिजिटल भुगतान के लिए क्यूआर कोड स्कैनर लगा देते हैं. उन्हें समय-समय पर इसे चेक करते रहना चाहिए. क्योंकि क्यूआर कोड स्कैनर के ऊपर कोई भी शातिर व्यक्ति अपना स्कैनर कोड टेंपरिंग कर सकता है. और नहीं हो तो दुकान के बाहर क्यूआर कोड स्कैनर लगाना ही नहीं चाहिए ताकि साइबर ठगों को उन्हें लूटने का मौका ही नहीं मिले.
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