सिलीगुड़ी के शांति नगर के बहुचर्चित मां बेटी रहस्यमय मौत मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. कल तक मां बेटी की रहस्यमय मौत मामले में TMC नेता प्रसेनजीत राय समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप लगाने वाला दामाद साधन सरकार ही शक के कटघरे में खड़ा हो गया है. मृतका लता सरकार के बड़े भाई बादल दास ने आशीघर पुलिस चौकी में अपने दामाद साधन सरकार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इसी साधन सरकार ने पहले TMC नेता प्रसेनजीत राय समेत पांच लोगों के खिलाफ मां बेटी की रहस्यमय मौत के मामले में उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था.
अब ठीक इसके विपरीत बाजी पलट चुकी है. आपको बताते चलें कि सिलीगुड़ी के 36 नंबर वार्ड स्थित शांति नगर में एक घर में मां बेटी की रहस्यमय मौत हो गई थी. मां का नाम लता सरकार और उसकी बेटी का नाम पिआसा सरकार है. लता सरकार का शव लटकता हुआ बरामद हुआ था. जबकि बेटी का शव बिस्तर पर पड़ा मिला था. पुलिस ने लाश के पास से ही एक सुसाइड नोट बरामद किया था.
इस सुसाइड नोट में जमीन का मामला सामने आया था. इसके अनुसार प्रसेनजीत राय और उनके साथी मृतका मां बेटी को लंबे समय से धमका रहे थे. देशबंधुपाड़ा में स्थित एक जमीन को लेकर उनके साथ विवाद चल रहा था. सुसाइड नोट में टीएमसी नेता प्रसेनजीत राय, सुभाष दास, सुनील दास व सुजीत घोष के नाम का जिक्र किया गया था. बाद में मृतका लता सरकार के पति साधन सरकार ने आशीरघर चौकी में एक शिकायत दर्ज कराई थी.
अपनी शिकायत में साधन सरकार ने आरोप लगाया था कि टीएमसी नेता प्रसनजीत राय और उनके कुछ लोग लंबे समय से जमीन संबंधी मामले में उनके परिवार को धमकी दे रहे थे. प्रसेनजीत राय अपनी पार्टी और पहुंच का भय दिखाकर उनकी पत्नी और बेटी को परेशान कर रहे थे. उन्होंने अपनी शिकायत में कई लोगों के नाम दर्ज कराए, जिनमें प्रसेनजीत राय, सुनील दास, सुभाष दास, प्रदीप कुमार चौधरी आदि के नाम शामिल हैं.
टीएमसी नेता प्रसेनजीत राय का नाम सुर्खियों में आया तो सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने स्वयं आगे बढ़कर कहा था कि अपराधी कोई भी हो, कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति पार्टी की आड़ में गलत काम नहीं कर सकता और वह बच भी नहीं सकता. गौतम देव ने इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच के लिए पुलिस को निर्देश भी दिया था.
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट हाथ लगा था. इसके आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. सुसाइड नोट में कुछ बातें ऐसी थी, जो पुलिस की समझ से बाहर थी. क्योंकि अक्सर यही देखा जाता है कि किसी भी वारदात के पीछे जड़, जोडू या जमीन का मामला ज्यादा होता है. लेकिन सुसाइड नोट में जमीन का जो उल्लेख था, उसकी दिशा कहीं और जा रही थी और यह अपराध का आधार नहीं था. पुलिस ने यह भी पता लगाया कि जिस सुसाइड नोट को तैयार किया गया था, उसमें स्वाभाविकता कम और साजिश ज्यादा थी. इसलिए आशीघर पुलिस को लगा कि जरूर कुछ ना कुछ बात है.
पुलिस ने यह भी पता लगाया कि मां बेटी की मौत स्वाभाविक नहीं थी. बल्कि इसके पीछे कोई ना कोई राज छिपा था. लेकिन वह राज क्या था, यह पुलिस की समझ में नहीं आ रहा था. कहीं ना कहीं पुलिस को यह भी लग रह रहा था कि मृतका के नजदीकी लोग ही इसमें शामिल हो सकते हैं. हालांकि इस शक का कोई आधार नहीं था. लेकिन बिना सबूत या साक्ष्य के पुलिस भी कुछ नहीं कर सकती है.
और आज वह हो गया, जिसकी उम्मीद नहीं थी. लेकिन पुलिस को कुछ ना कुछ ऐसे ही सुराग अथवा मामला सामने आने का इंतजार था. आज मृतका के भाई बादल दास ने स्वयं आशीघर पुलिस थाने में जाकर अपने दामाद साधन सरकार को ही इस पूरे मामले में लपेट दिया और उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बहन और भांजी की मौत के मामले में साधन सरकार ही दोषी है. आशीघर पुलिस ने नए सिरे से मामले की छानबीन शुरू कर दी है.