महंगाई के इस युग में लोगों की चाहत होती है कि वह एक का तीन बना सके. बहुत से लोग म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं.शेयर बाजार में निवेश करते हैं.लेकिन इसमें रिस्क ज्यादा होता है. लेकिन जो लोग किसी भी तरह के रिस्क से दूर रहना चाहते हैं, उनके लिए ग्रांटेड ब्याज अथवा फिक्सड ब्याज ही सुरक्षित निवेश होता है. इस श्रेणी के कई लोग बैंकों में अथवा पोस्ट ऑफिस में सावधि निवेश करते हैं. लेकिन बैंक या पोस्ट ऑफिस का ब्याज निर्धारित ही होता है. परंतु कुछ लोग अपने निवेश पर अधिकतम ब्याज की चाह रखते हैं और ऐसे ही लोग अधिकतम ब्याज के लालच में अपनी पूंजी भी गंवा बैठते हैं.
ऐसे लोगों को चूना लगाने के लिए सिलीगुड़ी में कदम कदम पर नटवरलाल बैठे हैं. बस उन्हें पता होना चाहिए कि आपके पास पैसा है और आप ऐसे फंड में निवेश करना चाहते हैं, जहां से आपको कम समय में अधिकतम ब्याज मिल सके. लेकिन कहते हैं कि लालच बुरी बला होता है. इस थीम पर कई फिल्में भी आ चुकी है. जहां लालच ने व्यक्ति का सब कुछ छीन लिया. आज आपको सिलीगुड़ी के एक ऐसे ही नटवरलाल की कहानी बताते हैं, जिसने लोगों को कम समय में अधिक से अधिक का रिटर्न का लालच देकर उनकी पूंजी पर हाथ साफ कर दिया. बहर हाल यह नटवरलाल अब पुलिस की हिरासत में है. पानी टंकी चौकी की पुलिस ने इस नटवरलाल को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश करके पांच दिनों के रिमांड पर लिया है, जहां उससे विस्तृत रूप से पूछताछ की जा रही है कि उसने किन-किन लोगों को कितने-कितने का चूना लगाया है.
सिलीगुड़ी के इस नटवरलाल का नाम विशाल शाह है. वह हाकिमपाडा स्थित राजा राममोहन राय सरणी का रहने वाला है. सूत्रों ने बताया कि अत्यंत महत्वाकांक्षी विशाल शाह शुरू से ही एक का तीन बनाने के खेल में माहिर रहा है. सिलीगुड़ी के कई व्यापारियों और अन्य लोगों को उसने अपनी आकर्षक और लछेदार बातों की जाल में फंसा लिया और सभी से वादा किया कि उसकी योजना में बहुत जल्द लोग हजारों देकर करोड़ों का मालिक बन जाते हैं. लोगों को यकीन दिलाने के लिए वह नई-नई तरकीब लेकर आता था. आरंभ में वह निवेशकों का पैसा लेकर उन्हें ब्याज देता रहा. इससे निवेशकों का विश्वास उस पर जमता चला गया.
आरंभ में तो छोटे-छोटे निवेशक ही उसकी वित्तीय योजनाओं में निवेश करते थे, जिन्हें वह नियमित रूप से ब्याज देता रहा. बाद में जब लोगों का भरोसा विशाल शाह पर बढा तो पूंजीपति भी उसके झांसे में आते चले गए. उन्होंने भारी भरकम निवेश करना शुरू कर दिया. पहले हजारों में खेलने वाले विशाल शाह ने बाद में लाखों में खेलना शुरू कर दिया. वह लोगों का भरोसा जीतने के लिए एक ही बात ठोक कर कहता था, आप यह ना देखें कि आपका पैसा किस फंड में लगा रहा हूं.बल्कि आप अपना पैसा मुझे दे रहे हैं और मैं आपको रिटर्न देने का कमिटमेंट करता हूं.
कई लोगों का उसने अच्छा खासा रिटर्न भी दिया लेकिन यह सब उसकी लूट योजना का एक हिस्सा था. जब उसके पास निवेशकों के काफी पैसे जमा हो गए, तो उसी समय उसके हृदय में दबी महत्वाकांक्षा की भूख प्रबल हुई. एक दिन वह उनका पैसा लेकर चंपत हो गया. सूत्रों ने बताया कि उसने कई व्यापारियों और आम लोगों का लाखों रुपए उड़ा लिया और फरार हो गया.
जिन लोगों ने उक्त नटवरलाल को एक का तीन बनाने के लिए पैसे दिए थे, उनके रिटर्न मिलने की बात कौन करे, नटवरलाल का मोबाइल ही स्विच ऑफ हो गया. ना ही वह अपने घर पर भी नजर आया. जाहिर था कि वह फरार हो चुका था. उससे संपर्क करने के जब सारे प्रयास बंद हो गए, तब सिलीगुड़ी में शुरू हुआ हंगामा और त्राहिमाम. निवेशक अपनी अपनी फरियाद लेकर पानी टंकी पुलिस चौकी पहुंचे और विशाल शाह के खिलाफ शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी.
पुलिस भी अचंभित रह गई. बहरहाल पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी. आखिरकार पानी टंकी चौकी की पुलिस ने इस नटवरलाल को एक लंबे अरसे के बाद धर दबोचा और उसे सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश कर 5 दिनों के रिमांड पर ले लिया है. विशाल शाह से पूछताछ की जा रही है. विशाल शाह की गिरफ्तारी के बाद निवेशकों की पूंजी वापसी की उम्मीद जगी तो जरूर है, परंतु सवाल यह है कि क्या वह उनके पैसे वापस भी कर पाएगा? क्योंकि अगर उसने खुद को दिवालिया करार दे दिया तो पुलिस और कानून भी कुछ खास करने की स्थिति में नहीं होगा.
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