सिलीगुड़ी के प्रत्येक टोटो चालक की पहचान सुनिश्चित की जा रही है.अब कोई भी टोटो चालक अकेली किसी महिला अथवा यात्री के साथ बदमाशी नहीं कर सकेगा. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस प्रत्येक टोटो चालक को डिजिटल पहचान पत्र और QR कोड देगी. पुलिस के इस कदम से असली और फर्जी टोटो चालक की पहचान हो जाएगी. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस का यह कदम टोटो चालकों को कितना सुहाता है, यह देखना होगा. परंतु भविष्य में ऐसा होना तय है.
दुर्गा पूजा से ठीक पहले सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस सिलीगुड़ी शहर की सुरक्षा और संरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के कमिश्नर सी सुधाकर ने इसकी शुरुआत कर दी है. उनका विश्वास है कि उनके द्वारा उठाए जाने वाले कदमों से सिलीगुड़ी के नागरिकों, खासकर महिलाओं की अधिक सुरक्षा हो सकेगी. इसके साथ ही शहर में चल रहे टोटो वालों का डिटेल्स पुलिस को उपलब्ध रहेगा.
आमतौर पर रात के समय सिलीगुड़ी की अकेली महिलाएं टोटो पर यात्रा करने से डरती हैं. कुछ समय पहले सिलीगुड़ी में टोटो के खिलाफ अनेक महिलाओं ने आरोप लगाया था कि टोटो चालक गाड़ी में अकेली महिला को देखकर कमेंट करते हैं. इसके साथ ही उनपर अपहरण और अकेली महिलाओं को गुमराह करने का भी भ्रम फैलाया गया था. टोटो चालकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की ओर से डिजिटल तकनीक का व्यवहार शुरू कर दिया गया है. प्रत्येक टोटो चालक को डिजिटल पहचान पत्र और क्यूआर कोड दिया जाएगा. इसकी शुरुआत स्वयं सी सुधाकर ने कर दी है.
सिलीगुड़ी में पंजीकृत टोटो चालकों के लिए डिजिटल पहचान पत्र और क्यूआर कोड आवश्यक होगा. जैसे ही कोई महिला टोटो पर यात्रा के लिए तैयार होती है, तो उसे सर्वप्रथम क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा. इस स्कैन के जरिए टोटो चालक के बारे में संपूर्ण विवरण मिल जाएगा. आपातकालीन स्थितियों में इसे पुलिस को भी भेजा जा सकता है. टोटो चालक के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलने के बाद महिला की यात्रा अधिक सुरक्षित और सुगम हो सकेगी. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने यह प्रणाली शुरू की है.
इस नई तकनीक प्रणाली की शुरुआत करते हुए पुलिस कमिश्नर सी सुधाकर ने कहा कि काफी समय से इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही थी. सिलीगुड़ी को सुरक्षित और संरक्षित बनाए रखने के लिए यात्रियों में विश्वास का वातावरण होना जरूरी है. पुलिस का मानना है कि इस कदम से न केवल यात्री की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी, बल्कि अपराधों पर नियंत्रण पाने में भी सफलता मिलेगी. पुलिस कमिश्नर ने विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से सिलीगुड़ी की महिलाओं को टोटो से यात्रा करने में असुरक्षा उत्पन्न नहीं होगी. क्योंकि QR कोड स्कैन करने से उन्हें टोटो चालक के बारे में सब कुछ पता चल जाएगा.
हालांकि आरंभ में केवल कुछ चुने हुए पंजीकृत टोटो चालकों पर ही क्यूआर कोड चिपकाए गया है. लेकिन आने वाले समय में प्रत्येक टोटो चालक को डिजिटल पहचान पत्र के साथ-साथ क्यूआर कोड भी दिया जाएगा. इससे टोटो चालक की पहचान की प्रक्रिया पारदर्शी हो जाएगी. यानी आने वाले समय में सिलीगुड़ी का प्रत्येक टोटो चालक डिजिटल पहचान पत्र और QR कोड के लिए तैयार रहे. प्रशासन के इस कदम का टोटो चालकों पर कितना असर पड़ता है और कितने टोटो चालक इसके लिए तैयार होते हैं, यह देखना होगा. फिलहाल टोटो चालक यूनियन की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
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