आज सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने सिलीगुड़ी का बजट पेश करते हुए यह संकेत दे दिया कि वह 2026 के विधानसभा चुनाव में सिलीगुड़ी से ताल ठोकने के लिए तैयार है. कोलकाता से लौटने के बाद जिस तरह से गौतम देव की सिलीगुड़ी की राजनीति में सक्रियता बढ़ गई है, जिस तरह से वह सिलीगुड़ी के विभिन्न जाति, भाषा और धर्म के लोगों के साथ अपना संपर्क बना रहे हैं, उससे उनके भविष्य की राजनीतिक योजना का संकेत मुखरित होने लगा था. आज के बजट में यह साफ संकेत मिल गया कि गौतम देव सिलीगुड़ी से विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए हैं.
इस बात की पूरी संभावना है कि 2026 में गौतम देव डाबग्राम फुलबारी से नहीं बल्कि सिलीगुड़ी से चुनाव लड़ेंगे. उनके डाबग्राम फूलबाडी से चुनाव नहीं लड़ने का एक बड़ा कारण जानकार यह मानते हैं कि किसी समय गौतम देव के काफी करीबी रहे टीएमसी नेता देवाशीष प्रमाणिक से उनकी दूरी है. देवाशीष प्रमाणिक जमीन की हेरा फेरी के मामले में गिरफ्तार हुए और बाद में उनकी जमानत हो गई. लेकिन तब तक पार्टी ने उनसे सारे अधिकार छीन लिए और उन्हें पार्टी से दूर कर दिया.
अब आप जान लीजिए कि गौतम देव का सिलीगुड़ी से विधानसभा चुनाव लड़ने का संकेत क्या है. गौतम देव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफी करीबी और विश्वसनीय नेताओं में से एक माने जाते हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि नगर पालिका मंत्री फिरहाद हकीम की तरह ही गौतम देव भी ममता बनर्जी के करीबी हैं. सिलीगुड़ी में गौतम देव का प्रत्येक शनिवार को होने वाला एक लोकप्रिय कार्यक्रम टॉक टू मेयर काफी सफल रहा है. यह बात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अच्छी तरह जानती हैं.
सूत्रों ने बताया कि कोलकाता में समावेश के दौरान ही टीएमसी सुप्रीमो ने सिलीगुड़ी में गौतम देव की लोकप्रियता को देखते हुए यह जिम्मेवारी उन्हें सौंप दी है. ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी है कि इस बार टिकट उन्हें ही मिलेगा, जो जीतने के काबिल होंगे. कोलकाता से लौटने के बाद गौतम देव ने क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने के लिए पिकनिक पॉलिटिक्स से लेकर सभी धर्म और समुदाय और भाषा भाषी के लोगों से संपर्क बनाना शुरू कर दिया है. उन्होंने हिंदी वोटरों को रिझाने के लिए कई कार्यक्रम भी किए हैं. पिछले दिनों उन्होंने फुलबारी में हिंदी साहित्य अकादमी के कार्यक्रम में भाग लिया और पिकनिक प्रोग्राम का आयोजन भी किया.
कुछ समय पहले गौतम देव ने भी संकेत दिया था कि भविष्य में वह क्या करेंगे, यह पार्टी हाई कमान तय करेगा. फिलहाल तो वह मेयर है और अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव को लेकर भी उन्होंने इशारा किया था कि प्रदेश नेतृत्व फैसला करेगा. और आज बजट सत्र के दौरान सिलीगुड़ी के लिए उन्होंने जैसी परिकल्पना और मांग की है, उससे स्पष्ट हो गया है कि गौतम देव के मन में क्या है और भविष्य में उनकी रणनीति क्या होने वाली है.
आज गौतम देव ने बजट में कई मुद्दों को उठाया है. इनमें सिलीगुड़ी को सिटी ऑफ नेशनल इंर्पोटेंस का दर्जा देने की मांग, केंद्र सरकार से सिलीगुड़ी के लिए स्पेशल ग्रांट की अपील, सिलीगुड़ी को टर्मिनेशन पॉइंट के रूप में व्यवस्थित करने की योजना, इसके साथ ही रेलवे संचार को सशक्त बनाने की मांग, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और मजबूत करने पर जोर, सिलीगुड़ी का व्यापार विस्तार, पर्यटन और औद्योगिक केंद्र के रूप में सिलीगुड़ी को स्थापित करने की पहल, बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए राज्य सरकार से सिलीगुड़ी पर विशेष ध्यान देने की मांग, बजट में विशेष प्रावधान, सिलीगुड़ी के लिए विशेष बजट की राज्य सरकार से उम्मीद के अलावा उन्होंने सिलीगुड़ी के संपूर्ण विकास की परिकल्पना को एक आधार के रूप में पेश किया है.
गौतम देव ने सिलीगुड़ी को सिटी ऑफ डाइवर्सिटी के रूप में विकसित करने की योजना की रूपरेखा भी प्रस्तुत की है. उन्होंने यहां परिवहन और इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक स्वरूप देने की भी वकालत की है. इस तरह से गौतम देव ने सिलीगुड़ी के संपूर्ण विकास की बजट में जो झलक प्रस्तुत की है, उससे साफ पता चलता है कि उनके भविष्य की राजनीति सिलीगुड़ी पर ही केंद्रित रहने वाली है. अर्थात 2026 के विधानसभा चुनाव में गौतम देव सिलीगुड़ी से ही चुनाव लड़ने वाले हैं.
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