September 8, 2024
Sevoke Road, Siliguri
लाइफस्टाइल

तो क्या अब नेपाल में जाने के लिए भारतीयों को पासपोर्ट दिखाना होगा?

नेपाल एक स्वतंत्र राष्ट्र है. भारत और नेपाल के रिश्ते हमेशा से ही मधुर रहे हैं. भारत और नेपाल के लोग एक दूसरे देश में स्वतंत्र रूप से आ जा सकते हैं. केवल आधार कार्ड काफी है. इसी आधार पर भारतीय नेपाल में घूमते रहे हैं. भारत का आधार कार्ड नेपाल में मान्य है. यह सबूत है कि आप एक भारतीय हैं. अब तक तो इसी आधार पर भारतीय नेपाल जाते रहे हैं और नेपाल से वापस भारत आते हैं. नेपाल के लोग भी भारत आते जाते हैं.

लेकिन ऐसा लगता है कि आने वाले समय में नेपाल जाना किसी भी भारतीय के लिए दूसरे देशों की तरह पासपोर्ट पर आधारित हो जाएगा. क्योंकि अब नेपाल के सदन में इसकी मांग उठने लगी है. सत्तारूढ नेकपा एमाले के सांसद महेश बतौला ने भारत नेपाल सीमा पर बाड़ लगाने और पासपोर्ट व्यवस्था लागू करने की मांग की है. उनका तर्क है कि दोनों देशों की सीमा खुली होने के कारण अपराधी नेपाल में वारदात कर भारतीय सीमा में घुस जाते हैं. ठीक इसी तरह से सिलीगुड़ी में भारत की ओर से भी कहा जाता है कि यहां अपराधी वारदात करके नेपाल भाग जाते हैं.

यह मांग की जा रही है कि भारत और नेपाल की सीमा पर ताड़बंदी की जाए ताकि अपराधियों और घुसपैठियों के प्रवेश पर अंकुश लग सके. नेकपा एमाले के सांसद रघु जी पंत ने भारतीय नागरिकों को पासपोर्ट के बगैर नेपाल में प्रवेश रोकने की मांग कर दी है. यह दो सांसद हैं जिन्होंने वर्तमान में भारत नेपाल की खुली सीमा पर ताड़बंदी और भारतीयों के नेपाल प्रवेश पर पासपोर्ट को अनिवार्य करने पर जोर दिया है. इस संबंध में उनकी ओर से एक प्रस्ताव काठमांडू स्थित प्रतिनिधि सभा के पटल पर भी रखा गया. सांसदों ने अपने प्रस्ताव के पक्ष में सीमा सुरक्षा, घुसपैठ और सीमावर्ती क्षेत्रों में अपराध पर अंकुश लगाने को शामिल किया है.

इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत नेपाल खुली सीमा का लाभ सीमावर्ती क्षेत्रों के अपराधी उठाते रहे हैं. सिलीगुड़ी में पहले भी देखा गया है कि यहां वारदात के बाद अपराधियों ने पानी टंकी के रास्ते नेपाल में भाग कर शरण ली थी. इसी तरह से नेपाल में भी अपराधी वारदात करने के बाद भारत में भाग कर शरण लेते हैं . अब तक दोनों देशों की ओर से इस मसले पर ज्यादा कुछ नहीं किया गया है. लेकिन अब जब नेपाल की ओर से भारतीयों के नेपाल में प्रवेश के लिए पासपोर्ट को अनिवार्य किए जाने की मांग हो रही है, ऐसे में भारत की ओर से भी यह मांग उठाई जा सकती है.

भारत में नौकरी अथवा अन्य कार्यों में नेपाल के काफी संख्या में युवक युवतियां संलग्न है. नेपाल एक गरीब राष्ट्र है. वहां के पढ़े-लिखे नौजवान नौकरी और रोजगार की तलाश में भारत के महानगरों में जाकर अपना आश्रय लेते हैं. अगर पासपोर्ट को अनिवार्य किया गया तो इससे भारत से ज्यादा नेपाल को खामियाजा उठाना पड़ सकता है. नेपाल में बेरोजगारी बढ़ने के साथ-साथ इसका नेपाल की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा. हां भारत नेपाल सीमा पर ताड़बंदी और अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए दूसरे उपाय भी किए जा सकते हैं. वहां सुरक्षा तंत्र को और सुदृढ़ करना होगा.

जहां तक सीमावर्ती क्षेत्रों में अपराध पर अंकुश लगाने की बात है तो इसके लिए खुफिया तंत्र और सीमा सुरक्षा की चौकसी बढ़ानी होगी. दोनों देशों की पुलिस और सीमा सुरक्षा बल को यह दायित्व देने की जरूरत है कि अपराधी किसी भी देश का क्यों नहीं हो, बच नहीं पाए. यह एक व्यावहारिक कदम होगा. अन्यथा पासपोर्ट अनिवार्य करने की मांग कम से कम नेपाल के हित में तो बिल्कुल नहीं है. बहरहाल यह देखना होगा कि नेपाल की सरकार वर्तमान संदर्भ में क्या फैसला लेती है. अगर भारत नेपाल सीमा पानी टंकी के आसपास ताड़बंदी हो जाए और अवैध घुसपैठ को रोकने के संसाधन बढाए जाएं तो कम से कम सिलीगुड़ी में आपराधिक वारदातों में कमी जरूर आएगी.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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