सिक्किम के गंगटोक में हाल ही में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के द्वारा एक प्रसिद्ध मिठाई दुकान में छापे की कार्रवाई में मिलावटी मिठाई पकड़े जाने और खाद्य सुरक्षा विभाग के द्वारा दुकान बंद कराए जाने के बाद सिक्किम के अन्य भागों में स्थित मिठाई दुकानदारों के साथ-साथ दार्जिलिंग, कालिमपोंग और सिलीगुड़ी के भी मिठाई दुकानदार दहशत में आ गए हैं. एक तरफ मिठाई उपभोक्ता खाद्य सुरक्षा विभाग की इस कार्रवाई की तारीफ कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ नकली मिठाई निर्माण में लगे दुकानदारों के पांव के नीचे की धरती खिसकती सी प्रतीत हो रही है.
आपको बताते चलें कि गंगटोक में एक प्रसिद्ध मिठाई की दुकान के खिलाफ मिलावट की शिकायत की बात सोशल मीडिया के द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिकारी को पता चली थी. खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी ने शिकायत मिलने के बाद 17 जुलाई को उपरोक्त दुकान का निरीक्षण किया था. इस क्रम में उन्होंने पाया कि दुकान के मालिक के द्वारा फसाई के दिशा निर्देशों और नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था.
खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस क्रम में गंगटोक में स्थित अन्य प्रसिद्ध मिठाई दुकानों का औचक निरीक्षण किया और पाया कि कई मिठाई दुकानदार फसाई के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर रहे थे. खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा इस मामले को फसाई एक्ट 2006 धारा 26 और 27 के तहत दर्ज किया गया है. फिलहाल स्वीट शॉप बंद है. लेकिन इसके साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों और कस्बों में स्थित नामचीन स्वीट शॉप के मालिकों के बीच दहशत व्याप्त हो गई है.
केवल सिक्किम में ही नहीं, दार्जिलिंग, कालिमपोंग के प्रसिद्ध मिठाई दुकानदार भी डरे हुए हैं. कमोबेश ऐसा ही हाल सिलीगुड़ी में भी देखा जा रहा है.ग्राहकों को क्वालिटी पूर्ण मिठाई देने के नाम पर कुछ दुकानदार उनके स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं. प्रसिद्ध मिठाई दुकान के नाम पर ग्राहकों को अनुप्रयुक्त सामग्री देने से एक तरफ तो ग्राहक के विश्वास को धक्का पहुंचता है.दूसरी तरफ महंगी मिठाइयों के नाम पर उनके जीवन और स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जाता है.
सिलीगुड़ी में मिठाई की अच्छी दुकान भी कई हैं. हालांकि उनमें से कई नामचीन दुकानदार अथवा मालिक अच्छी मिठाइयां बनाते हैं और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा का भी ध्यान रखते हैं. सिलीगुड़ी शहर के अधिकांश उपभोक्ता मिठाई दुकानों की ब्रांडिंग से ही प्रभावित होते हैं. उन्हें विश्वास रहता है कि अमुक स्वीट शॉप से खरीदी गई सामग्री शुद्ध और स्वास्थ्य के अनुकूल रहती है.पर कुछ दुकानदार ग्राहकों के इस विश्वास को छलते रहते हैं. ऐसे मामलों का उजागर तभी होता है जब कोई ना कोई दुखद घटना मीडिया के जरिए सामने आती है. ऐसा नहीं है कि केवल सिक्किम, सिलीगुड़ी में ही ऐसा होता हो. पूरे भारत में कई मिठाई दुकानदार ग्राहकों को नकली मिठाई परोसते हैं.खासकर तीज त्योहार होली दिवाली के मौके पर यह एक आम बात हो जाती है.
हालांकि सिलीगुड़ी में कई स्वीट शॉप है जो नाम के अनुरूप मिठाई उत्पाद बेचते हैं और उनके उत्पाद फसाई की गाइडलाइंस के अनुसार उपयुक्त और स्वास्थ्य के अनुकूल भी होते हैं. पर कुछ लोग मोटा मुनाफा कमाने के लिए घटिया क्वालिटी देते हैं. गंगटोक में खाद्य सुरक्षा विभाग के द्वारा कार्रवाई के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि विभाग के अधिकारी अन्य इलाकों में स्थित सुप्रसिद्ध मिठाई दुकानों पर भी भविष्य में ऐसी कारवाइयां कर सकते हैं.
सूत्र बता रहे हैं कि सिलीगुड़ी में भी खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा आने वाले समय में नकली मिठाई बनाने वाले दुकानदारों की दुकानों पर छापे की कार्रवाई की जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो इसकी तारीफ की जानी चाहिए. क्योंकि एक तरफ मिठाई उपभोक्ता दुकान पर भरोसा करके महंगी मिठाइयां घर ले जाते हैं लेकिन जब उन मिठाइयो से उनके स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है तो काफी दुख होता है. हर उपभोक्ता यही चाहता है कि उसे गुणवत्तापूर्ण सामग्री खाने को मिले.खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को इस तरह की छापे की कार्रवाई सिलीगुड़ी में भी चलाए जाने की जरूरत है, ताकि सुप्रसिद्ध स्वीट शॉप का नाम बदनाम ना हो.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)