September 1, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी-Dooars समेत गजलडोबा के भोरेर आलो की रौनक लौटी!

The beauty of Bhoreer Aalo of Siliguri-Dooars including Gajaldoba has returned!

DOOARS के इलाकों में एक नई सुबह हुई है. यहां के पिकनिक स्पॉट, पर्यटन केंद्र गुलजार होने शुरू हो गए हैं. यहां की हरियाली में भोरेर आलो की तरह एक नई चमक देखी जा रही है. पर्यटन से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले व्यापारी, कारोबारी, उद्योगपति और सामान्य लोग उम्मीद और विश्वास से भर गए हैं. दुकानों और प्रतिष्ठानों पर चहल-पहल बढ़ने लगी है. पर्यटन केन्द्रों के पक्षी और जानवर भी बाहरी दुनिया के लोगों से संपर्क बढ़ाने के लिए आतुर हो रहे हैं. यह सब संभव हुआ है गाजल डोबा तीस्ता बैराज पुल के शुरू होने से…

पिछले कुछ समय से सिलीगुड़ी से Dooars का सीधा संपर्क नहीं था. Dooars में पर्यटन और व्यापार को काफी नुकसान हो रहा था. गाजलडोबा, भौरर आलो, क्रांति समेत कई इलाकों में कारोबारी कारोबार नहीं चलने से परेशान थे, तो दूसरी तरफ यहां के पर्यटन केन्द्रों में भी पर्यटक नदारद थे. सीधा मार्ग नहीं होने के चलते यहां उद्यमी भी परेशान थे. गाजलडोबा से लेकर Dooars के विभिन्न इलाकों में जाने के लिए गाजलडोबा तीस्ता बैराज पुल को पार करना होता है.

सिलीगुड़ी Dooars का संपर्क बिंदु गाजलडोबा तीस्ता बैराज पुल का मरम्मति कार्य चल रहा था. हालांकि कार्य अभी पूरी तरह शेष नहीं हुआ है, परंतु छोटे और मझोले वाहनों के सामान्य यातायात के लिए इसे समय से पहले ही शुरू कर दिया गया है. 140 दिनों का लक्ष्य रखा गया था. परंतु इंजीनियरों और कारीगरों की मेहनत, लगन, समर्पण भाव तथा प्रयास से यह लगभग 20 दिन पहले ही यातायात के लिए चालू कर दिया गया है. इससे यहां के व्यापारियों और पर्यटन व्यवसाईयों ने राहत की सांस ली है. उनके चेहरे पर उम्मीद की चमक देखी जा सकती है.

यह पुल चालू हो जाने से गाजलडोबा के भोले आलो पर्यटन हब की रौनक लौट गई है.यहां नदी में नाव तो थी, परन्तु पर्यटक नहीं थे. इसी तरह से साइकिलिंग, बैटरी कार सेवा, स्थानीय दुकानदार, स्टॉल वाले, सब की आमदनी लगभग खत्म हो गई थी. दुर्गा पूजा से पहले यह पुल चालू हो जाने से यहां के कारोबारियों को काफी राहत मिली है.यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. क्योंकि ऐसा पहली बार हो रहा है, जब एक पुल समय से पहले ही पूरा हो गया है. आमतौर पर निर्धारित लक्ष्य से पहले कम से कम उत्तर बंगाल में किसी भी प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर गाजल डोबा तीस्ता बैराज पुल समय से पहले क्यों शुरू कर दिया गया?

इसमें कोई शक नहीं है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार के लगातार प्रयास से ही यह कार्य समय से पहले पूरा हुआ है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इसमें दिलचस्पी दिखाई थी. जब 2023 में सिक्किम में झील हादसा हुआ था, तब इस पुल को गंभीर क्षति पहुंची थी. ऐसे में मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव मनोज पंत को पुल की दशा का निरीक्षण करने के लिए भेजा था. उन्होंने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट में बताया कि पुल से होकर भारी ड॔परों और रेत ढोने वाले वाहनों को रोकना जरूरी है. रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद पुल से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई.27 अप्रैल से पुल की मरम्मती का काम शुरू हुआ और 140 दिनों मे इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था.

फिलहाल इस पुल से होकर डंपर जैसे भारी वाहन नहीं गुजर सकते हैं.लेकिन सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी,Dooars आदि क्षेत्रों के लोग और व्यवसायी, कारोबारी तथा आम लोग काफी खुश हैं. अब यहां धीरे-धीरे रौनक बढ़ने लगी है. दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानों के शटर खोलने शुरू कर दिए हैं. पर्यटन केन्द्रों के कर्मचारियों और अधिकारियों के द्वारा पर्यटकों के लिए द्वार को सजाने का काम शुरू कर दिया गया है.

जबकि उद्यमियों के द्वारा कारखाने की सजावट शुरू कर दी गई है. सभी को इंतजार है, आने वाले कुछ समय में पूजा उत्सव में उनके कारोबार की चमक में इजाफा होगा. जैसे ही हो, लेकिन गाजलडोबा तीस्ता बैराज पुल समय से पहले जनता के लिए खोला जाना सिलीगुड़ी से लेकर जलपाईगुड़ी, और इस तरह से संपूर्ण उत्तर बंगाल के लिए एक बड़ी राहत की बात है. उम्मीद की जानी चाहिए कि सिलीगुड़ी से लेकर Dooars तक स्थानीय व्यापार, पर्यटन और उद्योग को एक नयी रफ्तार मिलेगी.

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