July 4, 2025
Sevoke Road, Siliguri
घटना उत्तर बंगाल सिलीगुड़ी

महानंदा नदी में तैरते शव ने खड़े किए कई सवाल !जमीन से बेदखल होने की चिंता ने एक व्यक्ति को निगला !

‘चिंता चिता की शैय्या से कम नहीं, जिसने भी चिंता किया वह मृत्यु की शैय्या में सो गया’

61 वर्षीय सुरेश बर्मन को भी चिंता ने हमेशा के लिए निगल लिया | बता दे कि, आज सुबह शहीद नगर स्थित महानंद नदी में एक शव तैर रहा था, जैसे ही स्थानीय लोगों ने नदी में शव को देखा उस क्षेत्र में सनसनी फैल गई | महानंदा नदी के दोनों किनारे लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई, वे लगातार नदी में तैरते हुए शव को पहचानने की कोशिश कर रहे थे | इस घटना को लेकर भक्ति नगर थाने और प्रधान नगर थाने दोनों को सूचित किया गया | सूचना मिलते ही दोनों थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन करते हुए भक्ति नगर थाने की पुलिस ने शव को बरामद कर लिया और जिला अस्पताल भेजा | वहीं कुछ समय बीतने के बाद स्थानीय लोग शव की शिनाख्त करते हुए बताया कि, यह शव बाघजाति कॉलोनी के निवासी 61 वर्षीय सुरेश बर्मन की है और वे कल रात से की लापता थे |

स्थानीय लोग और परिवार वालों ने बहुत तलाश किया, लेकिन वे नहीं मिले | स्थानीय लोगों ने बताया कि, सुरेश बर्मन का भरा पूरा परिवार है, लेकिन जब से एनएचआई द्वारा लोगों को जमीन से बेदखल किया जा रहा है, तब से ही छोटे-छोटे व्यापारी चिंता के आगोश में डूब गए हैं और उन्हीं में से एक नाम सुरेश बर्मन का था , स्थानीय लोगों से जानकारी मिली है कि, कल रात एनएचआई अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों की एक बैठक हुई थी, बैठक के बाद सुरेश बर्मन काफी चिंतित थे और घर आने के बाद किसी को बिना बताए घर से निकल गए | परिवार वालों ने पहले तो मोहल्ले में उनकी तलाश की, लेकिन जब वे नहीं मिले तो यह खबर पूरे इलाके में फैल गई और स्थानीय लोग उनकी तलाश करने लगे , जब देर रात तक सुरेश बर्मन नहीं मिले तो परिवार वालों और स्थानीय लोगों ने सोचा कि, शायद वे सुबह तक लौट आएंगे, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था, सुबह सुरेश बर्मन तो नहीं लौटे, लेकिन उनका शव महानंदा नदी में तैरता देखा गया ,इस घटना के बाद मानो उस क्षेत्र विस्फोट हो गया, लोगों ने उनके परिवार वालों को सुचना दी |

घटना की जानकारी मिलते ही रोते-बिलखते परिवार वाले घटनास्थल पर पहुंचे, इस नज़ारे को देख स्थानीय वासियों की आँखे भी भर आई | वहीं लोगों ने कहा कि, जो लोग भी एनएचआई की जमीन पर बैठे हुए हैं वह सभी मजबूर और छोटे व्यापारी हैं, और यह जमीन ही उनके जीने का सहारा है, अचानक उन्हें वहां से बेदखल होने का नोटिस जब से दिया गया है, लोग चिंतित हैं और उन्हें लगातार अपने परिवार वालों की भरण पोषण व पुनर्वास को लेकर चिंता सता रही है | आज सुरेश बर्मन भी उस चिंता के बलि चढ़ गए हैं, लोगों ने सरकार से अपील करते हुए कहा है कि, वे इस मामले में संज्ञान ले, ताकि इस तरह की घटना दोबारा घटित ना हो | इस घटना के बाद उस क्षेत्र के मातम पसर हुआ है |

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