November 23, 2024
Sevoke Road, Siliguri
राजनीति

2 और 3 जून को पहाड़ बंद नहीं होगा !

किसी ने सच ही कहा है, पहाड़ की राजनीति को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है | वैसे तो पहाड़ का मौसम काफी ठंड रहता है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के कारण आए दिन पहाड़ का ठंडा और खुशनुमा मौसम गर्म हो जाता है और यह कब और कैसे होता है,यह वहां के स्थानीय लोग भी समझ नहीं पाते |
कभी सोशल मीडिया के जरिए बंद का आह्वान किया जाता है और फिर बंद के विरोध जाकर संवाददाता के जरिए बंद का विरोध भी किया जाता है |
मालूम हो कि, भारतीय गोर्खा प्रजातांत्रिक मोर्चा के सहयोगी संगठन हिमालय ट्रांसपोर्ट कोर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष एस. एन प्रधान और गोर्खा एकता चालक संगठन के अध्यक्ष सागर राई ने अलग-अलग रूप में संवाददाता को संबोधित करते हुए बताया कि, 2 और 3 जून को पहाड़ बंद नहीं होगा | उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर वीडिओ किलिप्स के जारी 2 जून और 3 जून 2023 को बंद का प्रचार किया गया था और अब वह नहीं होगा, उन्होंने कहा कि, कोरोना महामारी के समय पर्यटन व्यवसायी को काफी नुकसान हुआ था और अब धीरे-धीरे यह पर्यटन व्यवसायी पटरी पर लौट रही है, जिसे वे नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते , इसलिए इस बंद का भी समर्थन नहीं करते | वर्तमान समय में पहाड़ में पर्यटक का आगमन हो रहा है, अभी सब कुछ सुचारू तरीके से चल रहा है और इस समय बंद को करना मूर्खता है | उक्त दिन किसी प्रकार का बंद नहीं होगा, वाहनों के आवागमन के साथ बाजार, हाट सब खुले रहेंगे | यदि स्टेट बस को किसी प्रकार की समस्या हो रही है, तो उक्त समय समाधान के लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट के साथ बैठक कर समाधान किए जाएंगे | अभी पहाड़ बंद करने से पर्यटकों में नकारात्मक संदेश पहुंचेगा, जिससे पहाड़ को काफी नुकसान होगा | 2017 में ही निर्णय लिया गया है कि, अब पहाड़ में किसी तरह का बंद नहीं किया जाएगा | वहीं गोर्खा एकता चालक संगठन के अध्यक्ष सागर राई ने संवाददाता के माध्यम से कहा कि 2 और 3 जून को किसी प्रकार का बंद नहीं होगा और वे किसी तरह के बंद को समर्थन नहीं करेंगे, वे भी बंद का विरोध करते है | इन सारे वाक्यों को देख एक मुहावरा याद आ ही जाते है कि, ‘दूर के ढोल सुहाने लगते है’ | पहाड़ में नई राजनीति पार्टी का निर्माण होना, राजनीतिक पार्टियों का गठबंधन होना, रूठना-मनाना ये सारे राजनीति खेल होते रहते है | बता दे फिलहाल तो पहाड़ बंद नहीं हो रहा है, लेकिन आने वाले समय में कब हवा का रुख बदल जाए, यह समझ पाना काफी मुश्किल है |

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