आपने बचपन में चोर सिपाही का खेल अवश्य खेला होगा… पुलिस से बचने के लिए चोर क्या-क्या तरीके अपनाते हैं, यह बताने की आवश्यकता नहीं. चोर और सिपाही दोनों एक दूसरे की आंखों में धूल झोंकते रहते हैं. लेकिन फिर भी सिपाही के आगे चोर की चलती नहीं है.क्योंकि सिपाही चोर को पकड़ने के जो तरीके अपनाते हैं, उनमें से एक तरीका है मुखबिर को चोर के पीछे दौड़ा देना. मुखबिर ही वह व्यक्ति होता है, जो चोर के राज को पुलिस को बताता है और पुलिस चोर को पकड़ने के लिए जाल बिछाती है.
आजकल तस्कर पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए ऐसे ऐसे कारनामों को अंजाम दे रहे हैं कि दांतों तले कोई उंगली दबा ले. इसी सिलीगुड़ी शहर में लोगों ने एंबुलेंस की गाड़ी में गांजा की तस्करी को भी देखा है. यह ज्यादा दिन पहले की घटना नहीं है.नौकाघाट में पुलिस ने अपने मुखबिर की मदद से गांजा तस्करों को बेनकाब किया था. इससे पहले भी सिलीगुड़ी के चेक पोस्ट इलाके में तथाकथित सिक्किम सरकार की गाड़ी में अवैध क्रियाकलापों को देखा गया था. सिलीगुड़ी के विभिन्न क्षेत्रो में एम्बुलेंस और यहां तक कि सरकारी गाड़ी का स्टिकर लगाकर तस्करों द्वारा अवैध कार्यों को अंजाम देते भी सिलीगुड़ी ने देखा है.
आमतौर पर सरकारी गाड़ी को पुलिस चेकिंग के लिए नहीं रोकती है. जब तक कि मुखबिर की ओर से पक्की सूचना न मिल जाए. वैसे भी सरकारी गाड़ी को आदर सम्मान के साथ ही देखा जाता है. लेकिन हाल के दिनों मे तथाकथित सरकारी गाड़ी अथवा राज्य सरकार का फर्जी स्टिकर लगाकर गाड़ी में घूमने और आपराधिक वारदातों को अंजाम देने की बढ़ती घटनाओं के बीच सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस भी गंभीर हुई है. प्रधान नगर पुलिस को अपने मुखबिर से सूचना मिलती है कि इस्लामपुर से एक गाड़ी सिलीगुड़ी आ रही है, जिसमें लाखों रुपए का अवैध कफ सिरप बिक्री के लिए ले जाया जा रहा है.
जब मुखबिर ने बताया कि उक्त गाड़ी के आगे बिजली विभाग का स्टीकर लगाया गया है और उस पर गवर्नमेंट ऑफ वेस्ट बंगाल लिखा हुआ है, तब पुलिस का माथा ठनका. प्रधान नगर पुलिस समझ गई कि तस्कर नए खिलाड़ी नहीं है.बल्कि पहुंचे हुए हैं और वह कोई छोटे लोग नहीं हो सकते. इसलिए पुलिस ने ऑपरेशन को सफल करने का पूरा बंदोबस्त कर लिया. वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में प्रधान नगर पुलिस और संबंधित स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप व खुफिया विभाग ने गाड़ी को रोकने तथा छापे की कार्रवाई करने के लिए एक टीम बनाई.
पुलिस की बनाई टीम में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के कुछ अधिकारियों को भी शामिल किया गया. इसके बाद प्रधान नगर थाने की पुलिस और संयुक्त टीम ने इस्लामपुर से सिलीगुड़ी आ रही गाड़ी का पीछा करने का फैसला किया. संयुक्त टीम अपने अभियान पर निकल पड़ी. कार्य थोड़ा कठिन था. क्योंकि तस्करों को अगर थोड़ी सी भी भनक मिल जाती तो उन्हें दबोचना आसान नहीं होता. इसलिए संयुक्त टीम ने सादी वर्दी में और फूल प्रूफ योजना बनाकर गाड़ी का पीछा किया और सर्किट हाउस, चंपासारी, नई बस्ती इलाके में धर दबोचा.
गाड़ी में सवार लोगों ने पहले तो सरकारी गाड़ी होने का पुलिस पर रौब दिखाया, लेकिन जब पुलिस ने उनसे कागजात मांगे और उनका परिचय पत्र प्राप्त करने की कोशिश की तो उनका झूठ ज्यादा समय तक टिक नहीं सका. इसके बाद पुलिस और संयुक्त टीम ने गाड़ी की तलाशी ली तो गाड़ी के अंदर से सात कार्टून अवैध कफ सिरप बरामद हुआ. इनकी अनुमानित कीमत ₹5 लाख से भी ज्यादा है. यह घटना कल देर रात की है. आज प्रधान नगर थाने की पुलिस ने अवैध कफ सिरप की तस्करी के आरोप में आरोपियों को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है.