बुधवार का दिन ऐतिहासिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है, जब सिलीगुड़ी समेत देश भर में एक ही समय युद्ध का सायरन बजेगा. आसमान में फाइटर जेट उड़ते नजर आएंगे. जबकि सड़कों पर सेना के टैंकर, गाड़ियां तथा अन्य युद्ध संबंधी उपकरण नजर आएंगे. इन सभी को देखकर आप यह भ्रम में मत रहिए कि युद्ध हो रहा है. वास्तव में यह सब युद्ध की तैयारी के रूप में किया जा रहा है. सरकार का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि अगर पाकिस्तान से युद्ध होता है तो आप स्वयं का कितना बचाव कर सकते हैं. साधारण अर्थ में कहें तो यह मॉक ड्रिल होगा. इसलिए आपको घबराने की जरूरत नहीं है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर युद्ध जैसी स्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर भारत की तैयारियों की जांच के लिए ही इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है. बुधवार को सिलीगुड़ी और देशभर में जो युद्ध अभ्यास होगा, केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी कर दिया है. गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद सिलीगुड़ी प्रशासन ने मॉक ड्रिल की तैयारी शुरू कर दी है. मॉक ड्रिल में जल, थल और वायु सेना के साथ-साथ पुलिस, अग्निशमन विभाग, अर्धसैनिक बल और आपदा प्रबंधन के लोग भी भाग लेंगे.
इस बीच सिलीगुड़ी प्रशासन ने सिलीगुड़ी की जनता से अपील की है कि अगर वह आसमान में फाइटर जेट उड़ते देखे, जमीन पर फौजी जवानों को अपना कर्तव्य करते देखे, तो डरे नहीं. क्योंकि यह सब एक तैयारी के रूप में किया जा रहा है. कल सिलीगुड़ी के सीमावर्ती इलाकों में भी सुरक्षा बल विशेष चौकसी करते नजर आएंगे. सिलीगुड़ी प्रशासन ने सिलीगुड़ी के सभी नागरिकों से इस दौरान शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाह से दूर रहने की सलाह दी है.
दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू विष्ट ने समतल, पहाड़ और तराई के साथ साथ सिक्किम के नौजवानों से अपील की है कि मॉक ड्रिल के समय वे सक्रियता से भाग लें और युद्ध कौशल का अभ्यास करें. इससे न केवल वे खुद की हिफाजत कर सकेंगे बल्कि अन्य लोगों की भी सहायता कर सकेंगे. उन्होंने नौजवानों से यह भी अनुरोध किया है कि हमारे नौजवान आपसी एकता और संपूर्ण तैयारी के साथ यह दिखाएं कि समतल, पहाड़, Dooars व सिक्किम आदि क्षेत्रों के नौजवान किसी भी चुनौती का डटकर सामना करने के लिए तैयार हैं.
आपको बताते चलें कि देशभर के 244 जिलों में कल सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी आपात स्थिति में खासकर हवाई हमले अथवा अन्य हमलों से निपटने के लिए तैयार करना है. इस मॉक ड्रिल से नागरिकों को सुरक्षा उपाय, निकासी और आपातकालीन प्रतिक्रिया की जानकारी मिलेगी. कल पश्चिम बंगाल में जहां-जहां मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है, उनमें से सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, मालदा,ग्रेटर कोलकाता, दुर्गापुर, हल्दिया, हासिमारा ,खरगपुर ,बर्नपुर, आसनसोल, फरक्का, चितरंजन ,बालूरघाट ,अलीपुरद्वार ,रायगंज, इस्लामपुर, दिनहटा ,मैखिली गंज, माथाभांगा, कालिमपोंग, जल ढाका, कर्सियांग, वर्धमान,वीरभूम, पूर्वी मेदिनीपुर ,पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा ,हुगली, मुर्शिदाबाद आदि शामिल है.
आप डरे नहीं. इसके लिए आपको कुछ सलाह दी जा रही है. जैसे अगर युद्ध का सायरन बजता है तो सर्वप्रथम सुरक्षित क्षेत्र में चले जाएं.5 से 10 मिनट का समय लें. इससे ज्यादा नहीं. जैसे ही सायरन बजे, आप बचाव की तैयारी शुरू कर दें. घबराने की कोई जरूरत नहीं है. खुले क्षेत्र से दूर चले जाएं. मोबाइल, टीवी, रेडियो आदि पर ध्यान से अलर्ट देखें. मॉक ड्रिल के दौरान क्रश ब्लैक आउट का अभ्यास किया जाएगा. इसके तहत सभी तरह की लाइटों को बंद कर दिया जाता है. इसलिए आप अपने घर की खिड़कियों पर मोटे परदे, काले कागज अथवा ब्लाइंड लगा कर रखें. शीशे से दूर रहे और जमीन पर लेट जाएं.
मॉक ड्रिल के तहत नागरिकों और स्कूली छात्रों को सिविल डिफेंस का प्रशिक्षण दिया जाएगा. बच्चों को सुरक्षित और प्रतिक्रियात्मक तैयारी के कौशल सिखाए जाएंगे. ताकि युद्ध के दौरान वे अपना भली भांति ख्याल रख सके. आपसी एकता और पड़ोसियों के साथ सहयोग सुनिश्चित करें. अपने साथ पीने का पानी, सूखा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, टॉर्च, रेडियो अथवा मोबाइल, जरूरी दस्तावेज आदि रखें.
यहां आपको यह भी बता दे कि युद्ध के समय जो सायरन बजता है, उसकी आवाज 5 किलोमीटर दूर तक सुनाई दे सकती है. यह एक आम अलार्म होता है. लेकिन तेज आवाज होती है. जो चेतावनी देता है. उन स्थितियों में सायरन बजाया जाता है, जब एयर स्ट्राइक होता है. अंतिम सूचना मिलने तक सिलीगुड़ी के लोग मॉक ड्रिल के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
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