सिलीगुड़ी के एक लड़के ने अपने उधार देने वाले दोस्तों और उसे ब्लैकमेल करने वाली एक लड़की से पिंड छुड़ाने के लिए यही सबसे अच्छा उपाय सोचा कि कुछ दिनों के लिए गायब ही हो जाया जाए. और वह गायब भी हो जाता है. उसके गायब होने की घटना को सोशल मीडिया में अपहरण से जोड़कर प्रसारित किया जाता है और फिर एक दिन सच सामने आ ही जाता है क्या है पूरी घटना आप भी जानिए…
पिछले कई दिनों से सिलीगुड़ी में गुमशुदगी की बढ़ती घटनाओं के बीच सोशल मीडिया के द्वारा तरह-तरह की अफवाहें उड़ाई जा रही हैं. जैसे किडनैपिंग, तस्करी करने इत्यादि. ऐसी अपहरण की बढ़ती घटनाओं के बीच सिलीगुड़ी के टोटो को भी लपेटे में लिया गया और इस तरह से सिलीगुड़ी में हवा बना दी गई कि यहां से कुछ अवांछित तत्व लड़के लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं. एक पर एक गुमशुदगी की बढ़ती घटनाओं के बीच पुलिस ने लोगों से अफवाह फैलाने से रोकने की अपील की.
पुलिस प्रशासन का शुरू से ही यह मानना है कि जो लोग गायब हो रहे हैं, वे अपने व्यक्तिगत कारणों से घर से गायब हो रहे हैं. उन्हें कोई गायब नहीं कर रहा है. आपको याद होगा कि खबर समय ने भी सिलीगुड़ी में लोगों के गायब होने की बढ़ती घटनाओं को कभी भी अपहरण से जोड़कर नहीं देखा था. अब पुलिस ने एक बड़े सच का पता लगा लिया है. एक ऐसा सच जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
24 जुलाई को सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत वार्ड नंबर 46 के गणेश घोष कॉलोनी से एक युवक गायब हो गया था. उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट प्रधान नगर थाने में दर्ज कराई गई थी. युवक के माता-पिता को संदेह था कि उनके बेटे का अपहरण किया गया हो सकता है. क्योंकि उस समय सिलीगुड़ी के सोशल मीडिया पर लोगों के गायब होने की घटनाओं को अपहरण से जोड़कर प्रसारित किया जा रहा था. पहले से आतंकित युवक के माता-पिता ने भी पुलिस को अपने इस शक से रूबरू कराया था. कुछ मीडिया में युवक की गुमशुदगी के पीछे उसका अपहरण दिखाया जा रहा था. प्रधान नगर थाना की पुलिस ने गायब हुए युवक का पता लगाने के लिए छानबीन शुरू कर दी.
इस घटना के तीन दिनों बाद प्रधान नगर पुलिस ने गायब युवक को कोलकाता के धर्मतला से बरामद किया. 27 तारीख को प्रधान नगर पुलिस जब युवक को सिलीगुड़ी लेकर लौटी और उससे पूछताछ की तो उसने जो कुछ भी बताया, उसे सुनकर युवक के माता-पिता और पुलिस भी हैरान रह गई. दरअसल इस घटना में लड़के के गायब होने का सच सामने आ गया. उक्त युवा को फेसबुक के जरिए एक लड़की से प्यार हो गया था. लड़की बाद चालक निकली और शातिर निकली उसने युवक के भोलेपन का फायदा उठाया और ने युवक को अपने जाल में फंसा कर उसको ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था.
युवती लड़के से पैसे मांगती रहती थी. वह धमकी देती थी कि अगर उसने उसकी मांग पूरी नहीं की तो उसके कुछ आपत्तिजनक फोटो और वीडियो सोशल मीडिया के जरिए वायरल कर देगी. लड़का एक प्रतिष्ठित खानदान से संपर्क रखता था. इसलिए वह बदनामी के डर से युवती की हर मांग को पूरा करता रहा. युवक कभी घर से तो कभी दोस्तों से उधार ले लेकर युवती के खाते में पैसा ट्रांसफर करता रहा. इस बीच जिन दोस्तों से उसने उधार ले रखा था, उन्होंने अपने पैसे मांगने शुरू कर दिए.
युवक की समझ में नहीं आया कि वह करे तो क्या करे. उसने इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने का विचार कर घर से ही गायब होने का फैसला कर लिया और 24 जुलाई को घर से गायब होकर कोलकाता पहुंच गया, जहां से प्रधान नगर की पुलिस ने 27 जुलाई को बरामद किया है. अपहरण की यह सच्चाई सामने आने के बाद यह उम्मीद की जानी चाहिए कि सिलीगुड़ी में सोशल मीडिया के जरिए फलाई गई अफवाहों को खत्म करने में मदद मिलेगी. वर्तमान में सिलीगुड़ी में लोगों के गायब होने की बढ़ती घटनाओं को लेकर जो नकारात्मक वातावरण बना है, पुलिस द्वारा इस घटना का पर्दाफाश करने के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि लोगों के दिमाग से भ्रांतियां दूर होगी.
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