November 14, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल जुर्म सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी के एक और RGकर का आया फैसला! मोहम्मद अब्बास को फांसी होगी या आजीवन कारावास?

बस कुछ ही घंटों का इंतजार है. पूरे सिलीगुड़ी की नजर स्पेशल कोर्ट और मोहम्मद अब्बास पर टिकी है. स्पेशल पास्को कोर्ट की जज मिस माथुर कड़ी सुरक्षा के बीच मोहम्मद अब्बास के भविष्य का फैसला करने जा रही है.

माटीगाड़ा के बहुचर्चित नाबालिग छात्रा हत्याकांड, जिसकी गूंज सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता और दिल्ली तक सुनाई दी थी. और यह कोलकाता के आरजीकर कांड से कोई कम नहीं था, इसका फैसला आ चुका है.अदालत ने छात्रा के गुनहगार मोहम्मद अब्बास को उन सभी सभी धाराओं में दोषी करार दिया है, जिसके लिए या तो आजीवन कारावास अथवा मृत्युदंड का प्रावधान है. अदालत में यह साबित हो चुका है कि मोहम्मद अब्बास ने ही अभया को बहलाया फुसलाया और उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम देने के क्रम में उसकी बेरहमी से हत्या कर दी. इसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या मोहम्मद अब्बास को फांसी होगी या आजीवन कारावास?

वर्तमान में देशभर में कोलकाता के आरजीकर कांड की गूंज सुनाई पड़ रही है. देशभर की एक ही आवाज है, पीड़िता को इंसाफ मिले. इसके लिए आम से लेकर खास तक आंदोलन कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल की सरकार ने एंटी रेप बिल को भी पारित कर दिया है. इसमें प्रावधान है कि ऐसे मामलों में दुष्कर्मी को फांसी होनी चाहिए. ठीक इसी तरह की आवाज जब 1 साल पहले 21-22 अगस्त 2023 को माटीगाड़ा कांड हुआ था, तो समाज के सभी पक्षों से दुष्कर्मी को फांसी देने की उठ रही थी. ऐसे में लोग कयास लगा रहे हैं कि मोहम्मद अब्बास को फांसी से कम सजा नहीं होगी. यह वक्त की भी मांग है.

कोलकाता के आरजीकर कांड ने इसकी संभावना को बढ़ा दिया है. वातावरण तो ऐसा ही है. परंतु कुछ बुद्धिजीवी लोगों की भावना को अदालत के फैसले से अलग मानते हैं.क्योंकि अदालत में सबूत और गवाह मुख्य तत्व होते हैं और इसी पर दोषी और निर्दोष का फैसला होता है. अदालत में लोगों की भावनाओं की कोई जगह नहीं होती है. अगर सबूत और गवाह को भी आधार बनाकर इस मामले को देखें तो पीड़िता को इंसाफ मिलने के पूरे आसार हैं. यानी दोषी को मृत्युदंड दिया जा सकता है.

सिलीगुड़ी महकमा अदालत के विशेष पास्को कोर्ट की सुनवाई, साक्ष्य, गवाह, सरकारी वकील के आत्मविश्वास, पैरवी करने के तरीके, अभियुक्त की स्वीकारोक्ति, कोर्ट का वातावरण इत्यादि संकेत बता रहे हैं कि कल जो होगा, संभवत: एक अभूतपूर्व फैसला होगा. यह ऐतिहासिक भी होगा. आमतौर पर ऐसे मामलों का फैसला आने में वर्षों लग जाते हैं, परंतु यह पहला ऐसा मामला है जो 1 वर्ष में ही सामने आ गया. निश्चित रूप से पुलिस इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर, कोर्ट और सहायक तत्व सभी बधाई के पात्र हैं. अगर माटीगाड़ा पुलिस ने अपनी ड्यूटी और जिम्मेदारियों का निर्वाह त्वरित ढंग से कुशलतापूर्वक नहीं किया होता तो शायद इसमें और समय लग सकता था.

विशेष लोक अभियोजक विभाष चटर्जी के अनुसार साइकिल पैटर्न कॉन्सेप्ट इसमें बहुत काम आया है. इस पैटर्न कॉन्सेप्ट ने ही आरोपी की पहचान कराई. इस कांड में ऐसी ऐसी धाराएं लगाई गई है, जो बहुत ही कम देखने को मिलती है. गवाहों ने पूरी तरह से सहयोग किया है. जिस साइकिल से मोहम्मद अब्बास छात्रा को लेकर गया था और जिस ईट से प्रहार कर उसने छात्रा की हत्या की थी, उसे भी कोर्ट में रखा गया. सीसीटीवी फुटेज भी बड़ा सबूत साबित हुआ. यह कांड 21-22 अगस्त 2023 को माटीगाड़ा थाना अंतर्गत एक सुनसान जगह पर हुआ था. यहां स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म और बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई थी. इस घटना के 6 घंटे के अंदर ही पुलिस ने मोहम्मद अब्बास को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया था.

फास्ट कोर्ट ट्रायल करने के लिए जनवरी महीने में कोलकाता हाई कोर्ट के स्पेशल पीपी विभाष चटर्जी को नियुक्त किया गया. इसके बाद विभाष चटर्जी की अगुवाई में माटीगाड़ा छात्रा हत्याकांड की तेज रफ्तार में सुनवाई शुरू हुई. इसी दौरान अदालत में प्रत्यक्षदर्शी, पुलिस एंबुलेंस चालक समेत 22 लोगों की गवाही दर्ज हुई. इसके बाद जिस साइकिल पर बैठाकर छात्रा को मोहम्मद अब्बास ले गया था, सबूत के तौर पर पुलिस ने उस साइकिल को भी अदालत में पेश कर दिया. जिसे जज ने भी महत्वपूर्ण माना. लगभग हर सुनवाई में पीड़िता पक्ष के लोग अदालत में आकर दोषी को फांसी देने की मांग कर रहे थे.

आखिरकार मोहम्मद अब्बास को सिलीगुड़ी महकमा अदालत की फर्स्ट एडीजे स्पेशल पास्को कोर्ट की न्यायाधीश मिस माथुर ने आखिरी सुनवाई पूरी करके दोषी करार दिया. इस फैसले को सुनकर पीड़िता परिवार के लोग खुशी से रो पड़े. आखिरकार सत्य की जीत हुई. पीड़िता को इंसाफ मिला. अब कुछ ही घंटों की देर है. वर्तमान में चल रहे कयासों पर भी पूर्णविराम लग जाएगा कि क्या मोहम्मद अब्बास को सजा ए मौत मिलती है या फिर आजीवन कारावास!

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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