सिलीगुड़ी में कार खरीदने के नाम पर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, खुद को देबीडांगा निवासी बताने वाला एक युवक गाड़ी का सौदा करने के बाद फरार हो गया, लेकिन पुलिस जांच में पूरा मामला खुलकर सामने आया।
दरअसल, दार्जिलिंग निवासी इज़ाक सुब्बा की जान-पहचान देबीडांगा निवासी अरिजीत सिंह नामक व्यक्ति से हुई थी। दोनों के बीच एक कार सौदे का अनुबंध हुआ था, जिसके तहत अरिजीत को लोन की बकाया किस्तों के ₹5 लाख चुकाने थे और इज़ाक को ₹70,000 देने थे।
अनुबंध के अनुसार, 30 मार्च को अरिजीत ने कार अपने कब्जे में ले ली, लेकिन उसके बाद से ही उसने इज़ाक से कोई संपर्क नहीं किया। न किस्तें चुकाईं, न फोन का जवाब दिया। आखिरकार, 1 अक्टूबर को इज़ाक ने प्रधाननगर थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के आधार पर जब पुलिस ने देबीडांगा में जांच की, तो सामने आया कि वहां अरिजीत सिंह नाम का कोई व्यक्ति रहता ही नहीं था। मोबाइल नंबर के आधार पर जांच आगे बढ़ाई गई तो आरोपी की असली पहचान नंदन घोष, निवासी मालबाज़ार साउथ कॉलोनी के रूप में हुई। 3 अक्टूबर को पुलिस ने नंदन घोष को मालबाज़ार से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने कार को मेकलिगंज के तीन लोगों को बेच दिया है।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 6 अक्टूबर को उन तीनों को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के आधार पर बुधवार रात मेटेली के शालबाड़ी मोड़ क्षेत्र से चोरी की गई कार बरामद कर ली गई।पुलिस सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को चारों आरोपियों को सिलीगुड़ी महकमा अदालत में पेश किया गया।
पुलिस का कहना है कि मामले की आगे की जांच जारी है।