सिक्किम एक बार फिर से संकट में घिर सकता है. संभवत:आज और कल की भारी बरसात से तीस्ता और सहायक नदियां सिक्किम के जनजीवन को न केवल अस्त व्यस्त कर सकती हैं, बल्कि कई क्षेत्रों में बाढ़ का भी खतरा उत्पन्न हो सकता है.
तीस्ता नदी सिक्किम , कालिमपोंग और समतल की जीवन रेखा मानी जाती है. लेकिन बरसात के दिनों मे तीस्ता नदी पहाड़ के लिए अभिशाप बन जाती है. बारिश होने से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ जाती है. भूस्खलन होने से सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होता है. सड़क क्षतिग्रस्त होने से परिवहन व्यवस्था ठप्प पड़ जाती है. तीस्ता आपदा से पहाड़ में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो चुकी है. इनसे बचाव के लिए लोग केंद्र की ओर टकटकी लगाए हुए हैं. सिक्किम सरकार पहले ही केंद्र सरकार से दरख्वास्त कर चुकी है. अब तीस्ता बचाओ अभियान की ओर से सिक्किम के मुख्यमंत्री, रेल मंत्री, केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, केंद्रीय वन विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार इत्यादि विभिन्न संस्थाओं को पत्र भेजने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है.
सिक्किम की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले लगभग एक महीने से ज्यादा समय से सिक्किम प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है. संकट इतना बड़ा है कि सिक्किम को भारी नुकसान हो रहा है. NH10 बंद होने से अब तक सिक्किम को 100 करोड रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. बारिश और भूस्खलन से जूझ रहे सिक्किम को इससे भी बड़ा संकट का सामना करना पड़ सकता है.
भारतीय मौसम विज्ञान ने सिक्किम के लिए एक पूर्वानुमान जारी किया है. आज और कल सिक्किम पर भारी पड़ सकता है. मौसम विज्ञान के पूर्वानुमान में कहा गया है कि सिक्किम राज्य के मंगन, गंगतोक, पेक्योंग, नामची, सोरेंग जिलों में भारी बारिश हो सकती है. जब जब सिक्किम में भारी बारिश होती है, सिक्किम में बहने वाली नदियां जल प्रलय ला देती हैं. तीस्ता नदी ने सिक्किम में जो तबाही मचाई है, उससे हर कोई परिचित है. अगर सिक्किम में मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान सत्य साबित होता है तो एक बार फिर से तीस्ता और सहायक नदियों का जल प्रलय देखने को मिलेगा.
सिक्किम में पिछले कई दिनों से बारिश और भूस्खलन का दौर जारी है. नेशनल हाईवे संख्या 10 बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है. इस मार्ग से होकर वाहनों का आना-जाना बंद है. वैकल्पिक मार्ग से सिक्किम जाना आसान नहीं है. इससे सिक्किम को भारी नुकसान पहुंच रहा है. सिक्किम की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर करती है.पर्यटक सिक्किम पहुंच नहीं पा रहे हैं.इसके अलावा सिक्किम का बाजार सिलीगुड़ी के बाजार से प्रभावित होता है. सिक्किम के थोक व्यापारी सिलीगुड़ी से माल मंगाते हैं. लेकिन इन दिनों बारिश और भूस्खलन के चलते परिवहन सेवा भी चरमरा गई है. इससे सिक्किम में अनाज और साग सब्जियों की कीमत में भारी वृद्धि हुई है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान में चेतावनी दी गई है कि आज और कल सिक्किम में भारी बारिश के चलते नदियों का जल प्रवाह तेज हो जाएगा और बाढ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की पूरी संभावना है. कहा गया है कि भूस्खलन के कारण सड़क मार्ग बुरी तरह अवरूद्ध होगा. हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन के द्वारा त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन इसे लेकर आम लोगों में भय व्याप्त हो गया है. सिक्किम राज्य ट्रैफिक विभाग ने अपने नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई ज्यादा जरूरी ना हो तो घर से ना निकले.
मौसम विभाग के ताजा अपडेट को देखते हुए ट्रैफिक प्रशासन के द्वारा ट्रैफिक को लेकर नए नियम जारी हो सकते हैं अथवा जारी ट्रैफिक नियम का पालन करने के लिए लोगों पर दबाव डाला जा सकता है. अब देखना है कि मौसम विज्ञान विभाग के ताजा अपडेट के मद्देनज़र सिक्किम सरकार सिक्किम को बाढ़ से बचाने के लिए क्या कदम उठाती है.
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