दार्जिलिंग मोड़ पर हमेशा लगने वाले जाम से सिलीगुड़ी वासियों को मुक्ति मिलने जा रही है. इसी तरह से चंपासारी और दार्जिलिंग मोड भी अतिक्रमण मुक्त होने जा रहा है. जब बागडोगरा, माटीगाड़ा, नेपाल, बिहार, कोलकाता इत्यादि से बड़े-बड़े वाहन सिलीगुड़ी के दार्जिलिंग मोड़ से होकर गुजरेंगे तो उन्हें ब्रेक लगाने की भी जरूरत नहीं होगी. कहीं कोई दुर्घटना का भी नहीं होगा डर और देखते-देखते गाड़ियां लगभग 13.5 किलोमीटर का फासला पलक झपकते ही तय कर लेंगी. यानी बालासन से लेकर सेवक सेना छावनी तक एलिवेटेड रोड मिलेगा एकदम क्लियर… शुरू हो गई है उल्टी गिनती!
पिछले काफी समय से यहां काम चल रहा है. सड़क निर्माण कंपनियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. काम जल्द से जल्द पूरा करना है. इसलिए मजदूर से लेकर कारीगर और इंजीनियर मुस्तैद हैं. सड़क को अतिक्रमण से पहले ही मुक्त कर लिया गया है. हालांकि सिलीगुड़ी के लोगों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर भक्ति नगर से लेकर सेवक छावनी तक गाड़ियों का लंबा जाम लग रहा है. पर यह जल्द ही खत्म होने जा रहा है. दार्जिलिंग मोड तथा चंपासारी को छोड़कर शेष सभी स्थानों से अतिक्रमण को हटा लिया गया है. अब दार्जिलिंग मोड और चंपासारी को भी अतिक्रमण मुक्त करने की तैयारी की जा रही है.
बालासन नदी से लेकर सेवक छावनी तक एलिवेटेड रोड के बीच दो कॉरिडोर और दो बड़े पुल महानंदा व बालासन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. दो छोटे पुल और 6 अंडरपास भी बन चुके हैं. सड़क के दोनों तरफ सर्विस रोड भी लगभग पूरा हो चुका है. भक्ति नगर से सेवक छावनी तक फ्लाईओवर भी बन रहा है. रात दिन यहां काम हो रहा है. इस पूरी परियोजना पर लगभग 955 करोड़ की लागत आएगी. यात्री वाहनों को दुर्घटना से बचाने के लिए कुल 7 दुर्घटना क्षेत्रो में ब्लैक स्पाट को चिन्हित किया गया है. यह हैं सिलीगुड़ी शहर, दार्जिलिंग मोड, माटीगाड़ा, चंपासारी, 2 माइल, सेवक छावनी और सालूगाड़ा. जिस तरह से इंजीनियरिंग और तकनीकी का काम यहां हो रहा है, उसके बाद यहां गाडियां बिना किसी अवरोध के सरपट भागेंगी.
भक्ति नगर से सेवक सेना छावनी तक जो फ्लाईओवर बन रहा है, वह लगभग 4 किलोमीटर तक है. फ्लाईओवर के पिलर का काम लगभग 80% पूरा हो चुका है. इससे पहले सड़क के दोनों ओर सर्विस रोड बनाया गया, ताकि आवागमन में बाधा ना पड़े. अब एप्रोच रोड भी बनाया जा रहा है. सब काम व्यवस्थित रूप से और द्रुत गति से चल रहा है. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि जब यह सड़क बनकर तैयार हो जाएगी, तब बिहार ,बंगाल ,नेपाल इत्यादि दूर राज्यों अथवा शहरों से यहां से गुजरने वाली गाड़ियां पानी की तरह भागेंगी. इसके साथ ही सिलीगुड़ी शहर का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला दार्जिलिंग मोड का लुक ही बदल जाएगा. इस रोड का जाम एक इतिहास बनकर रह जाएगा. समय व ईंधन की भी बचत होगी और सिलीगुड़ी शहर का गौरव भी बढ़ेगा. बस, अब कुछ ही दिनों की बात है.
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