वर्तमान में सोशल मीडिया एक ऐसा मंच बन चुका है, जो लोगों की जरूरत और आवश्यकता से जुड़ गया है. हर व्यक्ति के हाथ में मोबाइल है. सोशल मीडिया पर प्रसारित खबर व्यक्ति को जरूर प्रभावित करती है. लेकिन अगर खबर झूठी हो तो ऐसी खबर एक तरफ पत्रकारिता के धर्म और मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करती है, तो दूसरी तरफ जनता में भ्रम और गुमराह की स्थिति भी उत्पन्न करती है. पिछले कुछ दिनों से सिलीगुड़ी के कुछ सोशल मीडिया के द्वारा टोटो को लेकर अनाप-शनाप की खबरें चलाई गई है. जिसके कारण यहां की महिलाएं अत्यधिक डर गई हैं. पिछले तीन दिनों में तीन ऐसी घटनाएं घटी है, जो यह बताने के लिए पर्याप्त है कि टोटो को लेकर मीडिया ने महिलाओं में नकारात्मक छवि पैदा कर दी है.
आज कुछ इन्हीं बातों की ओर इशारा करते हुए डीसीपी दीपक सरकार ने कुछ सोशल मीडिया को आडे हाथों लिया है. सिलीगुड़ी में टोटो को लेकर फैलाई गई अफवाह पर मीडिया की खिंचाई करते हुए उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अफवाह फैलाने वाले सावधान हो जाएं. अन्यथा पुलिस उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है. पिछले कुछ दिनों से सिलीगुड़ी में टोटो को लेकर लोगों खासकर महिलाओं में एक आतंक व्याप्त है. पिछले तीन दिनों में तीन-तीन ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं, जिनसे पता चलता है कि टोटो को लेकर महिलाओं में कितना डर उत्पन्न हो चुका है.
वास्तव में टोटो को लेकर लोगों खासकर महिलाओं में जो डर पैदा हुआ है, उसका संबंध उन घटनाओं से है, जब सिलीगुड़ी में एक पर एक महिलाओं के गायब होने की घटनाओं का संबंध कुछ सोशल मीडिया में टोटो से जोड़ा गया. कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह कहा गया कि सिलीगुड़ी के कुछ टोटो वाले महिलाओं को गायब कर रहे हैं. हालांकि इस तरह की कोई घटना घटी हो, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. लेकिन नकारात्मक खबरें जल्द वायरल हो जाती हैं और उसका असर खासकर महिलाओं पर ज्यादा गहरा हो जाता है. पिछले तीन दिनों की घटनाएं इसी ओर इशारा कर रही हैं.
सिलीगुड़ी के कुछ सोशल मीडिया ने बगैर जांचे परखे और सुनी सुनाई बातों में आकर यह खबर प्रसारित करना शुरू कर दिया कि सिलीगुड़ी में महिलाओं को गायब करने में कुछ टोटो वालों का हाथ है. टोटो वाले महिलाओं का अपहरण कर रहे हैं और उन्हें गायब कर रहे हैं. हालांकि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं थी. परंतु सोशल मीडिया के जरिए सिलीगुड़ी में डर का एक नकारात्मक वातावरण बन गया.
महिलाओं पर ऐसी निराधार नकारात्मक खबरों का कितना असर पड़ा है, इसकी बानगी सोमवार को देखने को मिली जब जलपाई मोड जाने के लिए एक अकेली महिला कावाखाली में टोटो पर बैठी. क्योंकि बर्दवान रोड पर उस दिन एक मालवाहक ट्रक पलट गया था और कांवरियों के कारण भी वर्धमान रोड पर जाम लगा था. इसलिए जलपाई मोड ट्रेफिक गार्ड की पुलिस नौकाघाट से टोटो तथा छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से जलपाई मोड जाने दे रही थी. टोटो चालक ने भी ट्रैफिक पुलिस के निर्देश के अनुसार अपना टोटो वैकल्पिक रूट पर मोड़ दिया.
जैसे ही टोटो अंदरूनी रास्ते पर आगे बढ़ने लगा, अचानक महिला को सिलीगुड़ी में टोटो को लेकर फैलाई गई अफवाह के कारण डर लगने लगा और वह टोटो से नीचे उतर गई. वह पैदल ही वर्धमान रोड से होकर जलपाई मोड़ के लिए चली गई. मंगलवार को स्वामी विवेकानंद स्कूल की नवी कक्षा की दो छात्राएं स्कूल की छुट्टी होने पर घर जाने के लिए एक टोटो पर सवार हुई. उन्होंने देखा कि एक बुर्कापोश महिला पहले से ही टोटो पर बैठी थी. दोनों छात्राओं को लगा कि कदाचित बुर्कापोश महिला उनका अपहरण कर सकती है. यही सोच कर वे टोटो से नीचे उतर गई. दोनों छात्राएं आपस में सहेली हैं.
आज फिर कुछ इसी तरह की घटना का जिक्र उक्त छात्रा ने स्वामी विवेकानंद स्कूल के प्रिंसिपल से किया. दरअसल उक्त छात्रा रविंद्र नगर मोड़ पर टोटो में बैठी. टोटो में बैठते ही उसे कुछ अजीब सी गंध महसूस हुई. उसे लगा कि उसका अपहरण करने के उद्देश्य से कोई उसे बेहोश करने के लिए स्प्रे करना चाहता है. वह तुरंत ही टोटो से उतर गई. वह भागती हुई स्कूल के प्रिंसिपल के पास पहुंची और घटना के बारे में सारी बात बता दी. स्कूल के प्रिंसिपल ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस तुरंत ही मौके पर पहुंच गई. छानबीन के बाद पुलिस ने पाया कि इन दोनों ही घटनाओं का संबंध बालिकाओं के मन में बैठे डर से है. अन्यथा इस तरह की कोई भी घटना नहीं घटी है.
यह जरूरी है कि सोशल मीडिया जिम्मेदार बने और खबर की सच्चाई की पड़ताल करते हुए खबर प्रसारित करें. एक जिम्मेदार मीडिया का यही धर्म होता है. खबर समय ने हमेशा अपने धर्म और जिम्मेदारी को समझा है. यही कारण है कि खबर समय उत्तर बंगाल का सबसे अग्रणी लोकप्रिय वेब चैनल बन गया है.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)