टीएमसी में उठा पटक थमने का नाम नहीं ले रहा है. सांसद अभिषेक बनर्जी लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल के नए नेता बनाए गए हैं. जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता सुदीप बंदोपाध्याय को फिलहाल आराम करने की सलाह दी गई है. जानकारी मिली है कि सुदीप बंदोपाध्याय काफी बीमार है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी सांसदों की एक वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया है.
ममता बनर्जी का सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है. इसमें ममता बनर्जी ने लिखा है कि सांसदों ने सर्वसम्मति से अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में पार्टी का नेता घोषित किया है. इसलिए अभिषेक बनर्जी अब से तृणमूल सांसदों का प्रतिनिधित्व करेंगे.
यूं तो टीएमसी में उठा पटक का यह खेल काफी समय से चल रहा है. परंतु समझा जाता है कि ममता बनर्जी द्वारा टीएमसी सांसदों के साथ एक वर्चुअल बैठक में सांसदों के बीच समन्वय की कमी होने पर नाराजगी व्यक्त करने और इसकी प्रतिक्रिया में कल्याण बनर्जी द्वारा अपनी जिम्मेवारी लेने के साथ ही पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली में बदलाव तेज हुआ है.
टीएमसी के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने वर्चुअल बैठक के बाद अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा है कि दीदी ने सांसदों के बीच समन्वय की कमी होने की बात कही है. इसलिए यह दोष मुझ पर जाता है और यही कारण है कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं. पर जिन लोगों को ममता बनर्जी ने सांसद बनाया है, उनसे पूछिए कि वे लोकसभा में कितनी बार जाते हैं. उन्होंने कहा कि दक्षिण कोलकाता, बैरकपुर बांकुड़ा, उत्तर कोलकाता के सांसद शायद ही संसद में जाते हैं. ऐसे में मेरी क्या गलती है.
देखा जाए तो टीएमसी में उठा पटक का खेल उसी समय शुरू हो गया, जब महुआ मोइत्रा ने उनके साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया था. कल्याण बनर्जी ने लिखा है कि महुआ मोइत्रा ने उन्हें सूअर तक कहा. अगर यही भाषा एक पुरुष सांसद के द्वारा किसी महिला के लिए कही जाती तो देश भर में गुस्सा भड़क जाता. लेकिन जब कोई पुरुष को महिला इस तरह निशाना बनाती है तो इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है.
कुछ समय पहले इस बात को लेकर टीएमसी में भारी विरोध हुआ था. दो पक्ष आमने-सामने आ गए थे. एक महुआ मोइत्रा का और दूसरा कल्याण बनर्जी का. ममता बनर्जी की बातचीत और एक्शन से इस बात का संकेत मिल गया था कि वह महुआ मोइत्रा का तो साथ दे सकती हैं. परंतु कल्याण बनर्जी को उनके हाल पर छोड़ सकती है.
टीएमसी के सांसदों को लगता है कि कल्याण बनर्जी पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं. यही कारण है कि ममता बनर्जी को कहना पड़ा कि कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच चल रहे विवाद के चलते अगर पार्टी के सांसदों के बीच गुटबाजी होती है तो इसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि पार्टी में कल्याण बनर्जी की किसी भी तृणमूल नेता से नहीं पटती है. आखिरकार स्थिति उत्पन्न हुई और कल्याण बनर्जी को अपना पोस्ट छोड़ना पड़ गया. भाग हाल यह देखना होगा कि टीएमसी में चल रही गुटबाजी और घमासान को कब तक ब्रेक लगता है.