सिलीगुड़ी और सिक्किम के गाड़ी चालकों का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. कुछ समय पहले सिलीगुड़ी के एनजेपी सिंडिकेट से शुरू हुआ ताजा मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि एक बार फिर से एक नया विवाद वायरल वीडियो में सामने आ रहा है. इस बार सिक्किम की गाड़ी के चालक ने सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के ट्रैफिक विभाग के अधिकारी पर बड़ा आरोप लगाया है.
सिक्किम नंबर की गाड़ी सिलीगुड़ी होते हुए नेपाल जा रही थी. वायरल वीडियो में सुना जा सकता है कि चालक अपने एक दोस्त को लेकर नेपाल जा रहा था. सिलीगुड़ी के चंपासारी इलाके में गाड़ी चेकिंग के क्रम में यह घटना घटी है. ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों ने सिक्किम नंबर की गाड़ी को रोककर चालक से परमिट, लाइसेंस तथा अन्य कागजात दिखाने को कहा. ड्राइवर और पुलिस अधिकारी के बीच कुछ गरमा गरम बातचीत होती है. इसी क्रम में सिक्किम के चालक का लाइसेंस, परमिट तथा दूसरे कागजात फट जाते हैं.
चालक ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी ने उसके कागजात फाड़ दिए. हालांकि पुलिस अधिकारी ने इस बात से इनकार किया है. लेकिन वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्राइवर के हाथ में जो कागजात हैं, वह फटे हुए हैं. जिसको लेकर ड्राइवर ने काफी नाराजगी भी दिखाई. उसने कहा कि जब भी सिलीगुड़ी में सिक्किम की गाड़ी आती है, सिक्किम की गाड़ी को नाहक परेशान किया जाता है. यह अच्छी बात नहीं है.
ऐसा लगता है कि सिलीगुड़ी और सिक्किम के वाहन चालकों के बीच खाई लगातार बढ़ रही है. वाहन चालकों की यह धारणा बन चुकी है कि जब सिक्किम की गाड़ी सिलीगुड़ी में आती है तो सिक्किम की गाड़ी के साथ भेदभाव किया जाता है और नाहक डिस्टर्ब किया जाता है. इसी तरह से सिलीगुड़ी और समतल की गाड़ियां जब सिक्किम में जाती हैं, तो यहां के चालक आरोप लगाते हैं कि सिक्किम के चालक उनके साथ गुंडागर्दी करते हैं और ट्रैफिक पुलिस का भी सहयोग नहीं मिलता है.
सच्चाई क्या है, यह कोई नहीं जानता है. लेकिन पहाड़ और समतल के गाड़ी चालकों के आरोप अपनी अपनी जगह पर आज भी कायम है. पुलिस प्रशासन की ओर से ऐसे भेदभाव की बात से इनकार किया जाता है. चाहे वह सिक्किम हो या सिलीगुड़ी, प्रशासनिक स्तर पर सब कुछ सामान्य रहने की बात की जाती है. परंतु गाड़ी चालकों के स्तर पर उनके बीच बढ़ती जा रही खाई को पाटने का प्रयास नहीं किया जाता और ना ही उनकी धारणा को दूर करने का प्रयास किया जाता है.
वायरल वीडियो में अब एक नया मामला सामने आ गया है. इस बार सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन ट्रैफिक विभाग के अधिकारी कटघरे में हैं. जो भी हो, सच्चाई सबके बीच आनी चाहिए और ऐसा नहीं होना चाहिए कि पहाड़ और समतल के बीच की खाई बढ़े. चाहे सिक्किम हो या सिलीगुड़ी, कहीं के चालक कहीं भी जा सकते हैं और भाड़ा कमा सकते हैं. यह उनका मौलिक अधिकार है. इस पर बल देने की आवश्यकता है. व्यक्तिगत, सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर इस संबंध में मजबूत कदम उठाने की जरूरत है.
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