June 6, 2025
Sevoke Road, Siliguri
International लाइफस्टाइल

नेपाल में भारतीय नंबर की गाड़ी 72 घंटे से अधिक नहीं रुकेगी!

क्या आप अपनी कार अथवा निजी वाहन से नेपाल जा रहे हैं? नेपाल की यात्रा पर जाने से पहले इस खबर को जान लेना जरूरी है. अन्यथा आपको काफी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है. भारत और नेपाल आपस में मित्र हैं. दोनों देशों के लोग एक दूसरे देश में आवागमन कर सकते हैं. लेकिन हाल ही में नेपाल के यातायात संगठनों ने भारतीय नंबर की गाड़ियों का विरोध करना शुरू कर दिया है. ऐसा क्यों? अब तक स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है.

नेपाल के यातायात संगठनों ने वृहद आंदोलन की चेतावनी जारी की है. कहा है कि भारतीय वाहनों को नेपाल में 72 घंटे से अधिक रुकने की अनुमति न दी जाए.अपनी इस मांग को लेकर नेपाल सार्वजनिक यातायात केंद्रीय महासंघ, नेपाल यातायात व्यावसायी राष्ट्रीय महासंघ, नेपाल ढुवानी व्यवसायी महासंघ, नेपाल यातायात स्वतंत्र मजदूर संगठन, नेपाल यातायात मजदूर संघ और दूसरे यातायात संगठनों ने पिछले दिनों नेपाल में चक्का जाम कर दिया था, जिससे देश भर में यातायात व्यवस्था को लकवा मार गया था.

हद तो तब हो गई,जब उन्होंने सड़कों पर किसी भी तरह के व्यावसायिक वाहन को चलने नहीं दिया. इसका असर यह हुआ कि विराटनगर, ईटहरी और दूसरे खचाखच रहने वाले बस स्टैंड खाली और वीरान नजर आए. इससे पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. यातायात संगठनों ने चेतावनी जारी की है कि यह तो एक ट्रेलर है. अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो भविष्य में अनिश्चितकालीन बंद बुलाया जाएगा. सवाल यह है कि क्या सरकार यातायात संगठनों की मांग मान लेगी?

अगर नेपाल सरकार ने यातायात संगठनों की मांग मान ली तो इससे न केवल नेपाल के पर्यटन पर असर पड़ेगा, बल्कि इससे नेपाल की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होगी. इसके साथ ही भारत के साथ नेपाल के रिश्तों पर भी फर्क पड़ेगा. अगर ऐसा होता है तो भारत सरकार के द्वारा भी उसके अनुरूप कार्रवाई की जा सकती है. आखिर नेपाल में यातायात संगठनों को भारतीय नंबर की गाड़ियों से क्या परेशानी है? यह समझने की जरूरत है.

क्या यातायात व्यवसायी संगठनों के लोग नहीं चाहते कि नेपाल का पर्यटन कारोबार विकसित हो? या फिर इसके जरिए उनका मकसद अपने कारोबार को आगे बढ़ाना है? क्योंकि उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि नेपाल के निजी वाहनों को भी व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल करने की अनुमति न दी जाए. तो क्या इसका यह मतलब है कि यातायात व्यवसाई संगठन नेपाल में अपना कारोबार बढ़ाने के लिए एक नई रणनीति पर काम करना चाहते हैं?

जानकार मानते हैं कि नेपाल में यातायात व्यवसायी संगठनों की खूब चलती है. उनके इशारे पर सार्वजनिक बस, ऑटो, ट्रक, मिनी बस, जीप, माइक्रो बस जैसे सभी वाहन चलते हैं तथा उनके नियमों को मानने के लिए मजबूर हैं. नेपाल यातायात व्यवसायी संगठनों के इरादे जो भी हो, परंतु इससे एक बात स्पष्ट हो जाती है कि अगर सरकार ने उनकी मांग मान ली तो इससे नेपाल की अर्थव्यवस्था ,पर्यटन और भारत नेपाल मैत्री संबंधों पर जरूर असर पड़ेगा!

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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