डुआर्स के चाय बागान श्रमिक काफी डरे हुए हैं. खासकर वामनडांगा और सामसिंग चाय बागानों के श्रमिकों में जैसे ही यह खबर फैली कि बामनडांगा और सामसिंग चाय बागानों को ईडी अपने कब्जे में लेने जा रही है, तभी से ही उनके पांव तले की धरती खिसक गई है. क्या उनके चाय बागान बंद होने जा रहे हैं? क्या वे फिर से बेरोजगार हो जाएंगे?
नागराकाटा स्थित मेटेली सामसिंग चाय बागान में 1000 मजदूर तथा वामनडांगा स्थित तंदू चाय बागान में 1164 मजदूर काम करते हैं. वामनडांगा चाय बागान कई बार बंद और खुला. जेल में बंद पार्थ चटर्जी के करीबी हैं प्रसन्न राय. प्रसन्न राय वामनडांगा और सामसिंग चाय बागानों के प्रबंधक हैं. लेकिन वे अभी जेल में बंद हैं. ईडी का आरोप है कि पूर्व शिक्षा मंत्री के करीबी प्रसन्न राय ने शिक्षक भर्ती घोटाले का पैसा चाय बागानों में निवेश किया है. इसलिए उनकी संपत्तियों की जांच कर रही ईडी इन दोनों चाय बागानों को अपने नियंत्रण में लेने जा रही है.
हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि इन दोनों चाय बागानों का प्रबंधन ऋतिक भट्टाचार्य नामक एक नए मालिक कर रहे हैं. इसके बावजूद अगर ईडी के द्वारा चाय बागानों को बंद किया जाता है तो उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा. उत्तर बंगाल के अधिकांश चाय बागान तो पहले से ही बंद हो चुके हैं. ऐसे में ऐसा लगता नहीं है कि ईडी बागानों को बंद करने का फरमान जारी कर सकती है. परंतु जांच कार्रवाई के क्रम में अगर ऐसा होना आवश्यक हुआ तो उन्हें बंद भी किया जा सकता है. इसीलिए इन दोनों चाय बागानों के मजदूर और श्रमिक परेशान और बेहाल हैं.
आजकल मनी लांड्रिंग उत्तर बंगाल में चर्चा का एक विषय बन गया है. पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 27 करोड रुपए की जब्ती और प्रसन्न कुमार राय के उत्तर बंगाल में स्थित तीन चाय बागानों मेसर्स सामसिंग ऑर्गेनिक टी प्राइवेट लिमिटेड ,मेसर्स यांगटोंग ऑर्गेनिक टी प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स बामनडांगा टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड में निवेश के आरोप के बाद दार्जिलिंग के भाजपा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के मुखर नेता राजू बिष्ट ने तृणमूल कांग्रेस पर जोरदार हमला किया है.
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला 2022 में प्रकाश में आया था. उस समय के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उसके बाद ही यह मामला सामने आया था. ईडी की तलाशी में उन दोनों से 103.10 करोड रुपए की नगदी, आभूषण और अचल संपत्ति बरामद हुई थी.
इसके बाद की जांच में ईडी ने राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों, तृणमूल कांग्रेस से जुड़े नेताओं और बिचौलियों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया. इसी क्रम में प्रसन्ना कुमार राय की गिरफ्तारी हुई है. शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रसन्ना कुमार राय अपने सहयोगी चंदन मंडल के जरिए कथित तौर पर पैसे और उम्मीदवारों के एजेंट के रूप में चिन्हित किए गए हैं. वर्तमान में दोनों न्यायिक हिरासत में है.
प्रवर्तन निदेशालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. इसके अनुसार ईडी ,कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने प्रसन्न कुमार राय के तीन चाय बागानों के नाम पर पश्चिम बंगाल सेंट्रल एसएससी ग्रुप सी और डी स्टाफ भर्ती घोटाले में 27.19 करोड रुपए की चल और अचल संपत्तियां जब्त की है. प्रवर्तन निदेशालय ग्रुप सी और डी कर्मचारियों की अवैध नियुक्ति तथा गैर शिक्षक कर्मचारियों की अनुचित भर्ती में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है. इसी जांच के क्रम में ईडी के द्वारा यह खबर प्रकाशित की गई है, जो उत्तर बंगाल के चाय बागानों पर गाज की तरह गिरी है.
ईडी की प्रेस विज्ञप्ति के बाद भारतीय जनता पार्टी तृणमूल के विरोध में खुलकर सामने आ गई है. राजू विष्ट ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस बागानों के सहारे मनी लॉन्ड्रिंग कर रही है. उन्होंने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस उत्तर बंगाल के चाय बागानों का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग के लिए कर रही है. राजू बिष्ट ने कहा है कि वे पहले भी यही बात कहते थे. आज ईडी ने उनकी बातों पर मोहर लगा दी है.
राजू बिष्ट ने अपने फेसबुक पेज पर कहा है कि मेसर्स सैमसंग ऑर्गेनिक टी प्राइवेट लिमिटेड ,मैसर्स यंगटांग ऑर्गेनिक टी प्राइवेट लिमिटेड तथा मैसर्स बामनडांगा टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, जिनकी कुल संपत्ति 27.19 करोड रुपए है, ईडी का आरोप है कि इन सभी संपत्तियों को कथित तौर पर ग्रुप सी और ग्रुप डी भर्ती घोटाले से अर्जित धन से खरीदा गया. इसके आलोक में ही राजू बिष्ट टीएमसी पर सीधे-सीधे मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हैं.
राजू बिष्ट ने आरोप लगाया है कि शिक्षक भर्ती घोटाले से जो धन प्राप्त किया गया, उस धन का निवेश चाय बागानों में किया गया है. ताकि काले धन को व्हाइट किया जा सके. ईडी की जांच चल रही है. कयास लगाया जा रहा है कि अभी और लोगों की गिरफ्तारियां हो सकती हैं. दक्षिण बंगाल और कोलकाता से ईडी की चली मुहिम अब उत्तर बंगाल में गुल खिलाने लगी है.
राजू बिष्ट ने दावा किया है कि उत्तर बंगाल में पहाड़ और समतल में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के कई रिजॉर्ट, होटल, हाउसिंग प्रोजेक्ट इत्यादि चल रहे हैं. इसके अलावा रेत और पत्थर खनन का भी लंबा प्रोजेक्ट है. क्या इनमें किया गया निवेश मनी लॉन्ड्रिंग का ही है, इसकी भी जांच चल सकती है.
राजू विष्ट कहते हैं कि आगे आगे देखिए होता क्या है. अभी तो उत्तर बंगाल के मैदानी इलाकों में ही यह हलचल मची है. लेकिन भविष्य में दार्जिलिंग पहाड़ तथा अन्य क्षेत्रों में भी चाय बागानों पर गाज गिर सकती है. अब देखना है कि ईडी की जांच की गाज और किन-किन लोगों पर गिरती है. यह भी देखना होगा कि ईडी की जांच के रेडार में आए इन चाय बागानों का हश्र क्या सामने आता है. जो भी हो, फिलहाल तो इन बागानों में काम करने वाले मजदूरों के पैरों तले की धरती खिसक गई है. वे धमकी दे रहे हैं कि अगर बागान बंद हुआ तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.
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