कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘जनता उन्नयन पार्टी’ का गठन कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुली चुनौती दी है। मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में आयोजित एक जनसभा के दौरान हुमायूं कबीर ने मंच से दावा किया कि वर्ष 2026 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 100 सीटें भी नहीं मिलेंगी और ममता बनर्जी दोबारा सरकार नहीं बना पाएंगी।
हुमायूं कबीर ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार अब आम जनता से कट चुकी है और जमीनी मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी नेतृत्व में अंदरूनी लोकतंत्र खत्म हो चुका है, जिसकी वजह से उन्हें अलग राह चुननी पड़ी। कबीर ने यह भी ऐलान किया कि वे खुद मुर्शिदाबाद जिले की दो विधानसभा सीटों—बेलडांगा और रेजीनगर—से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
नई पार्टी के जरिए धर्मनिरपेक्ष राजनीति का दावा करते हुए हुमायूं कबीर ने दो हिंदू उम्मीदवारों के नामों की भी घोषणा की। उन्होंने मुर्शिदाबाद सीट से मनीषा पांडेय और कोलकाता की बॉलीगंज सीट से निशा चटर्जी को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया। कबीर ने कहा कि उनकी पार्टी किसी एक धर्म या समुदाय की नहीं, बल्कि सभी वर्गों के विकास के लिए काम करेगी।
गौरतलब है कि हुमायूं कबीर को 4 दिसंबर को टीएमसी से निलंबित कर दिया गया था। यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब उन्होंने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक मस्जिद के निर्माण की घोषणा की थी। इसके बाद 6 दिसंबर को उन्होंने रेजीनगर में मस्जिद की आधारशिला भी रखी, जिससे विवाद और गहरा गया। इस मुद्दे पर टीएमसी नेतृत्व ने खुद को अलग करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी।
इस बीच टीएमसी और हुमायूं कबीर के बीच बयानबाजी व्यक्तिगत आरोपों तक पहुंच गई है। कबीर ने कोलकाता के मेयर और मंत्री फिरहाद हकीम की पारिवारिक पृष्ठभूमि को लेकर विवादित टिप्पणी की, जिससे राजनीतिक माहौल और गरमा गया। हालांकि इस पर टीएमसी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
वहीं बीजेपी ने हुमायूं कबीर की नई पार्टी को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि जनता उन्नयन पार्टी दरअसल टीएमसी की “बी-टीम” की तरह काम करेगी और इसका मकसद बीजेपी के वोटों को बांटना है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और वरिष्ठ नेता शमिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि यह पूरा घटनाक्रम टीएमसी को अप्रत्यक्ष फायदा पहुंचाने की रणनीति का हिस्सा है।
कुल मिलाकर, हुमायूं कबीर की नई पार्टी के गठन से पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 2026 के विधानसभा चुनाव में जनता उन्नयन पार्टी टीएमसी, बीजेपी और अन्य दलों के समीकरणों को कितना प्रभावित कर पाती है।

