कोलकाता आरजीकर कांड की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. सीबीआई ने आज सुप्रीम कोर्ट में अब तक की जांच पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा है कि पिछले 30 सालों में उन्होंने ऐसा मामला नहीं देखा. इसी से यह पता चलता है कि यह मामला कितना गंभीर है. इस मामले ने जांच एजेंसी को भी उलझा कर रख दिया है. जांच एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौका ए वारदात से छेड़छाड़ हुई है. इसके अलावा सीबीआई ने संदीप घोष को लेकर भी बड़े-बड़े दावे किए हैं और संकेत दिया है कि उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. जांच एजेंसी के अनुसार अस्पताल प्रशासन का रवैया शुरू से ही सवालों के घेरे में है. पीड़िता के घर वालों को घटना की सूचना काफी देरी से दी गई. परिवार को पहले पीड़िता के बीमार होने और फिर आत्महत्या की खबर दी गई. सीबीआई ने दावा किया है कि क्राइम सीन को बदला गया है.सीबीआई ने माना है कि अपराध पर पर्दा डालने की कोशिश की गई है. सुप्रीम कोर्ट में चली मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया है कि पुलिस डायरी और पोस्टमार्टम के समय में काफी अंतर है. इसके अलावा आरोपी की मेडिकल जांच पर भी कोर्ट ने सवाल उठाया है.
सीबीआई ने आज सुबह सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसकी जांच अब तक कहां तक पहुंची है और इस पूरे घटनाक्रम में किस पर संदेह गहरा रहा है. किसने पूरे घटनाक्रम में लापरवाही बरती है और कौन-कौन जांच के दायरे में रखा गया है. सीबीआई ने अस्पताल प्रशासन को सीधे कटघरे में रखा है. प्रारंभिक जांच में सीबीआई को लगता है कि महिला डॉक्टर के साथ एक से अधिक लोगों ने दुष्कर्म नहीं किया है. हालांकि सीबीआई इस पर दृढ़ नहीं है. सीबीआई इस पर और अध्ययन करना चाहती है और सबूत तलाश रही है.
आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने FIR टाइमिंग पर कई सवाल उठाए और पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे वकील कपिल सिब्बल को फटकार लगाते हुए सर्वप्रथम FIR दर्ज करने वाले बंगाल पुलिस के ऑफिसर को अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया ताकि FIR की सही टाइमिंग का पता चल सके. सीजेआई ने कपिल सिब्बल से पूछा कि डीडी एंट्री के मुताबिक अस्वाभाविक मौत सुबह 10:10 पर दर्ज की गई. इसके बाद रात 11:30 पर FIR दर्ज क्यों की गई. जवाब दिया गया कि डॉक्टर की मौत से सदमे में आए उसके पिता ने शुरू में FIR दर्ज नहीं करने के लिए कहा था. बाद में पिता के कहने पर एफआईआर दर्ज हुई. सॉलीसीटर जनरल ने इसे पुलिस की मनगढ़ंत बात बताई.
चीफ जस्टिस ने कहा कि अपराध की जीडी एंट्री सुबह 10:10 पर हुई, जब फोन के जरिए यह सूचना मिली कि तीसरे माले पर डॉक्टर बेहोशी की हालत में मिली है.पीडिता के शव को देखकर बोर्ड ने शुरुआती राय दी थी कि मौत का कारण गला घोटना हो सकता है. सेक्सुअल एसॉल्ट से भी इनकार नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद पोस्टमार्टम शाम 6:00 बजे और 7:00 बजे के बीच हुआ और उसके बाद इस मामले की जांच शुरू की गई. हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने इस बात से इनकार कर दिया.
जस्टिस पारदी वाला ने पूछा, पोस्टमार्टम कब हुआ? कपिल सिब्बल ने बताया, शाम 6:10 से सुबह 7:10 के बीच. जस्टिस पारदी वाला ने पूछा कि 9 अगस्त की शाम 6:10 पर पोस्टमार्टम किया गया. यह कैसे हुआ? क्योंकि महिला डॉक्टर की अप्राकृतिक मौत हो गई थी. फिर भी अप्राकृतिक मौत की जानकारी 9 अगस्त की रात 11:30 पर पुलिस को भेजी जाती है. इसका क्या मतलब निकाल जाए? डॉक्टर की हत्या 8 और 9 अगस्त की रात में हुई थी. लेकिन पुलिस को 9 अगस्त की सुबह 10:10 पर अपराध के बारे में सूचित किया गया था. अस्पताल के अधिकारी इतने लंबे समय तक क्या कर रहे थे?
जस्टिस पारदी वाला ने कहा कि जो सहायक पुलिस अधीक्षक हैं उनका आचरण बहुत संदिग्ध है. उन्होंने ऐसा क्यों किया? सीजेआई ने कहा कि पोस्टमार्टम और पूछताछ के बाद पीड़िता के शव को परिजनों को सौंप दिया गया. पुलिस स्टेशन लौटने के बाद एक UD मामला दर्ज किया गया. उसके बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया. ऐसा लगता है कि यू डी की प्रारंभिक रिपोर्ट प्राप्त हो गई थी और सुबह 10:10 पर दर्ज कर दी गई. सूचना मिलने के बाद वे रात में पुलिस स्टेशन लौटे. इसके बाद रात 11:30 पर एफआईआर दर्ज की गई.
सीजेआई ने कहा कि पुलिस की डायरी में सुबह 5:20 की एंट्री दिखाई गई है.अस्पताल से पुलिस को सूचना मिली कि महिला डॉक्टर सुबह 10:10 पर नग्न अवस्था में पड़ी हुई थी. मेडिकल बोर्ड ने राय दी कि महिला के साथ दुष्कर्म हुआ और पुलिस डायरी में एंट्री दिखाया गया कि उस घटना के क्षेत्र की घेराबंदी पोस्टमार्टम के बाद की गई है.
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे पास पूरी वीडियोग्राफी है और उसकी टाइमलाइन भी है. इस पर सीजेआई ने कहा कि लेकिन रात 11:30 पर आपके FIR दर्ज करने को उचित नहीं ठहराता. महिला डॉक्टर का सुबह-सुबह शव बरामद किया गया था. सीजेआई ने पूछा 14 घंटे बाद FIR क्यों दर्ज कराई गई? प्रिंसिपल को तुरंत दूसरी जगह क्यों ट्रांसफर किया गया?
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर आप कोई कार्रवाई नहीं करें. सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताल पर गए रेजिडेंट डॉक्टर्स से भी अपील की है कि वे मानवता का ध्यान रखकर अपने काम पर लौट जाएं. अगर डॉक्टर काम पर नहीं लौटे तो उन्हें अनुपस्थित माना जाए. कोर्ट ने कहा कि कानून अपने हिसाब से काम करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट को संदीप घोष के पॉलीग्राफ टेस्ट पर कल शाम 5:00 बजे तक आदेश पारित करने का निर्देश देने को कहा है. बेंच ने कहा है कि वकीलों ने कुछ सुझाव दिए हैं, जिसमें ड्यूटी के घंटे को रेगुलेट करने और मुआवजे के लिए फंड बनाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेशनल टास्क फोर्स इन सुझावों पर विचार करेगी.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)