4 जुलाई के दिन को खास बनाने के लिए सुकना में जोरदार तैयारी चल रही है. उस दिन एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन होगा. जिसमें कई तरह की प्रतियोगिताएं, पोस्टर, आर्ट संस्कृति और चित्र प्रदर्शनी दिखाई जाएगी. वहां कई स्कूलों के बच्चे होंगे. देश-विदेश से पर्यटक आएंगे और बड़े अधिकारी शामिल होंगे. सुकना में चारों तरफ चहल-पहल दिखेगी.
वास्तव में यह सब टॉय ट्रेन के जन्मदिन को मनाने को लेकर हो रहा है. इतिहास में यह पहला मौका है, जब टॉय ट्रेन का जन्म दिवस मनाया जा रहा है. इससे पहले कभी टॉय ट्रेन का जन्म दिवस नहीं मनाया गया. टॉय ट्रेन यूनेस्को से विश्व धरोहर का खिताब प्राप्त कर चुका है. रेलवे अधिकारी चाहते हैं कि विश्व धरोहर का प्रचार पूरे विश्व में हो, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आएं. वे टॉय ट्रेन का हिस्सा बने.
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे और नॉर्थ बंगाल पेंटर्स संगठन संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे है. दोनों संगठनों के द्वारा टॉय ट्रेन की थीम पर कई कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है. इसका एक ही लक्ष्य है कि टॉय ट्रेन का जोर से प्रचार हो तथा इसकी लोकप्रियता में लगातार इजाफा होता रहे.
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे शुरू से ही टॉय ट्रेन की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए घूम फेस्टिवल, समर फेस्टिवल जैसे कार्यक्रम नियमित रूप से करता रहा है. इसका टॉय ट्रेन को लाभ भी मिला है. और उसकी कमाई भी बढ़ रही है.पहली बार विश्व स्तर पर इसकी लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए टॉय ट्रेन का जन्मदिन मनाया जा रहा है.
सिलीगुड़ी से सटे सुकना रेलवे स्टेशन पर टॉय ट्रेन का जन्मदिन मनाने के लिए जोरदार तैयारी चल रही है. इस कार्यक्रम के जरिए दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के अधिकारी toy ट्रेन की सेवाओं को और बेहतर बनाना चाहते हैं. इस दिशा में घूम और दार्जिलिंग में कई विस्तार कार्यक्रम हो चुके हैं. जैसे जॉय राइड की संख्या बढ़ाई गई है. अत्याधुनिक टॉय ट्रेन इंजन म॔गाए गए हैं. इसके अलावा स्टेशनों के बुनियादी ढांचे में सुधार, संग्रहालय और कार्य शालाओं का कायाकल्प आदि हुआ है.
आपको बताते चले कि ब्रिटिश काल में टॉय ट्रेन की सेवा शुरू हुई थी. वर्ष 1870 में अंग्रेजों ने टॉय ट्रेन चलाने का फैसला किया था. इसके जरिए सिलीगुड़ी को दार्जिलिंग की पहाड़ियों से जोड़ा गया था. 4 जुलाई 1881 को पहली बार सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग के लिए टॉय ट्रेन सेवा शुरू की गई थी. यही कारण है कि रेलवे अधिकारियों ने 4 जुलाई को ही टॉय ट्रेन का जन्मदिन मनाने का निश्चय किया है.
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के निदेशक ऋषभ चौधरी बताते हैं कि यह इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक ही है कि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक टॉय ट्रेन की सवारी के लिए आकर्षित हो. उन्होंने कहा कि अगर हमारा कार्यक्रम सफल रहता है तो हर साल टॉय ट्रेन का जन्मदिन मनाया जाएगा.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)