वह रात में निकलता है. अजीब-अजीब सी आवाज़ होती है. लोग सुनकर अपने घरों में दुबक जाते हैं. किसी की हिम्मत नहीं होती कि उस विचित्र प्राणी को अपनी आंखों से देख सके. सवाल तो यह भी है कि क्या वह प्राणी है या कोई हौव्वा? बस्ती के कुछ लोग बताते हैं कि यह कोई आदमखोर की आवाज है. कुछ लोगों की माने तो रात में इलाके में तेंदुआ आता है और गर्जना करके चला जाता है. लेकिन क्या यह तेंदुआ है या कुछ और, कोई नहीं जानता. ना ही किसी ने अपनी आंखों से अभी तक देखा है…
आप यह मत समझिए कि यह कोई भूत प्रेत का किस्सा है. इस समय उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार जिला के अंतर्गत अलीपुरद्वार नगर पालिका के लोग दहशत में जी रहे हैं. प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए हैं. वन विभाग भी चिंतित है. किसी की समझ में नहीं आ रहा है कि रात में विचित्र आवाज निकालने वाला क्या है. क्या वह कोई प्राणी है? कुछ लोग कहते हैं कि यह कोई तेंदुआ है. पर उन्होंने भी उसे अपनी आंखों से नहीं देखा है.
वन विभाग ने अंधेरे में तीर चलाते हुए अज्ञात प्राणी को पकड़ने के लिए पिंजरा और ट्रैप कैमरा लगाया है. नगर पालिका के लोग जैसा-जैसा बताते हैं, वन विभाग के लोग भी वहां वहां पिंजरा और ट्रैप कैमरा फिट कर देते हैं. ताकि रात में दहशत फैलाने वाला प्राणी या हौव्वा को कैद किया जा सके. आश्चर्य तो तब होता है कि नगर पालिका और ना ही वन विभाग को उस अज्ञात प्राणी के बारे में कोई सटीक जानकारी उपलब्ध है. यहां तो केवल अनुमान पर काम हो रहा है.
सबसे पहले इस विचित्र प्राणी के बारे में अलीपुरद्वार नगर पालिका के दो नंबर वार्ड स्थित न्यू टाउन दुर्गाबाड़ी के लोगों ने प्रशासन को सूचित किया था. उन्होंने बताया कि रात में एक अज्ञात प्राणी निकलता है, जिसके शोर से उनकी रातों की नींद उड़ जाती है. उनमें से कुछ लोगों ने अपने अनुमान से उसे तेंदुआ बताया. नगर पालिका के अध्यक्ष प्रसनजीत कर ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी. वन विभाग ने दो नंबर वार्ड में ट्रैप कैमरा और पिंजरा फिट कर दिया. परंतु उस अज्ञात प्राणी को पकड़ा नहीं जा सका.
नगर पालिका के आठ नंबर वार्ड में रहने वाले लोगों को भी कुछ इसी तरह की गर्जना रात में सुनाई देती है. बच्चे सो नहीं पाते हैं. कोई भी रात में घर का दरवाजा खोलकर उस विचित्र प्राणी को देखने का साहस नहीं कर पाता है.आठ नंबर वार्ड के लोगों ने नगर पालिका के अध्यक्ष को इसकी जानकारी दी, तो उनके प्रयास से वन विभाग ने 8 नंबर वार्ड में भी पिंजरा तथा ट्रैप कैमरा लगा दिया. लेकिन फिर भी उस विचित्र प्राणी को कैद नहीं किया जा सका है. बस्ती के लोगों ने बताया कि उस विचित्र प्राणी के पैरों के निशान जरूर मिले हैं. लेकिन वे निशान किस प्राणी के हैं, यह कोई भी पता नहीं कर पाया है.
इस समय केवल कयास लगाए जा रहे हैं. उड़ते उड़ते यह खबर बक्सा टाइगर प्रोजेक्ट के एएफडी पल्लव मुखर्जी तक पहुंची तो उन्होंने भी अपनी टीम भेज कर पता करना चाहा. लेकिन इसमें सफलता अभी तक नहीं मिली है. अब वह तथा उनकी टीम ने कहना शुरू किया है, वह विचित्र प्राणी भाम हो सकता है, जो तराई Dooars के क्षेत्र में बहुधा पाया जाता है. दिनों दिन नगर पालिका क्षेत्र में बढ़ते अज्ञात प्राणी के आतंक के चलते वन विभाग के कर्मचारियों ने गश्त लगानी शुरू कर दी है. इस बीच वन विभाग के द्वारा अज्ञात प्राणी को कैद करने की मुहिम भी तेज कर दी गई है. लेकिन इन सब के बावजूद इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिल सका है कि वह अज्ञात प्राणी आदमखोर है या फिर कोई हौव्वा?