कोलकाता के इनडोर स्टेडियम में हुई तृणमूल कांग्रेस की सांगठनिक बैठक के बाद सिलीगुड़ी और पहाड़ से गए तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को कार्यक्रम समापन के बाद भी रोका गया. इनमें सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौतम देव, डिप्टी मेयर रंजन सरकार, जिला अध्यक्ष पापिया घोष इत्यादि शामिल है. बाकी नेताओं को वापस सिलीगुड़ी भेज दिया गया, जो सिलीगुड़ी लौट चुके हैं.
तृणमूल कांग्रेस के इन नेताओं को कोलकाता में क्यों रोका गया, इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं की जा रही है और विभिन्न तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं. हालांकि पार्टी के स्तर पर कहा जा रहा है कि गौतम देव, पापिया घोष, रंजन सरकार आदि नेताओं की राज्य नेतृत्व के साथ एक अलग से बैठक होगी. यह बैठक तृणमूल कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष सुब्रत बक्शी के साथ-साथ पार्टी के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ भी हो सकती है. यही कारण है कि सिलीगुड़ी तृणमूल कांग्रेस में कयासों का बाजार गर्म है.
आखिर सुब्रत बक्शी सिलीगुड़ी के इन नेताओं को क्या संदेश देना चाहते हैं? क्या सिलीगुड़ी और पहाड़ तृणमूल कांग्रेस संगठन में फेरबदल होने जा रहा है? सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी सिलीगुड़ी में तृणमूल कांग्रेस के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बात से ज्यादा चिंतित हैं कि आखिर क्या कारण है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी को यहां से सफलता नहीं मिलती है.
सिलीगुड़ी महकमा के अंतर्गत तीनों ही विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई. लोकसभा चुनाव में सिलीगुड़ी में एक वार्ड के अलावा सभी वार्डों में तृणमूल कांग्रेस पिछड़ गई थी. इससे पहले भी ममता बनर्जी उत्तर बंगाल के दौरे पर आई थी तो यहां के प्रभारी नेताओं से इसका कारण भी पूछा था. अब ऐसा लगता है कि 2026 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सुप्रीमो ममता बनर्जी संगठन के स्तर पर फेर बदल कर सकती हैं. अपना नाम ना बताने की शर्त पर टीएमसी के एक नेता का भी यही मानना है कि ऐसा संभव हो सकता है.
सिलीगुड़ी में टीएमसी के राजनीतिक हलकों में चिंता, आतुरता और उत्सुकता तीनों ही देखी जा रही है. यहां के कई नेताओं की नींद उड़ी हुई है.अगर पार्टी संगठन में फेरबदल होता है तो कई नेताओं की कुर्सी जा सकती है. जबकि कई नेताओं की लॉटरी खुल सकती है. यह चर्चा चल रही है कि दार्जिलिंग जिला समतल का नया अध्यक्ष कौन होगा. हालांकि पापिया घोष ने बताया कि वह कोलकाता में किसी पारिवारिक कार्य से रुकी हुई है.
सूत्रों ने दावा किया है कि पार्टी विरोधी कार्यो में लिप्त लोगों की सूची पार्टी नेतृत्व को मिल चुकी है और पार्टी नेतृत्व ऐसे नेताओं की छुट्टी करने पर विचार कर रहा है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार उन्हें मौका दे सकती है. फिलहाल कयासों का बाजार गर्म है. जो भी होगा, जल्द ही सच्चाई सबके सामने आएगी. तृणमूल कांग्रेस के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की निगाहें कालीघाट पर टिकी हुई है. क्योंकि अंतिम फैसला मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी को करना है.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)