लंदन से लौटे थे नए सपनों के साथ, लेकिन मौत घर में इंतजार कर रही थी!
मेरठ में एक पत्नी, एक प्रेमी और एक खौफनाक साजिश… यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है, जो खून से लिखी गई | लंदन से लौटे मर्चेंट नेवी अफसर सौरभ कुमार की हत्या उनकी पत्नी मुस्कान ने अपने प्रेमी मोहित के साथ मिलकर कर दी और सिर्फ मारा नहीं—लाश के टुकड़े किए, ड्रम में डाला और सीमेंट से भरकर मौत को हमेशा के लिए दफनाने की कोशिश की, लेकिन शायद वो भूल गए कि, सच की गंध छिपाई नहीं जा सकती |
24 फरवरी को सौरभ लंदन से घर लौटे थे, पत्नी से मिले, बेटी को गोद में लिया, लेकिन उन्हें क्या पता था कि घर के दरवाजे के अंदर उनकी मौत इंतजार कर रही थी | 25 फरवरी, मुस्कान का जन्मदिन था। लेकिन जश्न के नाम पर साजिश रची गई। पुलिस को शक है कि रात के अंधेरे में सौरभ के सीने पर चाकू से वार किया गया, जब वो दर्द से तड़पने लगे, तो गला काट दिया गया, लेकिन इतने पर ही नहीं रुके ये कातिल… शव को ठिकाने लगाना था, इसलिए उसे काटकर ड्रम में डाला गया और सीमेंट से भर दिया ताकि कभी किसी को सौरभ की मौत का पता ही न चले |
हत्या के बाद मुस्कान और उनके आशिक मोहित ने कहानी गढ़ी कि, वे हिमाचल घूमने जा रहे हैं। घर पर ताला डाल दिया, ताकि कोई सवाल न करे,लेकिन उन्होंने ये नहीं सोचा था कि लाश भी अपनी कहानी खुद कहती है |
सोमवार को जब घर से तेज़ बदबू आने लगी, तो मकान मालिक का माथा ठनका। पुलिस को बुलाया गया, दरवाजा तोड़ा गया, और अंदर जो दिखा, उसने सबको दहशत में डाल दिया।
डेढ़ घंटे तक चला पुलिस का ऑपरेशन: ड्रम टूटा, अंदर से निकला मौत का राज़ | पुलिस के सामने एक मजबूत ड्रम पड़ा था, जो पूरी तरह सीमेंट से सील था। जब पुलिस ने उसे तोड़ना शुरू किया, तो बदबू ने पूरे इलाके को हिला दिया। डेढ़ घंटे बाद जब सीमेंट हटा, तो जो दिखा, वो इतना डरावना था कि, पुलिसकर्मियों के भी रोंगटे खड़े हो गए।
मुस्कान और मोहित को गिरफ्तार कर लिया गया है। शुरुआती जांच में पता चला कि, यह हत्या अवैध संबंधों का नतीजा थी, लेकिन सवाल ये है—
क्या इस कत्ल की कोई और परत भी बाकी है? क्या कोई और इस साजिश में शामिल था? कितने दिनों से बन रही थी ये मौत की योजना?
जब प्यार बना कत्ल का हथियार, क्या रिश्तों में अब कोई वफादारी नहीं?
इस खौफनाक हत्याकांड ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। रिश्तों में भरोसे की कोई जगह नहीं मिला और प्यार का मतलब शायद धोखा, साजिश और खून बन गया है।
अब सवाल ये है—क्या इंसाफ की तलवार इतनी तेज होगी, जितना तेज उस रात चाकू चला था? क्या कातिलों को उनके किए की सजा मिलेगी? या फिर यह भी किसी फाइल में दबकर रह जाएगा? इस कत्ल की कहानी खत्म नहीं हुई… यह बस एक शुरुआत है—इंसाफ की तलाश की |
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)