सिलीगुड़ी: सरस्वती पूजा को लेकर तैयारियां जोरों पर है, विद्या ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की पूजा बसंत पंचमी के दिन की जाती है | पौराणिक कथा अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही माँ सरस्वती प्रकट हुई थी, उसी दिन से माँ सरस्वती की पूजा की जाती है | देखा जाए तो भारत के अलावा पूरे विश्व में सरस्वती पूजा की जाती है लेकिन बंगाल में सरस्वती पूजा को लेकर एक अलग की रौनक बनी रहती है, हर शैक्षिक संस्थान में विधि पूर्ण पूजा, अर्चना, हवन द्वारा माँ को प्रसन्न किया जाता है ताकि उनकी कृपा दृष्टि सभी पर बनी रहे और उत्साहपूर्ण विभिन्न तरह के संस्कृत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं | मान्यता है की माँ सरस्वती को पीला रंग काफी भाता है, बालक बालिकाएं उस दिन पिले रंग के वस्त्र पहन कर माँ सरस्वती की आराधना करते है |
सिलीगुड़ी के आसपास के कुम्हार टोली भी माँ सरस्वती की मूर्तियों से सजे हुए हैं और मूर्तियों की अंतिम सजावट की जा रही है, लेकिन कुम्हार टोली के मूर्तिकार सरस्वती पूजा को लेकर उत्साहित नहीं है, क्योंकि उन्होंने बताया कि, मूर्तियों की मांग में गिरावट आई है | विद्या की देवी की पूजा में अब कुछ ही दिन बच गए हैं, लेकिन कुम्हार के चेहरे में निराशा बनी हुई है, वे मूर्तियां तो तैयार कर रहे हैं लेकिन पहले जैसी रौनक उनके चेहरे पर नहीं है, अब समय के साथ मूर्तियों के आर्डर में कमी आने से वे चिंतित है |
बता दे कि,सरस्वती पूजा 2 फरवरी को मनाई जाएगी लेकिन तिथि अनुसार 2 और 3 फरवरी सरस्वती पूजा के लिए अनुकूल बताया गया है | बाजार हाट में भी सरस्वती पूजा को लेकर चहल-पहल शुरू हो गई है, पूजन सामग्रियों की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहे हैं तो छोटी-छोटी रंग बिरंगी माँ सरस्वती की मूर्तियों से बाजार सज रहे हैं जो की बहुत सुंदर लग रहे है | सरस्वती पूजा देखा जाए तो हर किसी के जीवन के भावनाओं से जुड़ा होता है क्योंकि स्कूल, शैक्षिक संस्थान में माँ सरस्वती की पूजा बसंत पंचमी के दिन की जाती है और इस दिन विद्यार्थी एक अलग ही उमंग से भरे रहते हैं , पूजा की तैयारी से लेकर विसर्जन तक की यादें वे संजोए रखते हैं |
उम्र के पड़ाव में हर इंसान का स्कूल से तो नाता टूट जाता है, लेकिन स्कूल में किए गए सरस्वती पूजा की अच्छी यादें हर इंसान के जीवन से जुड़ी रहती है | छोटी छोटी बच्चियां जब रंग-बिरंगे साड़ी पहनती है तो वो भी किसी देवी से कम नहीं लगती, तो बालक, किशोर, युवक भी कुर्ता पजामा पहनकर उस दिन को खास बनाने की कोशिश करते हैं | इस वर्ष भी शैक्षिक संस्थानों में सरस्वती पूजा को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है, लेकिन मौसम बिगड़ने का भय भी बना हुआ है, यदि उस दिन बारिश हो जाए तो सारा मजाक किरकिरा हो जाता है | कुम्हार टोली के मूर्तिकार और व्यापारी ने भी मौसम को लेकर चिंता जाहिर की है | वहीं मौसम विभाग की माने तो कुछ क्षेत्रों में बारिश की आशंका जताई है |
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