सिलीगुड़ी का मौसम अजीब हो गया है. कभी गर्मी, कभी उमस, तो कभी जोरदार बारिश. पता ही नहीं चलता कि सावन का महीना चल रहा है. सावन पर कई गीत लिखे गए हैं. लगभग हर गीत में सावन में रिमझिम बारिश और शीतल पवन चलने की बात कही गई है. सावन का महीना पवन करे शोर… गीत तो बच्चे बच्चे की जुबान पर रहता है. क्या आप इनमें से कुछ भी अब तक अनुभूति कर पाए हैं?
शास्त्रों में भी लिखा है कि सावन के महीने में रिमझिम बारिश होती है तो प्रकृति में चारों तरफ हरियाली बिखर जाती है. धरती की प्यास बुझती है. पशु पक्षी, जंतुओं की इसी महीने प्यास भी बूझती है. किसानों के लिए सावन का महीना धान की पैदावार के लिए भी महत्वपूर्ण होता है. जब सावन के महीने में रिमझिम बारिश होती है तो धान का पौधा लगाते किसान भी उम्मीद से भर जाते हैं. सावन के महीने में भोले बाबा को रिमझिम बारिश में जल चढ़ाने का शास्त्रों में भी बड़ा महत्व है. कांवडिए शिव भक्त जब रिमझिम बारिश में भींगते हुए बोल बम का नारा लगाते हैं तो भगवान शिव काफी प्रसन्न होते हैं.
सावन के 10 दिन बीत गए. लेकिन अभी तक सावन बरसा नहीं है. यूं तो बारिश हो रही है लेकिन यह सावन की बारिश नहीं हो सकती. क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है कि सावन की बारिश लगातार होती है और रिमझिम बारिश होती है. यानी थोड़ी मात्रा में ही लगातार बारिश होती है. आसमान में घटाएं छाई रहती है. सावन की बारिश जल्दी थमती नहीं है और सभी को भीगा देती है. सवाल यह है कि क्या सावन बरसेगा या यूं ही गुजर जाएगा? अगर मौसम विभाग की बात करें तो सावन के बरसने के आसार कम है.
बुधवार की रात्रि में सिलीगुड़ी में कुछ देर के लिए बारिश तो हुई थी. लेकिन सुबह होते ही आसमान साफ हो गया और धूप तथा गर्मी बढ़ गई. हालांकि दोपहर बाद एक बार फिर से मौसम ने अंगड़ाई ली और आसमान में घटाएं छा गयीं. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आज उत्तर बंगाल के लगभग सभी जिलों में छिटपुट बारिश हो सकती है. मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि कूचबिहार जिला को छोड़कर दार्जिलिंग, कालिमपोंग, अलीपुर द्वार, जलपाईगुड़ी ,उत्तर दिनाजपुर ,दक्षिण दिनाजपुर तथा मालदा जिले में मध्यम से भारी स्तर तक की बारिश हो सकती है. इन जिलों के लिए मौसम विभाग ने येलो वार्निंग जारी किया है.
मौसम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार 4 अगस्त तक उत्तर बंगाल में मौसम का रूख मिला-जुला रहेगा. कभी धूप तो कभी गर्मी, कभी उमस के बीच में हल्की से मध्यम स्तर तक की बारिश हो सकती है. लेकिन एक बात तो साफ है कि सिलीगुड़ी के लोगों को 15 और 16 जून 2024 की तरह जल सैलाब का सामना नहीं करना पड़ सकता है, जब सिलीगुड़ी के विभिन्न इलाकों में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था, जिसमें अनेक व्यवसाईयों के गोदाम और दुकानों में पानी भर गया था. सड़कें लबालब हो गई थीं… कम से कम सावन के महीने में इसके आसार बहुत कम नजर आ रहे हैं.
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