April 19, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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आपकी हर खबर पर सरकार की नजर!

कुछ मीडिया चैनल सरकारी खबर का गुमराह करने वाले तरीकों से एक्स-रे कर रहे थे. सरकार की तथ्यात्मक खबर को भ्रामक ढंग से चला रहे थे. यह कोई मीडिया चैनल छोटे-मोटे भी नहीं थे बल्कि उनके दर्शक या प्रशंसक करोड़ों में थे. ऐसे मीडिया चैनल को बड़ा घमंड था. आखिरकार सरकार ने उनका घमंड तोड़ा और अब वे सड़क पर आ चुके हैं. हर चीज की एक सीमा होती है. सीमा का अतिक्रमण करने पर दुष्परिणाम झेलना पड़ता है. सरकार का डंडा तो चलता ही है. सरकार के इस कदम के बाद अनेक मीडिया चैनलों के होश ठिकाने आ गए हैं.

अब आप सोशल मीडिया प्लेटफार्म, यूट्यूब, इंटरनेट, इंस्टाग्राम, इत्यादि पर कोई भी खबर पोस्ट करें तो उसकी सच्चाई को परख लें. अन्यथा आपको पछताना पड़ सकता है! अभी तक तो यही देखा जा रहा है कि लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बेसिर पैर की खबर तथा दूसरे कंटेंट पोस्ट करते रहे हैं. पर अब ऐसा नहीं होगा. सरकार अथवा सरकारी एजेंसियां जैसे पीआईबी आपकी हर खबर पर नजर रख रही है.

पिछले दिनों सरकार ने इंटरनेट तथा इंस्टाग्राम पर फेक खबर चलाने वाले सोशल मीडिया के एक वर्ग पर शिकंजा कसा है. सरकार ने कई सोशल मीडिया तथा यूट्यूब चैनल को बंद कर दिया. आप समझ लीजिए कि सरकारी एजेंसी पीआईबी जिस खबर को फेक कहेगी, वह खबर कोई नहीं देख पाएगा. यहां तक कि लिंक को भी डिलीट कर दिया जाएगा.

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ने एक ड्राफ्ट प्रपोजल पेश किया है, जिसमें 2021 के आईटी नियमों में बदलाव किया गया है. इसमें ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के नियम भी शामिल हैं. दरअसल सरकार चाहती है कि आपका कंटेंट तथ्यों पर आधारित हो तथा तथ्य से कोई छेड़छाड़ नहीं हो. कोई व्यक्ति इंटरनेट पर अथवा सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर भ्रामक खबर चलाता है तो उसका पोस्ट डिलीट कर दिया जाएगा. यह काम खबर पोस्ट करने वाली कंपनियों, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर तथा दूसरी एजेंसियां करेंगी.

आपको बताते चलें कि 2019 में फैक्ट चेकिंग यूनिट का गठन पीआईबी ने किया था. 17 जनवरी 2023 को सरकार ने ड्राफ्ट पेश किया है. इसके बाद सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म टि्वटर, यूट्यूब एजेंसियो और कंपनियों में हड़कंप मच गया है. इसलिए अगर आप ऐसा सोचते हैं कि बिना सोचे परखे आप कोई न्यूज़ अथवा कंटेंट इंटरनेट पर चला देंगे तो यह आपकी भूल है. सरकार आपकी हर कंटेंट पर नजर रख रही है. ऐसे में गुमराह करने वालों को सावधान होने की जरूरत है!

देखा जाए तो सरकार का यह कदम बिल्कुल दुरुस्त है. क्योंकि बेसिर पैर की बातें ऑनलाइन पोस्ट करने से लोग गुमराह होते हैं और सच्चाई से वे दूर होते जाते हैं.

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