December 6, 2024
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15 फरवरी से विमान यात्रा के नियम होने जा रहे कड़े! फ्लाइट कैंसिल होने पर यात्रियों को मिलेगा भारी रिफंड!

एयरलाइंस सर्विस कंपनियों के विमानों में अनुशासनहीनता के साथ साथ इस तरह की घटनाएं भी आपने काफी देखी होगी, जब किसी एयरलाइंस कंपनी का विमान आधे अधूरे यात्रियों को लेकर गंतव्य के लिए उड़ जाता है. या फिर विमान में यात्रा करने आए यात्रियों को अचानक यह सुनकर धक्का लगता है कि विमान कैंसिल कर दिया गया. या फिर ऐसा भी होता है कि किसी पैसेंजर की बदतमीजी और उसके द्वारा अनुशासनहीनता बरते जाने पर ऐसे पैसेंजर को विमान में चढ़ने नहीं दिया जाता है या चढ़े हुए पैसेंजर को उतार दिया जाता है. ऐसे सभी मामलों में अब डीजीसीए ने संज्ञान लिया है और नया निर्देश जारी किया है.

डीजीसीए के नए निर्देशों के अनुसार ऐसे सभी मामलों में अगर कोई एयरलाइंस सर्विस कंपनी यात्रियों का टिकट अचानक से कैंसिल करती है, यात्री की मर्जी के खिलाफ उसका टिकट कैंसिल करती है अथवा बोर्डिंग से इंकार करती है तो कंपनी यात्रियों को टिकट का 30% से लेकर 75% तक की राशि रिफंड करेगी. यह नियम 15 फरवरी से सभी एयरलाइंस कंपनियों पर लागू हो रहे हैं.

डीजीसीए के नए नियमों के अनुसार अगर कोई घरेलू एयरलाइंस कंपनी यात्री को बिना बताए अचानक फ्लाइट कैंसिल करती है या फिर यात्री का टिकट कैंसिल करती है तो टिकट पर उसकी लागत का 75% रिफंड यात्री को देना होगा. इसमें टिकट पर लिया गया टैक्स भी शामिल है.जबकि दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय विमान यात्रा पर अगर इस तरह की कोई स्थिति बनती है तो एयरलाइंस कंपनियों द्वारा यात्रियों को दिया जाने वाला रिफंड किलोमीटर के हिसाब से तय होगा.

उदाहरण के लिए पंद्रह सौ किलोमीटर अथवा उससे कम की उड़ानों के लिए टिकट की लागत का 30% रिफंड देना होगा जबकि 15 किलोमीटर से 35 किलोमीटर के बीच की उड़ानों के लिए टिकट की लागत का 50% और 3500 किलोमीटर से अधिक की उड़ानों के लिए लागत का 75% रिफंड यात्रियों को देना होगा. इसमें टैक्स भी शामिल है.

आपको बता दें कि इससे पहले विमान टिकट कैंसिल कराने पर यात्रियों के हाथ कुछ नहीं लगता था. क्योंकि विमान टिकट कैंसिल कराने पर बेस फेयर, फ्यूल सरचार्ज या इस तरह के कई चार्ज यात्रियों को देने होते हैं. जो टिकट कैंसिल कराने पर टिकट की कीमत से कट जाते हैं. आमतौर पर विमान टिकट कैंसिल कराने की स्थिति में न्यूनतम ₹3000 एयरलाइंस कंपनी काट लेती है.अगर आपने विमान प्रस्थान होने से 2 घंटे पहले तक टिकट कैंसिल करवाई है तभी आपको रिफंड मिल सकेगा अन्यथा आपके हाथ कुछ भी नहीं आता है.

कई यात्रियों की शिकायत रहती है कि विमान टिकट कैंसिल कराने की स्थिति में कैंसिलेशन चार्ज इतना ज्यादा होता है कि उन्हें रिफंड में कुछ भी नहीं मिलता. उदाहरण के लिए अगर कोई एक व्यक्ति ₹3100 का टिकट लेता है तो उसे रिफंड में मात्र ₹100 ही मिलेंगे. और ₹3000 कैंसिलेशन चार्ज के तौर पर कट जाता है. हालांकि कुछ एयरलाइंस कंपनियां जैसे इंडिगो एयरलाइंस कंपनी वर्तमान में घरेलू विमान सेवा में यात्री टिकट पर 2250 रुपए कैंसिलेशन चार्ज के रूप में काटती है. इसी तरह से जेट एयरवेज, स्पाइसजेट आदि विमान कंपनियों के द्वारा भी कैंसिलेशन चार्ज महंगा है.

एयरलाइंस कंपनियां 2016 से ही कैंसिलेशन चार्ज बढाती आ रही है. 2016 में टिकट कैंसिलेशन चार्ज ₹1800 होता था. वर्तमान में यह बढ़कर ₹3000 तक हो गया है. अब डीजीसीए के नए निर्देश और नियमों के बाद विमान यात्रियों को आपातकालीन स्थितियों में टिकट कैंसिल कराने अथवा एयरलाइंस कंपनियों द्वारा विमान रद्द करने पर रिफंड में अच्छी खासी रकम आएगी. डीजीसीए के नए नियम का एक बड़ा लाभ यह भी होगा कि एयरलाइंस कंपनियां अचानक फ्लाइट कैंसिल करने से बचेंगी तथा विमान यात्री के पैसे और समय के मूल्य को भी समझेगी!

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