November 15, 2024
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कूचबिहार में एक बार फिर केंद्रीय मंत्री निशित प्रमाणिक पर हमला!

प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का काम पूरा हो चुका है. हालांकि कुछ दलों की ओर से उम्मीदवारों को कड़ी सुरक्षा में नामांकन दाखिल करने का अदालत से वक्त मांगा गया है. बहरहाल खूनी हिंसा और झड़प के बीच पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का काम पूरा हो चुका है. दूसरे चरण में नामांकन पत्रों की जांच का काम शुरू होगा.

स्क्रूटनी के क्रम में भाजपा उम्मीदवारों के साथ नाइंसाफी ना हो, भाजपा को यही चिंता सता रही है. आज कूचबिहार में केंद्रीय मंत्री निशित प्रमाणिक को अपने कार्यकर्ताओं से सूचना मिली कि बीडीओ ऑफिस में राज्य के मंत्री उदयन गुहा चुनाव अधिकारी से मिलकर स्क्रुटनी कार्य को प्रभावित कर रहे हैं ताकि भाजपा समेत विपक्षी उम्मीदवारों को उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोका जा सके.

इस जानकारी के बाद केंद्रीय मंत्री निशित प्रमाणिक अपने कार्यकर्ताओं के साथ दिनहटा पंचायत समिति नंबर दो कार्यालय के सामने पहुंचे तो उन्हें कार्यालय में घुसने नहीं दिया गया. आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की भारी मौजूदगी के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं को पीटा और केंद्रीय मंत्री निशित प्रमाणिक की कार पर तीर से हमला किया.

केंद्रीय मंत्री निशित प्रमाणिक ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा है कि पुलिस के सामने ही तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने भाजपा के लोगों पर हमला कर दिया. उन्होंने दावा किया कि कुछ ही दूरी पर तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा बम विस्फोट की घटना हुई है. भाजपा कार्यकर्ताओं को डराने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना को अंजाम दिया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य की पुलिस तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही है. उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि केंद्रीय बलों की मौजूदगी में ही चुनाव कराए जाएं. राज्य में लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है. त

तृणमूल कांग्रेस की ओर से ऐसी किसी घटना में शामिल होने से इनकार किया गया है. बताते चलें कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से ही राज्य में अशांति, हिंसा और छिटपुट घटनाओं का सिलसिला शुरू हो गया जो अब तक जारी है. तृणमूल कांग्रेस पर विभिन्न दलों की ओर से आरोप लगाया गया है कि उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नामांकन दाखिल नहीं करने दिया. अब तक राज्य में एक से अधिक लोगों की चुनावी हिंसा में मौत भी हो चुकी है.

कोलकाता हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को राज्य में केंद्रीय बलों की उपस्थिति में पंचायत चुनाव कराने का आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर राज्य सरकार विचार कर रही है. उधर कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुश नहीं है और उन्होंने अपने बयान में कहा है कि इस बात की क्या गारंटी है कि केंद्रीय बलों की उपस्थिति में चुनाव में हिंसा ना हो. उन्होंने केंद्रीय बलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा है 2013 के चुनाव में केंद्रीय बल होने के बावजूद पंचायत चुनाव में 39 लोगों की मौत हुई थी. उन्होंने पूछा है कि केंद्रीय बल तो मणिपुर में भी है, क्या वहां केंद्रीय मंत्री का घर जला नहीं दिया गया? वहां 150 लोग मारे गए. केंद्रीय बल कुछ नहीं कर सका.

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