सिलीगुड़ी से सेवक होते हुए सिक्किम को जोड़ने वाला प्रस्तावित सेवक रंगपो रेल परियोजना का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और इसे हर हालत में इसी साल पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह मुमकिन भी दिखता है. अब तक सुरंग परियोजना का कार्य समाप्ति पर है.
लगभग 45 किलोमीटर लंबी सेवक रंगपो रेल लिंक परियोजना के अंतर्गत 14 सुरंगे, 23 पुल और 5 स्टेशन आते हैं. सुरंग की पूरी लंबाई लगभग 38 किलोमीटर है. यानी रेल 38 किलोमीटर तक भूमि के नीचे ही चल चलेगी. ऐसे में रेलवे स्टेशन भी अंडरग्राउंड होंगे. क्योंकि पूरे मार्ग में पांच स्टेशन बनाए जाने हैं, अत: स्टेशन की डिजाइन भी तैयार कर ली गई है. उन्हीं पांच महत्वपूर्ण स्टेशनों में से एक है रंगपो स्टेशन.
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों सुरंग संख्या 14 का निरीक्षण कार्य पूरा कर लिया है. उन्होंने प्रस्तावित रंगपो स्टेशन का भी मुआयना किया है. प्रस्तावित र॔गपो स्टेशन कैसा होगा, इसको लेकर लोगों के मन में काफी उत्सुकता व्याप्त है. रेलवे सूत्रों तथा अन्य सूत्रों के जरिए हमें जो जानकारी मिल रही है,उसके अनुसार यहां 12850 वर्ग मीटर में स्टेशन बनेगा.
स्टेशन में कार पार्किंग की भी सुविधा होगी. इसके अलावा 24 घंटे बिजली बैकअप, पीने का पानी, छत पर सौर पैनल, दिव्यांगों के लिए अनुकूल सुविधाएं, स्टेशन में एस्क्लेटर की सुविधा, लिफ्ट आदि भी होंगे.इसके अलावा कॅनकोर्स भी इसमें शामिल होगा. रेलवे की कोशिश है कि यात्रियों को एक ही समय में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं सुलभ हो सके. प्रस्तावित रंगपो स्टेशन सिक्किम के लिए काफी महत्वपूर्ण है. ऐसा समझा जाता है कि यह स्टेशन सिक्किम राज्य के लिए एक बड़ा वाणिज्यिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होने वाला है.
आपको बता दें कि इस कार्य में तेजी लाने और समय पर समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय ने 4085 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत निर्धारित की है.इस रेलवे लाइन को सिक्किम की राजधानी गंगटोक तक ले जाया जाएगा. इससे गंगतोक देश के सभी प्रमुख महानगरों से सीधा जुड़ जाएगा. गंगटोक के बाद नाथुला तक भी रेलवे लाइन ले जाने की योजना है. इसके लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है.