सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में तेजी से स्थापित हो रहे पर्यटन केंद्रों में गाजोलडोबा का अपना ही आकर्षण है. हाल के दिनों में गाजोलडोबा का कायाकल्प किया गया है, जिसके कारण यह पर्यटकों की सर्वाधिक पसंदीदा जगह बन गया है. यहां पर्यटक आकर प्रकृति और हरियाली के आगोश में सुकून की सांस लेते हैं.
गाजोलडोबा को पर्यटन व्यवसाय के नजरिए से विकसित किया जा रहा है. कुछ साल पहले तक गाजोलडोबा में देखने लायक ऐसा कुछ भी नहीं था. पर अब पर्यटकों को जल्द ही यहां शिकारा का भी लुत्फ मिल सकेगा. शिकारा बोट के मामले में अब तक कश्मीर का कोई जवाब नहीं है. कश्मीर की डल झील में बड़ी-बड़ी शिकारा नौकाएं पर्यटकों को स्वप्निल दुनिया में ले जाती है. इसके अलावा कश्मीर की आबोहवा तथा हरियाली भी भाव विभोर कर देती है.
कुछ इसी तर्ज पर अब गाजोलडोबा में भी पर्यटकों को अनुभूति होने वाली है. गाजोलडोबा की आबोहवा में भी आकर्षण है. यहां हरियाली भी चारों तरफ बिखरी है. ऊपर से तीस्ता नदी यहां अंगड़ाई लेती सूर्य की किरणों में अजीब सी अद्भुत समां खड़ी कर देती है. यही कारण है कि गाजोलडोबा में दूर-दूर से पर्यटन और पिकनिक मनाने के लिए लोग आते हैं.
क्रिसमस के दिन से ही नया साल शुरू हो गया है. नव वर्ष पर पर्यटकों तथा पिकनिक मनाने वालों की भीड़ बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसलिए सरकार जल्द से जल्द यहां शिकारा बोटिंग शुरू करके कमाई करना चाहती है. अनुमान लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हाथों यहां शिकारा बोटिंग तथा पर्यटन से जुड़ी दूसरी योजनाओं का उद्घाटन होगा.
राज्य के पर्यटन मंत्री बाबुल सुप्रियो गाजोलडोबा आए थे. शिकारा बनकर तैयार है. इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि पर्यटन मंत्री के हाथों इसका उद्घाटन होगा. परंतु किन्ही कारणों से ऐसा नहीं हो सका. पर्यटन मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि यहां के लोग जल्द से जल्द शिकारा बोटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे. यहां शिकारा का नजारा देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आ सकते हैं. इसे ध्यान में रखकर बाबुल सुप्रियो ने शिकारा बोटिंग की पूरी तैयारी शुरू कर दी है.
पिछले दिन उन्होंने जलपाईगुड़ी के जिला शासक मौमिता गोदारा बसु, राजगंज के विधायक तथा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक बैठक की और कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसको लेकर यहां की जनता भी उत्साहित है. आने वाले समय में गाजोलडोबा में कुछ और बदलाव देखने को मिल सकते हैं.