आज सिलीगुड़ी समेत देश भर में नेताजी की जयंती मनाई जा रही है. भाजपा नेता जी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाती है. सिलीगुड़ी में विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के द्वारा नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया तथा देश की स्वतंत्रता के आंदोलन में उनकी भूमिका को याद किया गया. सिलीगुड़ी के सुभाष पल्ली स्थित नेताजी हाई स्कूल के प्रांगण में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया तथा उनके देश के लिए त्याग और बलिदान को याद किया गया.
सुबह से ही सिलीगुड़ी के विभिन्न स्थानों पर नेताजी के चित्र तथा उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और झंडे फहराए गए. सिलीगुड़ी के सुभाष पली स्थित नेताजी मोड पर स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वालों में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव, डिप्टी मेयर रंजन सरकार व अन्य लोग शामिल थे. यहां राष्ट्रीय ध्वज भी फहराए गए.
नेताजी ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनकी आवाज दहाड़ती थी. अंग्रेज उनसे डरते थे. उन्होंने नारा दिया था, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा!
अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए नेताजी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी. उनका मानना था कि अंग्रेज आसानी से देश छोड़ने वाले नहीं है. इसलिए उन्हें भगाने के लिए देश के हर नौजवान को बलिदान देने के लिए तैयार रहना होगा. नेताजी ने अपनी सेना में उन सभी लोगों को शामिल किया, जो देश के लिए मर मिटने के लिए तैयार रहते थे. उनमें महिलाएं भी ज्यादा थीं.
यूं तो नेताजी की जयंती पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है. लेकिन बंगाल और खासकर उत्तर बंगाल में उनकी जयंती पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. नेताजी उत्तर बंगाल और खासकर कर्सियांग के गिद्धा पहाड़ में काफी समय तक नजरबंद रहे थे. जलपाईगुड़ी में तो उनके स्मरण में एक मंदिर बनाया गया है. इस मंदिर में नियमित रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पूजा की जाती है.
किसी समय जलपाईगुड़ी अंग्रेजों का मुख्यालय हुआ करता था. देश के कई महान स्वतंत्रता सेनानियों ने जलपाईगुड़ी में अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने के लिए कई गुप्त बैठकें की थी. उनमें से एक नेताजी भी थे. 1939 में उन्होंने जलपाईगुड़ी कांग्रेस मैदान में एक बैठक की थी. जलपाईगुड़ी से नेताजी का गहरा लगाव था. यही कारण है कि जलपाईगुड़ी के एक मंदिर में नेताजी की नियमित रूप से पूजा की जाती है.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लापता होने की जांच को लेकर सभी राजनीतिक दल राजनीति करते आए हैं. चाहे बीजेपी हो या तृणमूल कांग्रेस या अन्य दल. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी की जयंती पर उन्हें याद करते हुए उनकी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित करने की मांग की है. उन्होंने इस अवसर पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. ममता बनर्जी ने कहा है कि सत्ता में आने से पहले भाजपा ने नेताजी के लापता होने की जांच करने का वादा किया था. आज तक भाजपा ने अपना वादा पूरा नहीं किया.
पश्चिम बंगाल में भाजपा के द्वारा आज सिलीगुड़ी और पूरे बंगाल में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुबेंदु अधिकारी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए कहा है कि अगर नेताजी देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो भारत का विभाजन होने से रोका जा सकता था.