सिक्किम प्रदेश का एक ऐसा मार्ग,जिस पर प्रत्येक सिक्किम निवासी नाज करते हो तो उस मार्ग के महत्व का पता आसानी से लग जाता है.
सिक्किम में 47 किलोमीटर लंबी यह सड़क है जिसे जवाहरलाल नेहरू मार्ग कहा जाता है. यह मार्ग सिक्किम की घाटियों से होकर गुजरता है. इसके अलावा इन इलाकों में भारी वर्षा और भूस्खलन भी होते रहते हैं. यह मार्ग हमेशा बादलों से ढका रहता है.
जवाहरलाल नेहरू मार्ग के महत्व का पता इस बात से भी लग जाता है कि यह सड़क चीन की सीमा के साथ पूर्वी सिक्के में तैनात सशस्त्र बल के भरण-पोषण के लिए आवश्यक तो है ही,इसके साथ ही चीन के साथ व्यापार के उद्देश्य से भी काफी महत्वपूर्ण है. ना केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी जवाहरलाल नेहरू मार्ग महत्वपूर्ण है.
अचानक जवाहर लाल नेहरु मार्ग की चर्चा इसलिए होने लगी है कि अब इसका पुनर्निर्माण और कायाकल्प किया जा रहा है. नाथूला दर्रा तक पहुंचने के लिए इसी मार्ग का इस्तेमाल पर्यटक करते हैं. सेना के जवान भी इसी मार्ग से आवागमन करते हैं. प्राथमिक चरण का काम पूरा हो चुका है तथा दूसरे चरण का काम तेजी से हो रहा है.
1961 में सीपीडब्ल्यूडी ने cl5 सड़क के रूप में इस सड़क को विकसित किया था. 1964 में सीमा सड़क संगठन बनने के बाद जवाहरलाल नेहरू मार्ग को बीआरओ को सौंप दिया गया ताकि सड़क का कुशल रखरखाव हो सके. बीआरओ ने इस सड़क को आरंभ में cl-9 तथा बाद में एनएचडीएल के लिए अपग्रेड के लिए काम किया.
वर्तमान में इतना महत्वपूर्ण जवाहरलाल नेहरू मार्ग उपेक्षित पड़ा था. जिसका पुनर्निर्माण और कायाकल्प तेजी से किया जा रहा है. इस मार्ग पर ट्रैफिक का बड़ा बोझ भी है. इसलिए इसकी सतह खराब होने लगती है. सतह खराब होने से सशस्त्र बल तथा पर्यटक दोनों के लिए कठिनाई पैदा करती है.
अब राज्य में स्वस्तिक परियोजना के तहत जवाहरलाल नेहरू मार्ग का कायाकल्प किया जा रहा है. राज्य के बहादुर सैनिकों तथा सामाजिक संगठनों के लोग जवाहरलाल नेहरू मार्ग को नया लुक देने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अंतर्गत वक्र सुधार, सड़क सुरक्षा उपाय,चेतावनी मार्किंग ,रोड मार्किंग इत्यादि संकेतक अपनाए जा रहे हैं.
मार्ग बन जाने से पहले पर्यटकों को नाथूला तक पहुंचने में 2 घंटे लग जाते थे. वर्तमान में डेढ़ घंटे में से भी कम समय में नाथूला दर्रा पहुंचा जा सकता है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि प्रत्येक सिक्किम के नागरिक को जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर गर्व है. यही कारण है कि 47 किलोमीटर लंबी जवाहरलाल नेहरू सड़क आकर्षक कलेवर में झांकने लगी है.