अगर आप ब्लड प्रेशर, मधुमेह, हृदय रोग आदि से संबंधित बीमारियों का सामना कर रहे हैं और उसके लिए नियमित रूप से दवाइयां खा रहे हैं तो आज से नियमित रूप से ली जाने वाली दवाइयां आपकी जेब पर भारी पड़ने वाली हैं. यह नियमित दवाइयां आज से महंगी हो गई हैं. पर इसके साथ ही गुड न्यूज़ यह है कि असली और नकली दवाइयों की पहचान भी आसान हो गई है. अब आप qr कोड को स्कैन करके आसानी से जान सकते हैं कि आपकी दवा असली है या नकली. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन की ओर से इस संबंध में एक नोटिस जारी किया गया है.
इस तरह से मरीज के लिए बुरी खबर के साथ-साथ सरकार ने एक अच्छी खबर भी दी है. बाजार में भारी मात्रा में नकली दवाइयां बिक रही है. ऐसे में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ने मरीजों के लिए एक अच्छी खबर दी है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि क्यूआर कोड को स्कैन करने से 300 संदिग्ध दवाओं की जानकारी मिल सकती है. आप बाजार से जो भी दवा खरीदते हैं, उसके qr कोड को स्कैन करें. इससे पता चल जाएगा कि वह नकली है या असली. पूर्व में कोलकाता, वर्धमान ,हुगली, सिलीगुड़ी समेत राज्य के विभिन्न शहरों में नकली दवाइयों के मिलने से केंद्रीय और राज्य स्वास्थ्य विभाग परेशान था. आपको बताते चलें कि 300 दवाइयों की पहचान नकली दवाइयों के रूप में की गई है.
दूसरी ओर आज से 900 दवाइयां महंगी हो गई हैं. एक तो लोग पहले से ही महंगाई और महंगी दवाइयों से जूझ रहे हैं. बाजार में दवाइयों की कीमत लगातार बढ़ रही है. अब महंगाई से परेशान लोगों की मुसीबत और ज्यादा बढ़ जाएगी. क्योंकि साधारण स्वास्थ्य समस्या से लेकर जटिल स्वास्थ्य समस्या वाले मरीजों के लिए नियमित रूप से ली जाने वाली दवाइयों की कीमत में आज से इजाफा हो गया है. इन दवाइयां की रियलिटी चेक के लिए निर्देश दिया गया है कि राज्य औषधि नियंत्रण विभाग सभी दवा दुकानों और थोक विक्रेताओं को अपने गोदाम में क्यूआर कोड चिपकाने का आदेश जारी करें ताकि खरीदने वाला और बेचने वाला दोनों दवा का सत्यापन कर सकें.
जिन दवाइयों की कीमत में बढ़ोतरी की गई है, उनमें एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल, मलेरिया, पेनकिलर, डायबिटीज की दवा तथा हृदय रोगियों के लिए स्टैंट की कीमतें भी बढ़ गई है. अगर आप हृदय रोग से पीड़ित है और स्टेंट लगवाना चाहते हैं तो अब इसके लिए आपको ज्यादा खर्च करने की जरूरत होगी. लगभग सभी छोटे बड़े मेडिकल स्टोर्स में एंटीबायोटिक्स दवाइयां मिल जाती हैं. इनमें amoxicillin clavulanic acid dry syrup सबसे ज्यादा व्यवहार किया जाता है. 200 मिलीग्राम वाला acyclovir अब 7.74 प्रति टैबलेट बाजार में मिलेगा. जबकि एसाइक्लोविर 400 mg वाला प्रति टैबलेट लगभग 14 रुपए में प्राप्त होगा.
बाजार में पेनकिलर सबसे ज्यादा बिकती है. हर मेडिकल स्टोर्स में पेन किलर मौजूद रहती है. इन दवाइयों में डाइक्लोफिनेक 2.09 रुपए प्रति टैबलेट और आइबुप्रोफेन लगभग 72 पैसे प्रति टैबलेट महंगी हो गई है. मधुमेह की लगभग सभी चर्चित दवाइयां महंगी हुई है. अब मधुमेह की कोई भी दवा ₹10 से नीचे नहीं मिलेगी. dapagliflozin, मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड,glimepiride ₹12.74 पैसे प्रति टैबलेट की दर से महंगी हुई है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि जरूरी दवाइयां की कीमत बढ़ने से लोगों की परेशानी और बढ़ेगी.
जरूरी दवाइयों की मूल्य वृद्धि को लेकर सरकार की सफाई है कि दवा कंपनियों की लागत बढ़ी है और उत्पादन खर्च में भी वृद्धि हुई है. इसलिए दवाइयों की कीमत बढ़ना लाजिमी था. सरकार के तर्क और सफाई से आप कितने संतुष्ट हैं, यह तो पता नहीं. परंतु इसमें कोई दो राय नहीं है कि दवाइयां की कीमत में बढ़ोतरी मरीजों की परेशानी में और इजाफा करने वाली है. खासकर साधारण, गरीब और मध्यम वर्ग के मरीज और ज्यादा परेशान होंगे.
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