टीएमसी में all इज नॉट वेल, तो भाजपा में भी खींचतान जारी है. प्रदेश भाजपा नेता अर्जुन सिंह के मकान में गोलीबारी हुई है. उनके आवास पर बम भी फेके गए हैं. एक भी हमलावर पकड़ा नहीं गया है. क्या है पूरा मामला? टीएमसी में सब कुछ ठीक क्यों नहीं है? जानिए इस रिपोर्ट में…
वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है. पार्टी में गुटबाजी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है. पार्टी के कई विधायक बगावत करने के मूड में आ चुके हैं. ऐसा लगता है कि उन्हें अब किसी का कोई डर नहीं है. फिलहाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लंदन में है.उनके कोलकाता लौटने का इंतजार किया जा रहा है.जबकि दूसरी तरफ टीएमसी के 25 से अधिक विधायक पार्टी छोड़ने का बहाना ढूंढ रहे हैं. यह कहना है बंगाल की राजनीति को करीब से जानने वाले राजनीतिक पंडितों का.
राज्य की टीएमसी सरकार और पार्टी ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर बजट सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में सदन की कार्रवाई के दिन उपस्थित रहने का आदेश दिया था. लेकिन सूत्र बताते हैं कि आदेश के बावजूद टीएमसी के कई विधायक सदन में अनुपस्थित रहे. टीएमसी के लिए यह घटना ना काबिले बर्दाश्त मानी जा रही है. यही कारण है कि पार्टी इन विधायकों से निपटने के लिए ममता बनर्जी का इंतजार कर रही है. सूत्रों ने बताया कि 25 से लेकर 30 विधायकों के खिलाफ टीएमसी अनुशासन समिति कार्रवाई करने के लिए रणनीति तैयार कर रही है.
पार्टी का आदेश न मानने वाले विधायकों की सूची तैयार कर ली गई है.29 मार्च को पार्टी मुख्यालय में अनुशासन समिति की बैठक होने वाली है. पर इनका फैसला ईद के बाद ही मुख्यमंत्री कर सकती हैं. पार्टी संसदीय दल ने हाई कमान के निर्देश पर बगावती तेवर अपनाने वाले पार्टी विधायकों की सूची तैयार कर ली है. ईद के बाद इन विधायकों की किस्मत का फैसला होगा. जानकार मानते हैं कि फिलहाल टीएमसी में सब कुछ ठीक नहीं है. ऐसे में ममता बनर्जी इन विधायकों के बारे में सोच समझकर फैसला करेंगी. वह नहीं चाहेंगी कि राज्य विधानसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी में टूट हो. वह राज्य में नकारात्मकता का माहौल नहीं बनाना चाहती हैं. ताकि भाजपा को इसका फायदा मिले.
टीएमसी के 25 से 30 विधायकों के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी क्या कार्रवाई करेंगी, यह सभी कयासों और संशय के घेरे में है. फैसला मुख्यमंत्री को लेना है. फिलहाल तृणमूल संसदीय कार्य मंत्री और अनुशासन समिति के अध्यक्ष शोभन देव चट्टोपाध्याय ममता बनर्जी की बाट जोह रहे हैं. उनकी मर्जी से ही विधायकों के खिलाफ करवाई होने वाली है. इस बीच मुख्य सचेतक घोष ने कहा है कि हम सभी ममता बनर्जी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं. इसलिए पार्टी के निर्देशों का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि बजट सत्र के अंतिम दो दिनों में चार महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए थे. इसलिए विधायकों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था. अगर विधायक पार्टी के निर्देश को नहीं मानेंगे तो अनुशासन समिति उनसे जवाब मांगने के लिए स्वतंत्र है. फिलहाल बंगाल की राजनीति में हिंसा और गुटबाजी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है. चाहे बीजेपी हो या टीएमसी. दोनों ही दलों में बागी नेता पार्टी की नैया डुबाने में लगे हैं.
आज भाजपा नेता अर्जुन सिंह के आवास पर गोलीबारी हुई है. उनके आवास पर बम भी फेक गए हैं. टीएमसी के एक नेता पर आरोप लगा है. पुलिस अभी तक हमलावरों को पकड़ नहीं पाई है. बैरकपुर के पुलिस आयुक्त अजय ठाकुर ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया है कि टीएमसी पार्षद सुनीता सिंह के बेटे ने पुलिस के सामने ही उन पर गोलियां चलाई. यह मामला मेघना जूट मिल से जुड़ा हुआ है. अर्जुन सिंह के अनुसार कम से कम 5 से 7 राउंड गोलियां चलाई गई है.
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