जलपाईगुड़ी जिले में धुपगुड़ी विधानसभा उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार कर रही है. यहां भाजपा, तृणमूल कांग्रेस और वार्म मोर्चा के बीच त्रिकोणात्मक मुकाबला है. भाजपा से तापसी राय को उम्मीदवार बनाया गया है. यह सीट भाजपा विधायक विष्णु पद राय के निधन के बाद रिक्त हुई थी. 5 सितंबर को यहां चुनाव होना है.
तृणमूल कांग्रेस की ओर से निर्मल चंद्र राय को प्रार्थी बनाया गया है. जबकि वाम मोर्चा ने ईश्वर चंद्र राय को अपना उम्मीदवार बनाया है. तीनों ही दलों की ओर से चुनाव प्रचार चल रहा है. तृणमूल कांग्रेस धुपगुरी विधानसभा सीट को अपनी झोली में डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. तृणमूल कांग्रेस के छोटे से लेकर बड़े नेता और मंत्री धुपगुरी में डेरा डाल चुके हैं और तृणमूल कांग्रेस की जीत पक्की करने की रणनीति बना चुके हैं.
भाजपा की ओर से प्रदेश भाजपा के बड़े नेता धुपगुरी में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इन नेताओं में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, विपक्ष के नेता सुबेंदु अधिकारी, सुभाष सरकार के अलावा कई केंद्रीय मंत्री और नेता शामिल है. जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच तलवार खिच चुकी है, उससे लगता है कि मुकाबला दोनों ही पार्टियों के बीच होने वाला है.
यहां निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां तैनात की जा चुकी है. जबकि यहां कुल 30 कंपनियां तैनात की जाने वाली है. इससे शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के आसार और बढ़ गए हैं. ऐसे में विभिन्न दलों के प्रत्याशियों की तरफ से चुनाव जीतने के लिए खूब पसीने बहाए जा रहे हैं.धुपगुरी उपचुनाव में अलग महकमा बनाने का मुद्दा हावी हो चुका है.
भाजपा और वाममोर्चा के नेता और उम्मीदवार जनता से वादा कर रहे हैं. भाजपा और वाम मोर्चा के उम्मीदवार जनता से कहते हैं कि चुनाव जीतने के बाद वह विधानसभा में धुपगुरी को महकमा बनाने की मांग उठाएंगे. जबकि तृणमूल कांग्रेस कहती है कि सिर्फ उनकी पार्टी ही धुपगुड़ी को महकुमा बना सकती है. जलपाईगुड़ी जिले में जलपाईगुड़ी सदर और माल दो महकमे है.धुपगुरी प्रशासनिक ब्लॉक को भी तोड़कर वानरहाट ब्लॉक बनाया गया है. धुपगुरी और वानरहाट ब्लॉक मिलकर ही धुपगुरी विधानसभा क्षेत्र बनाते हैं.
तीनों ही पार्टियो की ओर से धुपगुरी को अलग महकमा बनाने का दावा किया किया जा रहा है. इस क्षेत्र में लगभग 5 लाख लोग रहते हैं. यह क्षेत्र माल बाजार, अलीपुरद्वार, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी से सड़क और रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है. अब देखना है कि यहां के मतदाता किस पार्टी पर अधिक भरोसा करते हैं. हालांकि अलग महकमा बनाने का अधिकार केवल सत्तारूढ पार्टी को है. अत: तृणमूल कांग्रेस के नेता और उम्मीदवार इसका लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि भाजपा भी सहानुभूति का वोट हासिल करने की पूरी कोशिश कर रही है. जो भी हो 5 सितंबर को ही असली परिदृश्य सामने आएगा.