यूं तो सिलीगुड़ी में भीख मांगने वाले सभी चौक चौराहों पर मिल जाते हैं. परंतु पानीटंकी मोड़ पर भीख मांगने वाले ना मिले, ऐसा हो नहीं सकता. सिलीगुड़ी में यूं तो लाल बत्ती चौक अनेक हैं. जहां गाड़ियां देर तक रूकती हैं. परंतु हाशमी चौक और पानीटंकी मोड पर सबसे ज्यादा देर तक गाड़ियां रूकती है. आमतौर पर हाशमी चौक और पानी टंकी मोड हमेशा व्यस्त रहता है. इसलिए यहां ट्रैफिक नियंत्रण के लिए ट्रैफिक गार्ड की भी व्यवस्था है. यहां हर समय एक से ज्यादा ट्रैफिक पुलिसकर्मी और सिविक वॉलिंटियर तैनात रहते हैं.
यह कहा जाता है कि सिलीगुड़ी शहर में किसी और सड़क या चौराहे पर भीख मांगने वाले मिले या ना मिले, परंतु पानी टंकी मोड़ पर जरूर मिल जाएंगे. यहां बच्चों से लेकर अधेड़ उम्र के स्त्री पुरुष भीख मांगते नजर आएंगे. जैसे ही आप विधान रोड अथवा हाशमी चौक से सेवक रोड या पानी टंकी जाने के लिए वाहन से गुजरते हैं, तो पानी टंकी मोड पर आपको गाड़ियां खड़ी करनी पड़ सकती है. इसी समय भीख मांगने वाले आपके पास से गुजरेंगे और जब तक आप से कुछ ले ना ले वह वही अडे रहते हैं.
कई लोग भीख मांगने वाले लोगों पर कृपा करते हैं. उन्हें सहानुभूति की नजर से देखते हैं तथा उन पर दया दृष्टि दिखाते हुए जेब से निकालकर कुछ ना कुछ रूपए पैसे जरूर दे देते हैं. कई लोग उन पर नजर भी नहीं रखते. परंतु यह इतने ढीठ होते हैं कि आपकी गफलत का फायदा उठाते हुए आपकी जेब में भी हाथ डाल ले! ऐसे में आपको ऐसी जगह सतर्क रहना जरूरी है. कम से कम अपने पर्स और कीमती चीज का जरूर ध्यान रखें.
कुछ लोगों की शिकायत है कि भीख मांगने वाले कार के भीतर भी हाथ डाल देते हैं, जब आपकी गाड़ी लाल बत्ती पर रुकी होती है.कुछ लोगों ने बताया कि ऐसे लोग दो रुपया या ₹5 से संतुष्ट नहीं होते.उन्हें कम से कम ₹10 चाहिए होता है और भीख में रूपए हासिल करने के लिए वे वहां तब तक अडे रहते हैं,जब तक कि हरी बत्ती नहीं हो जाती. ताज्जुब की बात है कि वहां ट्रैफिक पुलिस के जवान भी रहते हैं लेकिन वह भी कुछ नहीं करते.
हालांकि इन भिखारियों के द्वारा अब तक कोई बड़ी वारदात की जानकारी नहीं मिल पाई है. परंतु यह कैसे पता हो कि वे जरूरतमंद हैं अथवा इसकी आड़ में जेबकतरे. बेहतर है कि इन भिखारियों को भीख ही ना दी जाए. परंतु सिलीगुड़ी के लोग बड़े दयालु होते हैं. पर डर है कि कहीं उनकी यह उदारता और दयालुता किसी दिन उन पर भारी ना पड़ जाए!
वर्तमान समय में कई शातिर लोग भिखारी का स्वांग रच कर तरह तरह का प्रदर्शन करते हैं. दरअसल उनकी नजर शिकार पर रहती है. जैसे ही मौका मिलता है, वे अपना उल्लू सीधा कर लेते हैं. पूर्व में ऐसी कई घटनाएं घटी हैं,जहां अपराधी की तलाश में पुलिस ने ऐसे ही भीख मांगने वाले को पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लिया था. सिलीगुड़ी में ऐसी कोई अप्रिय वारदात ना हो, ऐसे में पुलिस और नागरिक दोनों को ही सावधान रहने की जरूरत है. प्रशासन को चाहिए कि शहर में भीख मांगने वाले भिखारियों की पहचान हासिल करे और अजनबी लोगों पर नजर रखे. अन्यथा किसी दिन कोई बड़ी वारदात हो सकती है.