कोलकाता और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन का टिकट रेट ज्यादा होने के बावजूद ट्रेन 100% आरक्षण के साथ नियमित रूप से चल रही है. इस ट्रेन में यात्रा करने का मतलब विमान में यात्रा करने जैसा है. अगर आप सोचते हैं कि इस ट्रेन से आप कभी भी न्यू जलपाईगुड़ी और कोलकाता जा सकते हैं तो यह आपकी भूल होगी. क्योंकि टिकट रेट ज्यादा होने के बावजूद वंदे भारत ट्रेन 100% आरक्षित सीटों के साथ यातायात कर रही है.
क्योंकि ट्रेन में सभी तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. यात्रियों के लिए सुरक्षा की अत्याधुनिक तकनीक और मनोरंजन के सभी संसाधन उपलब्ध हैं. इस ट्रेन में वाईफाई कंटेंट ऑन डिमांड की सुविधा भी है. हर कोच में यात्री सूचना तथा इन्फोटेनमेंट प्रदान करने के लिए 32 इंच स्क्रीन से लैस है तथा साइड रिकलाइनर सीट की सुविधा भी उपलब्ध है. ट्रेन के एग्जीक्यूटिव कोचों में 180 डिग्री घूमने वाली सीटों की अतिरिक्त विशेषता भी इस ट्रेन को अलग स्वरूप देती है.
सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति तक चल सकती है.कोलकाता और एनजेपी के बीच चलने वाली इस ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्री बताते हैं कि उन्हें इस ट्रेन से कोलकाता अथवा सिलीगुड़ी आने जाने में काफी सुविधा होती है. एक तो ट्रेन में समय कम लगता है और दूसरा वे जिस काम से जाते हैं वह एक ही दिन में पूरा भी हो जाता है.
कई लोग मेडिकल और व्यवसाय के लिए कोलकाता जाते हैं. यह सब एक ही दिन में पूरा हो जाता है.यात्रियों को होटल में ठहरने और दूसरे खर्चे से बचाव हो जाता है. यही कारण है कि यात्री वंदे भारत ट्रेन से ही सिलीगुड़ी और कोलकाता आना जाना पसंद कर रहे हैं. रेलवे सूत्रों से
रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब से यह ट्रेन चल रही है तभी से यह हमेशा 100% आरक्षण के साथ दौड़ रही है. जल्द ही एनजेपी से गुवाहाटी के बीच एक और वंदे भारत ट्रेन चलने वाली है. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या यही ट्रेन गुवाहाटी तक जाएगी या फिर कोई अन्य वंदे भारत ट्रेन होगी. हालांकि इस बात की संभावना कम है कि इस ट्रेन को गुवाहाटी तक बढ़ाया जाएगा
हो सकता है कि एक नई वंदे भारत ट्रेन एनजेपी से गुवाहाटी तक चलाई जाए. इस समय पूरे देश में 10 बंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं. उनमें यह ट्रेन सातवीं ट्रेन है. इस ट्रेन का उद्घाटन 30 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.