ऐसा लगता है कि लक्ष्मी टाउनशिप लिमिटेड और चांदमणि उत्तरायण वेलफेयर सोसाइटी के बीच तलवारें खींच चुकी हैं. दोनों ओर से मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा है. लक्ष्मी टाउनशिप लिमिटेड द्वारा चांदमणि उत्तरायण वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों पर मुकदमा दर्ज करने के बाद चांदमणि उत्तरायण वेलफेयर सोसाइटी की ओर से भी माटीगाड़ा पुलिस थाना और उत्तरायण पुलिस आउटपोस्ट में शिकायत दर्ज कराई गई है. जिसमें लक्ष्मी टाउनशिप को नामजद किया गया है.
चांदमणि उत्तरायण वेलफेयर सोसाइटी के सचिव गोपाल मजूमदार ने लक्ष्मी टाउनशिप लिमिटेड पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत लक्ष्मी टाउनशिप लिमिटेड के लोग उत्तरायण स्थित उनके ऑफिस और दूसरी परिसंपत्तियों को निशाना बना रहे हैं तथा शांत माहौल को अशांत करना चाहते हैं. उन्होंने सफाई में कहा है कि उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है बल्कि लक्ष्मी टाउनशिप लिमिटेड ने माननीय अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है
माटीगाडा पुलिस स्टेशन तथा उत्तरायण पुलिस आउटपोस्ट में दर्ज कराई गई शिकायत में चांदमणि उत्तरायण वेलफेयर सोसाइटी का 31 मार्च की घटना के संबंध में पक्ष सामने आया है. सोसाइटी ने पुलिस प्रशासन का ध्यान मध्यस्थता केस नंबर 12/ 2019 के संदर्भ में दार्जिलिंग डिस्ट्रिक्ट जज के अंतरिम आदेश का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि 3 जुलाई 2019 के समझौते का पालन दोनों पक्ष करेंगे. विद्वान जज प्रणव कुमार चट्टोपाध्याय ने 12 सितंबर 2019 को पूरा मसला देखने के बाद एक आर्डर पास किया था.
चांदमणि उत्तरायण वेलफेयर सोसाइटी ने आरोप लगाया है कि लक्ष्मी टाउनशिप लिमिटेड ने 31 मार्च की घटना को एक सोची-समझी योजना के तहत अंजाम दिया था. उनका इरादा चांदमणि उत्तरायण वेलफेयर सोसाइट सोसायटी के ऑफिस तथा अन्य परिसंपत्तियों को जबरन दखल करके उसे तीसरी पार्टी के हाथ बेचना है. इस पत्र में कहा गया है कि लक्ष्मी टाउनशिप के लोगों के द्वारा उनके होर्डिंग को उतार दिया गया और बोर्ड को गंभीर क्षति पहुंचाई गई है. इसीलिए पुलिस प्रशासन से इस संदर्भ में उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है.
धीरे-धीरे यह मामला गंभीर होता जा रहा है. क्योंकि लक्ष्मी टाउनशिप लिमिटेड ने उत्तरायण वेलफेयर सोसाइटी के जिन जिन सदस्यों को आरोपी बनाया है, वह भी सामने आएंगे और अपना पक्ष रखेंगे. इस पूरे प्रकरण के पीछे सच्चाई क्या है, यह तो अदालत और पुलिस ही तय करेगी. परंतु ऐसा लगता है कि इस तरह से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला इतनी जल्दी थमने वाला नहीं है.