इन दिनों पहाड़ के मिरिक जिले और कर्सियांग में गर्मी के बीच लोगों को पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो गया है. मिरिक में ₹1000 प्रति टैंकर पानी खरीद कर लोग पी रहे हैं. नल है लेकिन जल नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर घर नल योजना राशि का दुरुपयोग हुआ है. इसके अलावा मिरिक जिले में ना तो बोरिंग है और ना ही बोरिंग में जल. यहां सरकारी योजनाएं जनता के हितों से दूर भटक गई हैं. नगर पालिका के कार्यों में पारदर्शिता नहीं है. अधिकांश सरकारी योजनाओं में बाबुओं के भ्रष्टाचार का गोरखधंधा चल रहा है.
कर्सियांग में भी कमोबेश यही स्थिति है. हाल में यहां कई योजनाएं चल रही हैं. जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, विकलांग भत्ता के लिए सही पात्र का चुनाव ना होना या फिर जरूरतमंदों को भत्ता ना मिलना, विधवा भत्ता में भ्रष्टाचार, जरूरतमंदों को सरकारी सहायता से दूर रखना और मुट्ठी भर लोगों को सभी तरह की सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के अलावा इस मौसम में पेयजल संकट तथा जनता से जुड़े हित के कार्य करने में कर्सियांग नगर पालिका की कोताही इत्यादि. यह आरोप एक पार्टी के आरटीआई प्रवक्ता ने लगाया है.
आपको बता दें कि चाहे मिरिक का मामला हो अथवा कर्सियांग का, यह सभी जानकारी पहाड़ में केंद्रीय हाम्रो पार्टी के एक प्रवक्ता लाडुप घिसिंग के बयान पर आधारित है, जो उन्होंने खबर समय के साथ फोन पर बात करते हुए जानकारी दी है. पिछले दिनों हमरो पार्टी के प्रवक्ता लाडुप घिसिंग ने अपने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए आरटीआई के जरिए कर्सियांग और मिरिक प्रशासन से जवाब मांगा है.दोनों नगर पालिकाओं के द्वारा अभी तक उनके सवालों के उत्तर नहीं दिए गए हैं.
हमरो पार्टी के प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि मिरिक तथा कर्सियांग के नागरिक छले जा रहे हैं. नगर पालिका के कर्मचारी लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहाड़ में जनता के लिए जितने भी सरकारी फंड आते हैं, उनका या तो इस्तेमाल नहीं किया जाता अथवा दुरुपयोग किया जाता है.उन्होंने दावा किया कि 2017 में मिरिक नगर पालिका और पहाड़ में बोरिंग के लिए फंड रिलीज किया गया था, लेकिन उसका सही वितरण नहीं हुआ अथवा फ॔ड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.
उन्होंने दावा किया कि पहाड़ में इस समय राज्य और केंद्र की कई योजनाएं चल रही है. इसके लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई है. लेकिन जिनके लिए यह काम करना चाहिए, उन जरूरतमंदों तक राशि पहुंचाई नहीं जा रही है या फिर आवास जैसी योजनाओं में रिश्वत का खेल चल रहा है. जिसके कारण जो इसके हकदार हैं उन तक राशि नहीं पहुंच रही है और जो इसके हकदार नहीं हैं, उन्हें आवास उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए जिम्मेदार कौन है.
हमरो पार्टी के प्रवक्ता ने यहां सरकारी योजनाओं में बंदरबांट का भी आरोप लगाया है. उन्होंने जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों से जवाब मांगा है.परंतु उनके सवालों के उत्तर नहीं दिए गए. लाडुप घिसिंग ने नगर पालिका के अधिकारियों को भेजे गए अनेक पत्रों पर उचित जवाब ना मिलने से निराश होकर कोलकाता में स्थित आरटीआई मुख्यालय को संज्ञान में दिया है. उन्होंने कहा है कि पहले वह एक नागरिक है. उसके बाद किसी पार्टी के प्रवक्ता. संविधान ने हर व्यक्ति को मौलिक अधिकार दिए. कोई भी सरकार या प्रशासन या नगरपलिका नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं कर सकती.
उन्होंने दावा किया है कि पहाड़ में सरकारी फंड का दुरुपयोग किया जा रहा है. पूर्व में कई योजनाएं यहां नागरिकों के हित में लाई गई थी. लेकिन कम समय में ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. उस समय से यही सब चल रहा है. पहाड़ में कुछ भी नहीं बदला है. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी जनता से जुड़े मुद्दे पर बात करेंगे तथा नागरिक अधिकारों के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक सांसद अथवा विधायक जनता से जुड़े मुद्दे सदन में उठाते हैं, ठीक उसी तरह से हर नागरिक को अपनी समस्या उठाने तथा उसका जवाब मांगने का प्रशासन से हक है और प्रशासन को जवाब देना ही होगा!