सहारा प्रमुख सुब्रत राय का मुंबई में निधन हो गया है. वह 75 साल के थे. सुब्रत राय की मृत्यु के साथ ही करोड़ों निवेशकों में हलचल मच गई है. अब सुब्रत राय नहीं रहे तो उनका पैसा कैसे मिलेगा. यह उनके समक्ष एक बड़ा सवाल बनकर खड़ा हुआ है. सहारा इंडिया परिवार के सर्वेसर्वा सुब्रत राय की मृत्यु के साथ ही सहारा कंपनी के निवेशकों को अपने पैसों की चिंता सताने लगी है.
हालांकि केंद्र सरकार की ओर से सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए निवेशकों को उनकी राशि लौटायी जा रही है. इसके जरिए सहारा के चार कोऑपरेटिव सोसाइटी में फंसे निवेशकों को उनके पैसे रिफंड किये जा रहे हैं. जानकार मानते हैं कि सुब्रत राय की मृत्यु के बाद इस प्रक्रिया पर कोई असर नहीं होने वाला है. यानी निवेशकों को सरकार उनकी रकम लौटाती रहेगी. जिन निवेशकों ने अपनी रकम प्राप्ति के लिए सहारा रिफंड पोर्टल पर आवेदन किया है, उनमें से ज्यादातर के कम्युनिकेटेड डिफिशिएंसी का मैसेज आ रहा है. अधिकांश निवेशकों के ओपनिंग एकाउंट फॉर्म सहारा डेटाबेस में अपलोड नहीं किए गए हैं. ऐसे निवेशकों को थोड़ी परेशानी हो सकती है. अथवा रिफंड पाने में थोड़ी देरी हो सकती है.
पूरे भारत में सहारा की दफ्तर- शाखाएं लगभग बंद हो चुकी है. कुछ शाखाएं जरूर चल रही थी, लेकिन सुब्रत राय की मृत्यु के बाद कदाचित उन शाखाओं को भी बंद कर दिया जाएगा. ऐसे में जिन निवेशकों का अकाउंट ओपनिंग फॉर्म डाटा बेस में अब तक अपलोड नहीं किया गया है, इसे लेकर थोड़ी समस्या हो सकती है. सीआरसी पोर्टल ने सहारा कोऑपरेटिव सोसाइटी से निवेशकों के ओपनिंग अकाउंट फॉर्म को डेटाबेस में अपलोड करने का अनुरोध किया है. पर देखना होगा कि सहारा प्रमुख की मौत के बाद इस प्रक्रिया पर क्या असर पड़ता है?
बताते चले कि सहकारिता मंत्रालय के मुताबिक अगस्त महीने तक 18 लाख से ज्यादा लोगों ने पोर्टल पर आवेदन किया था. जुलाई में लॉन्च हुए पोर्टल के माध्यम से पहले निवेशकों को जिनकी जमा राशि ₹10000 या इससे अधिक है, उसमें से ₹10000 तक की राशि का भुगतान किया जाएगा. पोर्टल पर आवेदन करने के लिए चारों समितियों का पूरा डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है, इसमें कहीं भी किसी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका नहीं है. निवेशकों के आवेदन भरने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर की व्यवस्था की गई है.
बहरहाल आगे बढ़ते हैं. सुब्रत राय का मंगलवार देर रात को निधन हो गया. उन्होंने मुंबई के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. आज उनका शव लखनऊ के सहारा शहर लाया गया, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी गई. मालूम हो कि सुब्रत राय हाइपरटेंशन और मधुमेह जैसी बीमारियों से लड़ रहे थे. हृदय गति रुकने से ही उनका देहांत हुआ.12 नवंबर को स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
सुब्रत राय ने अपने साथ लाखों-करोड़ों गरीब और ग्रामीण भारतीयों को जोड़ा, जिनके पास बैंकिंग की सुविधा नहीं थी. इन्हीं के सहारे उन्होंने सहारा ग्रुप खड़ा किया था. लेकिन जब सेबी ने उनके खिलाफ कदम उठाए तो दशकों का बनाया हुआ उनका साम्राज्य हिलने लगा. सहारा ग्रुप की लंबे समय से सेवी के साथ लड़ाई चल रही है. सुब्रत राय को जेल भी जाना पड़ा था.
सुब्रत राय के निधन से सहारा कंपनी के निवेशकों को ही नहीं बल्कि व्यापार, उद्योग से लेकर फिल्म इंडस्ट्री को भी गहरा सदमा लगा है. सुब्रत राय ने सहारा वन मोशन पिक्चर्स के बैनर तले लगभग 45 फिल्मों का निर्माण किया था. सुब्रत राय का हिंदी फिल्मों से गहरा लगाव रहा.